शादी के बाद पत्नी का Surname नहीं बदलने से पति पर पड़ता है ये असर...
क्या आपने कभी सोचा है कि शादी के बाद एक महिला का अपना सरनेम (उपनाम) बदलना या नहीं बदलना पति पर कोई असर डालता है? एक ताजा शोध में सामने आया है कि जो महिलाएं शादी के बाद पहले वाला ही सरनेम बरकरार रखती...
क्या आपने कभी सोचा है कि शादी के बाद एक महिला का अपना सरनेम (उपनाम) बदलना या नहीं बदलना पति पर कोई असर डालता है? एक ताजा शोध में सामने आया है कि जो महिलाएं शादी के बाद पहले वाला ही सरनेम बरकरार रखती हैं, लोग समझते हैं कि उनके रिश्ते में पति की एहमित कम है या वो कम सामर्थ्यवान है।
अमेरिका की नेवादा यूनिवर्सिटी द्वारा की गई इस रिसर्च में पता चला है कि जिन मर्दों की पत्नियां शादी के बाद उनका सरनेम नहीं इस्तेमाल करती हैं उन्हें लोग शादीशुदा रिश्ते में दबे हुए पति के तरह देखते हैं। यह शोध इस बात को गौर करने के लिए किया गया कि क्या किसी शादीशुदा बंधन में पत्नी के अपने पति का उपनाम नहीं अपनाने से लोगों कि नजर में पति की शख्सियत बदल जाती है।
ऐसे पति ज्यादा फेमिनिस्ट होते हैं
इस शोध के नतीजों के मुताबिक अपनी पत्नियों पर खुद का सरनेम नहीं थोपने वाले पतियों में फेमिनिस्म का असर ज्यादा होता है और मर्दानगी वाला भाव कम होता है। बता दें कि दुनिया भर में आम तौर पर शादी के बाद महिलाएं अपने पति का उपनाम ही इस्तेमाल करती हैं।
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पतियों के पास होते हैं कम अधिकार
इस रिसर्च में सामने आया है कि समाज में ज्यादातर लोगों को लगता है कि जिन मर्दों की पतनियां उनका उपनाम नहीं लगाती उन पुरुषों के पास शादी के बंधन में कम अधिकार होते हैं। जब्कि महिलाएं ऐसे रिलेशनशिप में डॉमिनेट करती हैं।
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दकियानूसी सोच वाले लोग रखते हैं ऐसा विचार
हालांकि शोधकर्ताओं ने यह भी माना कि पतियों के बारे में ऐसी राय रखने वाले लोग ज्यादातर पुरानी सोच पर चलने वाले लोग होते हैं। साथ ही समाज में यह लोग ऐसे पुरुषों के सामने कठोरता से पेश आते हैं क्योंकि उन्हें (लोगों को) लगता है कि पत्नी द्वारा पति का सरनेम नहीं अपनाने से पति रिश्ते में कमजोर पड़ जाता है।