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परिणीति चोपड़ा ने बताया अपनी फिटनेस का राज, जानिए उनका डेली रूटीन

आज परिणीति चोपड़ा हर निर्माता-निर्देशक की खास पसंद बन चुकी हैं। उनके लिए अब तक का यह सफर आसान तो बिल्कुल भी नहीं था, लेकिन उन्होंने उस मुकाम को हासिल किया, जहां उनकी अपनी अलग पहचान है। उनके फिल्मी सफर...

परिणीति चोपड़ा ने बताया अपनी फिटनेस का राज, जानिए उनका डेली रूटीन
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 15 Feb 2020 12:32 PM
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आज परिणीति चोपड़ा हर निर्माता-निर्देशक की खास पसंद बन चुकी हैं। उनके लिए अब तक का यह सफर आसान तो बिल्कुल भी नहीं था, लेकिन उन्होंने उस मुकाम को हासिल किया, जहां उनकी अपनी अलग पहचान है। उनके फिल्मी सफर और फिटनेस पर उनसे बात की साक्षी त्रिपाठी ने-


अब तक का आपका सफर कैसा रहा?
अब तक का सफर आसान तो नहीं था, लेकिन मजेदार अवश्य रहा। यह मजेदार सफर अभी भी जारी है। मैं मानती हूं कि मंजिल अभी बहुत दूर है। वैसे अब तक रास्ते में आई हर मुश्किल का मैंने सामना किया, जिसमें मेरे परिवार और शुभचिंतकों का बड़ा सहयोग रहा। दरअसल जब मैंने इस इंडस्ट्री में अपना करियर बनाने के बारे में सोचा, तभी मैंने तय कर लिया कि चाहे कुछ भी हो, मैं हार नहीं मानने वाली और न ही मुझे पीछे हटना है। अगर कभी मुश्किलें आईं भी, तो मैंने उनका सामना किया। आज मैं जिस मुकाम पर हूं, वहां पहुंचने में मेरे अपनों का सबसे अधिक सहयोग रहा।

 

अब किन बातों का खास ख्याल रखना पड़ता है?
मैं उस इंडस्ट्री का हिस्सा हूं, जहां पर पे्रजेंटेबल दिखना सबसे पहली शर्त होती है। इसलिए यहां पर काम करने के लिए बहुत सारी बातों का ख्याल रखना पड़ता है। सबसे ज्यादा लुक पर फोकस होता है, क्योंकि पर्दे पर हम जो भी किरदार निभाते हैं, उसके अनुसार दिखना और उसमें समाहित हो जाना हमारे काम की पहली जरूरत होती है। उसके बाद हमें अपनी फिटनेस से लेकर हर बात पर ध्यान देना पडता है, क्योंकि हर किरदार का एक चेहरा और एक सोच होती है और उसकी अपनी जरूरत होती है। इसलिए उसके अनुसार हमें खुद को ढालना पड़ता है और पूरी कोशिश होती है कि पर्दे पर हम अपने किरदार के साथ पूरा न्याय कर सकें।

 

इन सबके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है?
हां, कड़ी मेहनत होती है और साथ में किरदार को लेकर जागरूक भी रहना पड़ता है। अगर मुझे एक खिलाड़ी का किरदार निभाना है, तो उसके जैसे शरीर की आवश्यकता होती है और जब घरेलू लड़की का किरदार होता है, तो वैसा दिखना पड़ता है। इन सबके लिए फिटनेस जरूरी है। हमें फिटनेस का खास ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि फिटनेस हमें इन सारी चुनौतियों से लड़ना सिखाती है। मैं अपने खाने से लेकर व्यायाम तक हर बात का ख्याल रखती हूं। ध्यान रखती  हूं कि दिन भर में जितनी कैलोरी इनटेक करूं, वह बर्न हो जाए। वैसे भी फिट रहना सभी के लिए आवश्यक है, क्योंकि इससे काम की क्षमता  बढ़ती है, जिससे हम बेहतर परफॉर्म कर पाते हैं।

आपका फिटनेस मंत्र क्या है?
मेरी फिटनेस का राज मेरी सकारात्मक सोच और अनुशासन है। मेरा मानना है कि जहां अनुशासन हमारे काम को बेहतर बनाता है और हम सारे कामों के लिए समय भी निकाल पाते हैं, वहीं बेहतर सोच हमें एक अच्छा इंसान बनाती है। इनका असर हमारे पूरे व्यक्तित्व पर पड़ता है। अगर हम गलत सोच के साथ आगे बढ़ते हैं, तो उसका भी असर हमारे व्यक्तित्व पर दिखाई देता है। जब हम सकारात्मक और सही होते हैं, तो भले ही मुश्किलें आएं, पर चेहरे के साथ पूरे व्यक्तित्व पर अलग ही चमक दिखती है।


तन और मन को कैसे फिट रखती हैं?
मैं अपने शरीर को फिट रखने के लिए व्यायाम करती हूं। सुबह उठकर जॉगिंग करती हूं, डांस करती हूं, जिम जाती हूं और अपनी डायट का पूरा ख्याल रखती हूं। मेंटल फिटनेस के लिए योग करती हूं। सकारात्मक और सही सोच के साथ अपना काम करती रहती हूं। मानसिक खुशी के लिए कई बार मस्ती भी करती हूं। इससे तन-मन फिट बना रहता है।  

छुट्टियों में क्या-क्या करना अच्छा लगता है?
मुझे गानों का बहुत शौक है। जब भी मौका मिलता है, मैं गाने सुनना पसंद करती हूं। इससे जहां मेरा मूड बेहतर होता है, वहीं मुझे शांति का भी एहसास होता है। फैमिली के साथ वक्त बिताना और फिल्में देखना भी मुझे बहुत अच्छा लगता है। दोस्तों के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताती हूं। कुल मिलाकर आप कह सकती हैं कि छुट्टी के दिन हर वह काम करने की कोशिश करती हूं, जो मुझे करना अच्छा लगता है और जिससे मेरे मन को संतोष मिलता है। जब लंबी छुट्टियां मिलती हैं, तो दूर कहीं प्रकृति की खोज में निकल जाती  हूं। यानी मैं सैर-सपाटे पर निकल पड़ती हूं, जहां से लौटने पर काफी ऊर्जा अपने भीतर महसूस करती हूं।


खुद की नजर में परिणीति कैसी हैं?
मेरी नजर में परिणीति बहुत ही सीधी और हेप्पी गो लकी टाइप की लड़की है, जो कई छोटी-छोटी बातों से खुश हो जाती है और कई बार छोटी-छोटी बातें उसके दिल को दुखाती भी हैं। लेकिन जल्दी ही वह सब भूलकर वापस जिंदगी की तरफ लौट आती है। वह अपने जीवन के अनुभव से एक ही बात सीख पाई है कि हर घटना में या हर बात में कहीं ना कहीं हमारी भलाई छिपी रहती है। कई बार उस समय वह बात नहीं दिखती, लेकिन बाद में उसमें छिपी अच्छाई का एहसास होता ही है। एक और बात, परिणीति मानती है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। उसका एकमात्र रास्ता ईमानदारी से की गई मेहनत है।

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