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सफारी के पटौदी-मरियम बनेंगे गोरखपुर प्राणी उद्यान की शान

इटावा स्थित सफारी पार्क में पले बढ़े शेर पटौदी और मरियम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर्मक्षेत्र गोरखपुर मे निमार्णाधीन अशफाक उल्ला प्राणी उद्यान की शान बनेंगे। इन दोनो शेरों को कड़ी...

सफारी के पटौदी-मरियम बनेंगे गोरखपुर प्राणी उद्यान की शान
एजेंसी ,इटावा,Fri, 26 Feb 2021 06:23 PM
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इटावा स्थित सफारी पार्क में पले बढ़े शेर पटौदी और मरियम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर्मक्षेत्र गोरखपुर मे निमार्णाधीन अशफाक उल्ला प्राणी उद्यान की शान बनेंगे। इन दोनो शेरों को कड़ी सुरक्षा के बीच इटावा सफारी पार्क के डाक्टर और कीपरो की टीम की देखरेख में शुक्रवार शाम रवाना कर दिया गया। इटावा सफारी पार्क के निदेशक राजीव मिश्रा ने बताया कि लायन सफारी में 18 माह का वक्त गुजारने के बाद पटौदी और मरियम की जोड़ी को भेजा जा रहा है । वह गोरखपुर चिड़ियाघर के लिए ही यहां लाए गए थे। दोनों को सकुशल पहुंचाने के लिए एक डाक्टर, फारेस्टर, दो कीपर साथ भेजे गये हैं। दो घंटे को एक रेस्ट भी शेरो को बीच रास्ते मे दिया जायेगा ताकि उनको खाना पानी दिया जा सके ।
उन्होने कि इटावा सफारी से दो शेरो को गोरखपुर भेजे जाने से लायन सफारी के खुलने पर कोई प्रभाव पडेगा क्योंकि सफारी के खुलने के लिए यहॉ पर पयार्प्त शेर है। शेरों को गोरखपुर भेजे जाने को लेकर समाजवादी पाटीर् (सपा) जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने पत्रकारो से कहा कि सफारी पार्क से शेरो को भेजा जाना उचित नही है जो शेर इटावा के लिए आये थे उनको इटावा ही रहना देना चाहिए था ।  इटावा से शेरो को मंगाया जाना कही ना कही लायन सफारी को खुलने की प्रकिया पर जरूर असर पडेगा। भले ही इटावा सफारी पार्क आम पर्यटको के लिए खोल दिया गया हो लेकिन सफारी का मुख्य आकर्षण लायन सफारी ही है जिसको खोला जाना बेहद ही जरूरी है। गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट शहीद अशफाक उल्ला प्राणी उद्यान को भेजने के लिए इन शेरों चयन किया गया है । यह प्राणी उद्यान बनकर तैयार हो गया है और मार्च में इसका शुभारंभ किया जाना है। इटावा सफारी में 26 सितंबर 2०19 को गुजरात से सात शेरों को लाया गया था। इनमें से एक शेर तौकीर की मौत हो चुकी है।25 सितंबर 2०19 को गुजरात से इटावा सफारी पार्क लाये गये तौकीर शेर ने 6 अक्टूबर से बिल्कुल खाना बंद कर दिया था । मथुरा और आईबीआरडी बरेली के डाक्टरों को सूचना दी गई थी । बरेली और मथुरा डाक्टरों ने यहॉ आकर जांच की और ग्लूकोज चढाया था। शेर की तबियत में सुधार न होने पर 1० अक्टूबर को मथुरा के डाक्टर आये थे। डाक्टरों के प्रयास के बावजूद तौकीर (शेर) की 12 अक्टूबर 2०19 को मौत हो गई ।
 

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