उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में 33 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले शिवालिक वन क्षेत्र ने चौथा बाघ संरक्षित क्षेत्र बनाने की ओर कदम बढ़ा दिये हैं। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि शिवालिक वन क्षेत्र को टाइगर रिजर्व बनाने की मुहिम की शुरूआत पिछले मंडलायुक्त संजय कुमार ने की थी। उन्होंने इसके लिए इसी साल जून में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि शिवालिक वन क्षेत्र में टाइगर रिजर्व क्षेत्र बनाने के लिए वहां रह रहे 14 वन गूर्जरों को वहां से विस्थापित किया जाना आवश्यक है।
उन्होने बताया कि उप जिलाधिकारी बेहट दीप्ति देव ने 14 में से चार वन गूर्जरों से सहमति पत्र प्राप्त कर लिया है। 1० वन गूर्जर भी अपने अपने 1० डेरो को छोड़ने पर सहमत हैं। इसके बाद टाइगर रिजर्व की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो जाएगी।
मंडलायुक्त एवी राजमौली ने बताया कि प्रस्तावित शिवालिक टाइगर रिजर्व में दूसरे स्थानों से एक दर्जन टाइगर मिल सकेंगे। शिवालिक वन क्षेत्र में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा अध्ययन में पाया गया कि वहां 5० के करीब लैपर्ड मौजूद हैं और यह स्थान टाइगरों के रहने और आवागमन के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है। सबसे अच्छी बात यह है कि शिवालिक वन क्षेत्र का टाइगर रिजर्व राजा जी नेशनल पार्क से सटा हुआ है और यहां रहने वाले टाइगर आसानी से दोनों पाकोर्ं में भ्रमण कर सकते हैं।
राजा जी टाइगर रिजर्व उत्तराखंड, हिमाचल और हरियाणा राज्यों की सीमाओं से सटा हुआ है। शिवालिक टाइगर रिजर्व बन जाने से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी और सरकार की आय भी बढ़ेगी। वनवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे। शिवालिक वन क्षेत्र पहले से ही हाथी रिजर्व के रूप में घोषित है। वर्ष 2००9 में इस वन क्षेत्र को राज्य सरकार ने हाथियों के लिए सुरक्षित और उपयुक्त स्थान घोषित किया था। उनकी हाल ही में की गइ गणना में शिवालिक वन क्षेत्र में 18 हाथियों की मौजूदगी पाई गई है।