फोटो गैलरी

Hindi News लाइफस्टाइलजानिए कब है प्रेग्नेंट होने का सही समय, ओवुलेशन के बारे में जानना है जरूरी

जानिए कब है प्रेग्नेंट होने का सही समय, ओवुलेशन के बारे में जानना है जरूरी

  मां बनना एक सुखद एहसास है। उस पल से ही एक महिला अलग दुनिया में पहुंच जाती है, जब वह मां बनने के बारे में सोचती है। अगर कोई महिला प्रेग्नेंट होने की सोच रही है तो उसे पहले मेन्स्ट्रूअल...

जानिए कब है प्रेग्नेंट होने का सही समय, ओवुलेशन के बारे में जानना है जरूरी
myupcharWed, 19 Feb 2020 12:01 PM
ऐप पर पढ़ें

 

मां बनना एक सुखद एहसास है। उस पल से ही एक महिला अलग दुनिया में पहुंच जाती है, जब वह मां बनने के बारे में सोचती है। अगर कोई महिला प्रेग्नेंट होने की सोच रही है तो उसे पहले मेन्स्ट्रूअल साइकल को बारीकी से देखना होगा। क्योंकि प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई समस्याओं का जवाब है ओवुलेशन। महिला के अंडाशय से अंडे के बाहर निकलने को ओवुलेशन कहा जाता है। ओवुलेशन पीरियड में इस प्रक्रिया से महिला हर महीने गुजरती है। www.myupchar.com के डॉ. विशाल मकवाना का कहना है कि महिला के शरीर से निकले अंडे इस पीरियड में पुरुष के वीर्य से मिलने के लिए तैयार होते हैं। यही वो समय है जब महिला का शरीर सबसे ज्यादा फर्टिलाइज होता है, यानी इस दौरान संभोग करने से आसानी से गर्भधारण कर सकती हैं। अगर महिला मां नहीं बनना चाहती है तो इस दौरान संभोग न करने से गर्भधारण से बचा जा सकता है।

प्रेग्नेंट होने के लिए ओवुलेशन पीरियड का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि भिन्न महिलाओं के लिए यह समय अलग-अलग होता है। आमतौर पर 28 दिनों के मासिक धर्म चक्र में 14वें दिन के आसपास होता है। लेकिन जरूरी नहीं कि सभी महिलाओं के मासिक धर्म की अवधि 28 दिन हो। बच्चे पैदा करने वाली उम्र में अधिकांश महिलाओं का मासिक धर्म चक्र 28 से 32 दिनों के बीच रह सकता है। ओवुलेशन आमतौर पर उस चक्र के 10वें और 19वें दिन के बीच होता है। अगली मासिक धर्म की अवधि से लगभग 12 ले 16 दिन पहले।

महिलाएं ओवुलेशन के लक्षणों को भी समझ सकती हैं। इस समय वेजाइनल डिस्चार्ज पर भी ध्यान दें। योनि से निकलने वाला तरल गाढ़ा हो जाता है और सामान्य से अधिक चिपचिपा रहता है। साथ ही महिला के शरीर का तापमान बढ़ जाता है। कुछ महिलाओं को ओवुलेशन के समय पेट के नीचे हल्का दर्द होता है जो कि कुछ मिनट या घंटों रह सकता है। महिलाएं ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट की मदद भी ले सकती हैं। इसमें ओवुलेशन से पहले पेशाब में ल्यूटीनाइजिन्ग हार्मोन में बढ़ोतरी पता चल सकती है। वहीं स्तन उस दौरान संवेदनशील हो जाते हैं। मतली और सिरदर्द भी महसूस होता है।

ओवुलेशन पीरियड में संभोग की इच्छा अन्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है। जल्दी प्रेग्नेंसी के लिए ओवुलेशन पीरियड का ध्यान रखें। इसका कारण यही है कि अंडाशय से निकलने के बाद लगभग 24 से 36 घंटे तक अंडा जीवित रहता है। अगर इस दौरान संभोग किया जाए तो प्रेग्नेंसी की संभावना बहुत बढ़ जाती है। महिला के अंडाशय से अगर दो अंडे बाहर आते हैं तो जुड़वां बच्चे होने की संभावना होती है। ओवुलेशन पीरियड मासिक धर्म के पूरे होने के सात दिन बाद शुरू होता है और मासिक धर्म के शुरू होने से सात दिन पहले तक रहता है।

अधिक जानकारी के लिए देखें : https://www.myupchar.com/pregnancy

myUpchar.com द्वारा लिखे गए हैं, जो सेहत संबंधी भरोसेमंद जानकारी प्रदान करने वाला देश का सबसे बड़ा स्रोत है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें