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मंदिरा बेदी के पति राज कौशल का कार्डिएक अरेस्ट से निधन, जानें हार्ट अटैक से किस तरह होता है ये अलग

बॉलीवुड अभिनेत्री मंदिरा बेदी पर आज सुबह दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मंदिरा बेदी के पति राज कौशल का आज सुबह कार्डिएक अरेस्ट से निधन हो गया है। राज कौशल पेशे से प्रोड्यूसर और स्टंट डायरेक्टर थे।...

मंदिरा बेदी के पति राज कौशल का कार्डिएक अरेस्ट से निधन, जानें हार्ट अटैक से किस तरह होता है ये अलग
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 30 Jun 2021 12:09 PM
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बॉलीवुड अभिनेत्री मंदिरा बेदी पर आज सुबह दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मंदिरा बेदी के पति राज कौशल का आज सुबह कार्डिएक अरेस्ट से निधन हो गया है। राज कौशल पेशे से प्रोड्यूसर और स्टंट डायरेक्टर थे। मंदिरा बेदी और राज कौशल का एक बेटा और एक बेटी हैं। मंदिरा और राज की शादी 1999 में हुई थी।

सेलेब फोटोग्राफर विरल भैयानी ने इंस्टाग्राम पर राज कौशल के परिवार की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'हम लोग एकदम सदमे में हैं कि मंदिरा बेदी के पति और ऐड फिल्ममेकर राज कौशल का दिल का दौरा पड़ने से आज सुबह निधन हो गया है।

आमतौर पर लोग हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं। ऐसे में यह जानना काफी जरूरी हो जाता है कि आखिर हार्ट अटैक क्या होता है और यह कार्डिएक अरेस्ट से किस तरह से अलग है। आइए जान लेते हैं क्या है दोनों के बीच बड़ा अंतर। 

क्या होता है हार्ट अटैक-
हार्ट अटैक एक ब्लड सर्कुलेशन प्रॉब्लम है। जब हार्ट मसल्स तक ब्लड सर्कुलेशन ब्लॉक हो जाता है या ठीक से नहीं पहुंचता या लंबे समय तक इसकी सप्लाई नहीं होती तो हार्ट मसल्स डैमेज हो जाती हैं।

हार्ट अटैक अधिकत्तर आट्रीज में प्लैक के निर्माण के कारण पड़ता है। ये प्लैक ब्लड में फैट, कैल्शियम और अन्य पदार्थों के साथ कोलेस्ट्रॉल का संयोजन होता है। ये सभी एलीमेंट्स प्लैक को सख्‍त बना देते हैं जिससे प्लैक टूट जाता है और ब्लड क्लोटिंग होने लगती है। ब्लड क्लोटिंग का स्तर बढ़ने पर आट्रीज़ में ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है।

हार्ट अटैक का किन लोगों को अधिक खतरा-
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसे लोगों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा बना रहता है, जिनके परिवार में पहले किसी को हार्ट अटैक आ चुका हो, जिनका कोलस्ट्रॉल हाई रहता हो, ब्लड प्रेशर हाई रहता हो, जो कम व्यायाम करते हो, सिगरेट, स्मोकिंग करते हो।

क्या होता है कार्डिएक अरेस्ट-
जब व्यक्ति का हार्ट पंपिंग करना बंद कर देता है, बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है और व्यक्ति सामान्य तरीके से सांस नहीं ले पाता तो कार्डिएक अरेस्ट यानि हार्ट फेल हो जाता है। मेडिकल के शब्दों में इसे इलेक्ट्रिक कंडक्टिंग सिस्टम का फेल होना कहा जाता है। सामान्य रूप से कार्डिएक अरेस्ट अचानक होता है और बॉडी कोई पूर्व चेतावनी भी नहीं देती है। 30 साल की उम्र के बाद ऐसिडिटी या अस्थमा के दौरे इसका संकेत हैं।

हालांकि अगर 10 मिनट के अंदर मेडिकल सुविधा मिल जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है। इसमें दिल और सांस रुक जाने के बावजूद दिमाग जिंदा होता है। जिस शख्स को पहले हार्ट अटैक पड़ चुका है, उसे कार्डिएक अरेस्ट होने की आशंका बहुत अधिक होती है।

कार्डियोलॉजिस्ट मुंबई के नानावती सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कार्यरत सलील शिरोडकर के अनुसार कार्डिएक अरेस्ट वो स्थिति है, जिसमें हार्ट की ब्लड को पंप करने की क्षमता कम हो जाती है। हार्ट अटैक दूसरी अवस्था होती है। इसमें कोरोनरी धमनी में ब्लड जम जाता है। हार्ट के मांसपेशियों को ब्लड की आपूर्ति बंद हो जाती है या बुरी तरह कम हो जाती है। हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट दोनों में ही इमरजेंसी सिचुएशन होती है।

इन संकेतों को न करें नजरअंदाज
- 30 सेकंड से ज्यादा छाती में होने वाला दर्द
- छाती के बीचोंबीच भारीपन
- हल्की जकड़न या जलन
- थकावट के समय जबड़े में होने वाला दर्द
- सुबह छाती में होने वाली बेचैनी
- थकावट के समय सांस का फूलना
- छाती से बाईं बाजू और पीठ की ओर जाने वाले दर्द
- बिना वजह आने वाले पसीना और थकावट

किसी भी उम्र में हो सकती है दिल की बीमारी-
दिल की बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। हार्ट अटैक के विभिन्न कारण होते हैं। हाई लिपिड प्रोफाइल, विशेषकर हाई कलेस्ट्रॉल, दिल की बीमारी के खतरनाक कारणों में से एक है। इसके अतिरिक्त हाइपरटेंशन और डायबीटीज के रोगियों को यह बीमारी हो सकती है। इसमें अनुवांशिक होना भी एक कारण हो सकता है।

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