सुबह उठने के बाद भी पूरे दिन रहती है थकान! तो इसके कारण और उपचार जान लें
क्या आप सुबह सोकर उठते हैं, तो फ्रेश होने के बाद भी पूरे दिन थकान महसूस करते हैं? ऐसे में हो सकता है कि आपकी दिनचर्या के साथ आपके सोने से जुड़ी कुछ आदतों में गड़बड़ हो। रात के वक्त जब आप सोचते हैं कि अब...
क्या आप सुबह सोकर उठते हैं, तो फ्रेश होने के बाद भी पूरे दिन थकान महसूस करते हैं? ऐसे में हो सकता है कि आपकी दिनचर्या के साथ आपके सोने से जुड़ी कुछ आदतों में गड़बड़ हो। रात के वक्त जब आप सोचते हैं कि अब सो जाना चाहिए और वो वक्त जब आप सोने जाते हैं, इन दोनों ही स्थितियों के बीच जो अंतर होता है उसे लेटेंसी कहते हैं।
स्टैनफोर्ड में हुई एक ताजा रिसर्च के मुताबिक लेटेंसी का असर हर इंसान पर अलग-अलग होता है। यह उसकी बॉडी, लाइफस्टाइल और जिस वातावरण में वह रहता है, उससे प्रभावित होता है। आपको बिस्तर पर जाने के 5 मिनट के अंदर नींद आ जाती है तो इसका मतलब है कि आप कम नींद लेते हैं और अगर आपको बिस्तर पर जाने से नींद आने के बीच का अंतर 20 या इससे अधिक होता है तो इसका अर्थ है कि आप अपने शरीर की जरूरत से अधिक सोते हैं या आपको अपनी स्लीप हाइजीन को बदलने की जरूरत है।
इन टिप्स को फॉलो करके हो सकती है परेशानी कम
शोध के मुताबिक, बिस्तर पर जाने के 7 मिनट के बाद आप ऐसी स्थिति में होते हैं, जहां न आप पूरी तरह सो रहे होते हैं और न ही पूरी तरह जगे हुए होते हैं। इस वक्त आप खुद को कुछ व्यग्र और कुछ शांत महसूस करते हैं।
अगर बिस्तर पर जाने के बाद आपकी बॉडी को हाथ और पैर का टेंप्रेचर स्थिर करने में ज्यादा वक्त लगता है, तो आपकी स्लीप लेटेंसी बढ़ जाएगी। यानी आपको सोने में ज्यादा वक्त लगेगा। इसलिए अपनी बॉडी को समझते हुए रूम का तापमान सही रखें। इसमें आप रूम हीटर का हॉट वॉटर बॉटल की मदद ले सकते हैं।
तनाव नींद में बहुत खलल डालता है इसलिए तनावमुक्त रहना जरूरी है। हम अगर स्थितियों को नियंत्रण में नहीं कर सकते, तो अपनी बॉडी को तो कर सकते हैं। रोज एक्सर्साइज और मेडिटेशन करें। तुरंत लाभ दिखने लगेगा।
आमतौर पर हाई फाइबर डायट लेने की सलाह दी जाती है ताकि पाचनतंत्र बेहतर रहे लेकिन न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक, रात के वक्त हाई फैट डायट लेने से जल्दी नींद आने में मदद मिलती है।