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अब मोटापे का मतलब भी कुपोषण, 5 करोड़ लोग ज्यादा खाने से हुए शिकार

बीस साल बाद प्रकाशित हुई दुनिया में बच्चों की स्थिति पर यूनिसेफ की रिपोर्ट बताती है कि इस समय में हुए बड़े बदलावों ने बच्चों में कुपोषण की परिभाषा को भी बदल दिया। अब ऐसे बच्चे भी कुपोषित की श्रेणी...

अब मोटापे का मतलब भी कुपोषण, 5 करोड़ लोग ज्यादा खाने से हुए शिकार
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 16 Oct 2019 08:55 AM
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बीस साल बाद प्रकाशित हुई दुनिया में बच्चों की स्थिति पर यूनिसेफ की रिपोर्ट बताती है कि इस समय में हुए बड़े बदलावों ने बच्चों में कुपोषण की परिभाषा को भी बदल दिया। अब ऐसे बच्चे भी कुपोषित की श्रेणी में आते हैं जिनका वजन ज्यादा है या जो मोटापा ग्रस्त हैं। साथ ही ऐसे बच्चे भी कुपोषित माने जाएंगे जिनमें जरूरी विटामिन की कमी है और उम्र के हिसाब से जिनकी लंबाई कम है। रिपोर्ट में इस बदलाव का कारण सामाजिक व्यवस्था में बदलाव, आधुनिक भोजन का आकर्षण, शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ी झुग्गयां, नवजात को स्तनपान न मिलना और शरणार्थी संकट को बताया है।

भारत में हर दिन 244 करोड़ का भोजन व्यर्थ-
- 2.1 करोड़ टन गेहूं हर साल नष्ट हो रहा
- 23 करोड़ टन है वार्षिक भोजन आवश्यकता
- 40% भोजन वार्षिक उत्पादन में बेकार हो रहा
- "88,800 करोड़ हर साल भोजन बेकार
- 1 लाख करोड़ की फसल कटाई के बाद खराब हो रही

इसलिए है भारत में समस्या-
देश की  14.5 % आबादी कुपोषण का शिकार है 
37.9% 5 वर्ष से छोटे बच्चे अपने वजन की तुलना में कम लंबाई के हैं
देश की 51.4% महिलाएं अनीमिया की शिकार हैं 
(सभी आंकड़े संयुक्त राष्ट्र की पोषण रिपोर्ट-2018 से लिए गए हैं)

बर्बादी-
1. ब्रिटेन जितना खाता है उतना भारत में हर साल व्यर्थ होता है-  
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की रिपोर्ट के हिसाब से भारत में पैदा होने वाला 40 प्रतिशत भोजन व्यर्थ हो जाता है, यह मात्रा ब्रिटेन में हर साल उपयोग होने वाले भोजन के बराबर है। भारत में हर साल 2.1 करोड़ टन गेहूं खराब हो जाता है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, हर साल 50 हजार करोड़ रुपये का अनाज बिना इस्तेमाल हुए ही नष्ट हो जाता है।

2. फटाफट नूडल्स भोजन में दुनिया का चौथा बड़ा बाजार-
वर्ल्ड इंस्टेंट नूडल्स एसोसिशन, इंडिया की बीती मार्च  में आई रिपोर्ट कहती है कि दुनिया के फटाफट नूडल्स भोजन में भारत चौथा सर्वाधिक बड़ा बाजार है। 2017 तक इसका बाजार 93.66 अरब रुपये का था जो कि 5.6 की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि भारतीय परिवार देश में पैदा होने वाला अनाज खाने की जगह ऐसे नूडल्स खा रहे हैं जो सेहत के लिए हानिकारक हैं।

3. ज्यादा खाने से 5 करोड़ लोग मोटापे के शिकार-
इस साल आई दुनिया के मोटापा ग्रस्त देशों की सूची में भारत की 1,366,417,754 जनसंख्या के 3.90% लोग यानी लगभग 5 करोड़ लोग मोटापे के शिकार हैं। इसके अहम कारणों में जरूरत से अधिक और असंतुलित भोजन करना है।

यूनीसेफ रिपोर्ट में पांच चिंताजनक खुलासे-
1. विश्वभर में दो अरब लोगों का खानपान ठीक नहीं हैं, जिससे मोटापा, हृदय संबंधी बीमारी और मधुमेह की बीमारियां बढ़ रही है।
2. फार्मूला मिल्क की बिक्री विश्वभर में 40 प्रतिशत बढ़ी है। छह माह से कम आयु के हर पांच में से केवल दो शिशुओं को ही केवल मां का दूध मिल रहा है।
3. विश्वभर में पांच साल से कम आयु के करीब 70 करोड़ में से एक तिहाई बच्चों पर जीवनपर्यन्त स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त रहने का खतरा है।
4. गरीब देशों में चार साल या इससे भी कम आयु के 14 करोड़ 90 लाख बच्चों का कद अब भी अपनी आयु के हिसाब से छोटा है।
5. विश्वभर में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में से करीब आधे बच्चों को आवश्यक विटामिन और खनिज नहीं मिल रहे।

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