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बच्चों को मजाक में भी न सिखाएं ये बातें

Never Teach These Things to Kids : बच्चों पॉजिटिव बातें ही सिखाएं क्योंकि बच्चे एक बार जो सीख जाते हैं, उससे बाद उन्हें बदलना या सुधारना बहुत मुश्किल हो जाता है। आइए, जानते हैं इससे जुड़ीं बातें

बच्चों को मजाक में भी न सिखाएं ये बातें
Pratima Jaiswalलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 30 Sep 2022 07:04 PM

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बच्चों की दुनिया अलग होती है। बचपन में वे माता-पिता के नजरिए से दुनिया को देखते हैं इसलिए हर पेरेंट की यह जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों पॉजिटिव बातें ही सिखाएं क्योंकि बच्चे एक बार जो सीख जाते हैं, उससे बाद उन्हें बदलना या सुधारना बहुत मुश्किल हो जाता है। जैसे, अगर बच्चे बचपन में चोरी करना सीख जाते हैं, तो उन्हें बड़े होकर भी यही आदत लग जाती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि बचपन में ही बच्चों की एक्टिविटी पर नजर रखी जाए। कुछ पेरेंट मजाक में बच्चों को ऐसी बातें सिखा देते हैं, जो उनके व्यक्तित्व निर्माण में सबसे बड़ी बाधा साबित होती हैं।


दूसरे बच्चों को मारना
बच्चों की लड़ाई होना आम बात है लेकिन अगर आप बच्चों को यह सिखाते हैं कि कोई बच्चा लड़े, तो उसे बुरी तरह पीटकर आना, तो ऐसी बातें आपके बच्चे को वॉयलेंट बनाती है और मार-पीट करना उसकी आदत बन सकती है।


बच्चों के सामने डबल मीनिंग बातें
कई पेरेंट इसे बहुत फनी बात मानते हैं लेकिन यह बहुत ही बुरी बात है। ऐसा करने से बच्चे के मन में किसी के लिए रिस्पेक्ट नहीं रहती और सही चीजों को भी वह गलत नजर से देखते लगता है। 

 

अच्छी चीजों को उठा लाओ
बच्चा अगर आपको आकर बताता है कि उसे कोई चीज अच्छी लगी है और उसे खरीदना चाहता है, तो उसे बताएं कि कोई चीज उसके लिए अच्छी है या नहीं। कभी भी बच्चों को बिना पूछे घर पर उठा लाने की सलाह न दें। 

 

इस आंटी या बच्ची से शादी करोगे?
हर बात की एक उम्र होती है। बच्चों के सामने ऐसी बातें करके आप उनके दिमाग में सिर्फ कचरा भर रहे हैं इसलिए मजाक में भी ऐसी वाहियात बातें न करें। 

 

तुम्हें कचरे से उठाकर लाए थे
ज्यादातर लोग मजाक में यह बात अपने बच्चों को कह देते हैं लेकिन इस मजाक को करने की भी एक उम्र होती है। छोटे बच्चों का मन बहुत कोमल होता है। ऐसे में वे आपकी इस बात को सच मानकर दुखी भी हो सकते हैं या उनमें हीन भावना आ सकती है। 

 

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