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बचपन में भाई-बहनों का बुरा बर्ताव बना सकता है बच्चे को मानसिक रोगी

बचपन में भाई या बहन का बुरा बर्ताव झेलने वाले बच्चे बड़े होने पर मानसिक रोगी हो सकते हैं। एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन के अनुसार ऐसे बच्चे जिन्हें बचपन में उनके भाई-बहन तंग (बुली)...

बचपन में भाई-बहनों का बुरा बर्ताव बना सकता है बच्चे को मानसिक रोगी
एजेंसी,ब्रिटेनFri, 01 Oct 2021 10:56 AM

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बचपन में भाई या बहन का बुरा बर्ताव झेलने वाले बच्चे बड़े होने पर मानसिक रोगी हो सकते हैं। एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन के अनुसार ऐसे बच्चे जिन्हें बचपन में उनके भाई-बहन तंग (बुली) करते हैं, बाद के जीवन में वे कई मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो सकते हैं। यॉर्क विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन में 11 से 17 साल तक के लगभग 17,000 युवाओं के डेटा का विश्लेषण किया।

किशोर उम्र में मानसिक समस्याओं का जोखिमः
बुलिंग (धमकाने) का मतलब है, जब कोई भावनात्मक या शारीरिक रूप से ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से परेशान करे या डांट लगाए। मतलब जब कोई भाई-बहन झगड़ा करे या नाम बिगाड़कर पुकारे, परेशान करे आदि। अध्ययन में पाया गया है कि बुली होने वाले 11 से 14 वर्ष के बीच के बच्चों में उनके 17वें जन्मदिन तक मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की संभावना अधिक थीं। अध्ययन के डेटा से पता चला कि जिन बच्चों के अपने भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध थे, उनकी तुलना में बुली होने वाले बच्चों में अंतर्मुखी होने की संभावना लगभग दोगुनी थी।

पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि भाई-बहनों के बुरे बर्ताव से स्कूलों में तत्काल मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयां और समस्याएं हो सकती हैं। ब्रिटेन और अमेरिका में हर साल पांच में से एक युवा को भाई-बहनों या अन्य बच्चों द्वारा स्कूल, एक्टिविटी शिविरों या अन्य स्थानों पर बुली किया जाता है। अध्ययन में ऐसे 17,157 बच्चों को शामिल किया गया, जिनका एक और बहन या भाई है। 

समय के साथ जवाबों में अंतर आयाः
अध्ययन में लड़कों और लड़कियों की समान संख्या थी। अध्ययन के दौरान अभिभावकों से खासकर मां से पूछा गया कि क्या घर में बुलिंग हो रही है। प्रतिभागी जब 17 साल के हुए तो बच्चों से उनके मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ माता-पिता के बारे में भी पूछा गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जब बच्चे 11 से 14 साल के थे, तब माता-पिता और बच्चों के जवाब मेल खाते थे। मगर जब बच्चे 17 साल के थे, तब उनके और अभिभावकों के जवाबों में अंतर था। 

बुलिंग को चार श्रेणियों में बांटाः
बुलिंग को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया था- एक जिसमें बहन भाइयों द्वारा तंग किया गया, दूसरा जिसमें अपने भाई-बहनों को तंग किया गया, तीसरी श्रेणी में वे जिन्होंने अपने भाई-बहनों को बुली भी किया और बुली हुए भी और चौथी श्रेणी में वे बच्चे रहे, जिन्होंने अपने भाई-बहनों को बुली नहीं किया। बच्चों के उत्साह के स्तर को निर्धारित करने के लिए बच्चों से अपनी मानसिक सेहत और आत्मसम्मान को रैंक देने के लिए कहा गया।

अध्ययन में शामिल कुल बच्चों में से आधे बच्चों को 11 साल की उम्र में उनके भाई-बहनों ने बुली किया था। साथ ही इन बच्चों ने अपने भाई-बहनों को बुली भी किया था। हालांकि 14 साल की उम्र में इसमें एक तिहाई गिरावट आई। अध्ययन के निष्कर्षों में देखा गया कि बुली होने वाले बच्चों में मानसिक समस्याओं का जोखिम अधिक था। उनमें मनोवैज्ञानिक रूप से परेशान होने और खुद को नुकसान पहुंचाने की संभावना भी अधिक थी।

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