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मुंह का खराब स्वास्थ्य बढ़ा सकता है कोविड का खतरा

अपने दांतों को ब्रश न करने से आपको दंत चिकित्सक के पास जाना पड़ सकता है - लेकिन महामारी के आने के बाद से, यह इससे भी बड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है। इस बात के बढ़ते प्रमाण हैं कि मुंह का खराब...

मुंह का खराब स्वास्थ्य बढ़ा सकता है कोविड का खतरा
द कन्वरसेशन,प्रेस्टन (यूकेTue, 16 Nov 2021 05:06 PM
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अपने दांतों को ब्रश न करने से आपको दंत चिकित्सक के पास जाना पड़ सकता है - लेकिन महामारी के आने के बाद से, यह इससे भी बड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है। इस बात के बढ़ते प्रमाण हैं कि मुंह का खराब स्वास्थ्य कोविड द्वारा उत्पन्न जोखिम को बढ़ाता है।

अनुसंधान से पता चलता है कि जिन लोगों के मुंह का स्वास्थ्य खराब है, अगर वह कोविड के संक्रमण की चपेट में आते हैं तो उनमें अधिक गंभीर लक्षण उभर सकते हैं। जिन कोविड रोगियों को मसूड़े की बीमारी है, उनके बिना इस बीमारी वाले रोगियों की तुलना में कोविड होने पर गहन देखभाल में भर्ती होने की संभावना 3.5 गुना अधिक है। उन्हें वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता 4.5 गुना और कोविड से मरने की संभावना नौ गुना अधिक है।

यह चौंकाने वाला लग सकता है, लेकिन यह तथ्य कि मुख स्वास्थ्य और कोविड के बीच एक संबंध है, मुंह की सफाई और अन्य बीमारियों के बीच की कड़ी पर विचार करने पर हैरान करने वाले तथ्य सामने आते हैं। खराब मुख स्वच्छता कई अन्य बीमारियों को बदतर बनाने से जुड़ी है। मुख्य रूप से ऐसा तब होता है जब लंबे समय तक इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है, जिससे डिस्बिओसिस हो जाता है - जहां मुंह में मौजूद बैक्टीरिया एक शांतिपूर्ण स्थिति से आक्रामक अवस्था में बदल जाते हैं।

एक बार जब मुंह के बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, तो वे मसूड़ों की बीमारी का कारण बन सकते हैं, मुंह के ऊतकों को चबाकर रक्त प्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं। और एक बार वहां पहुंचने के बाद यह बैक्टीरिया शरीर के चारों ओर प्रवाह कर सकते हैं और विभिन्न अंगों में बस सकते हैं, जिससे सूजन के स्तर को बढ़ा सकते हैं और समय के साथ विभिन्न विशिष्ट और पुरानी बीमारियों को बढ़ा सकते हैं।

दरअसल, अगर ऐसा होता है, तो शरीर का मुश्किल से कोई हिस्सा ऐसा होता है जो संभावित रूप से प्रभावित नहीं हो सकता है। खराब मुख स्वास्थ्य हृदय पर प्रभाव डाल सकता है, रक्तचाप बढ़ा सकता है और रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाकर मधुमेह को बदतर बना सकता है। इसे समय से पहले जन्म, गठिया, गुर्दे की बीमारियों, सांस की बीमारी और यहां तक ​​कि कुछ न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से भी जोड़ा गया है, जिनमें अल्जाइमर भी शामिल है।

तो क्या कोविड के साथ भी ऐसा ही हो रहा है?
संभवतः ऐसा है। हल्के या मध्यम लक्षणों वाले लोगों की तुलना में, गंभीर कोविड ​​​​वाले लोगों में एक विशिष्ट बीमारी बढ़ाने वाले पदार्थ (जिसे सीआरपी कहा जाता है) का स्तर ऊंचा होता है। गंभीर कोविड ​​​​वाले कुछ लोग भी पीड़ित होते हैं, जिसे ''साइटोकाइन स्टॉर्म'' कहा जाता है, जहां प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस से लड़ने के लिए तेज हो जाती है और उसी समय शरीर के अपने ऊतकों को नुकसान पहुंचाती है।

अनुसंधान से पता चलता है कि खराब मुख स्वास्थ्य वाले लोगों में भी कभी-कभी सीआरपी और साइटोकिन्स का स्तर ऊंचा होता है - जो बताता है कि मसूड़ों की बीमारी उसी तरह की उत्साही प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ा सकती है जैसे कि कोविड (हालांकि कुछ हद तक)।

इसलिए यदि एक ही समय में दो बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें कोरोनोवायरस और आक्रामक मुंह के बैक्टीरिया दोनों रक्त में प्रवाहित होते हैं, तो यह संभव है कि वे एक साथ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को शरीर के अपने ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे लोगों के हालात बदतर हो सकते हैं।

हालांकि, हम वर्तमान में इस बारे में बहुत कम समझते हैं कि वास्तव में मुंह की स्वच्छता और कोविड कैसे परस्पर क्रिया करते हैं, और यह हो सकता है कि वे बीमारी को और भी बदतर बनाने के लिए अन्य तरीकों से संयोजन कर रहे हों।

उदाहरण के लिए, कोविड और अन्य श्वसन वायरल बीमारियों के साथ एक बड़ी समस्या बैक्टीरियल सुपरइन्फेक्शन है। ये वे क्षेत्र हैं, जो सीधे वायरस से संक्रमित होते हैं - जैसे कि फेफड़े और श्वसनतंत्र - ये एक साथ बैक्टीरिया से संक्रमित होते हैं।

बैक्टीरियल सुपरइन्फेक्शन उन लोगों में आम है जिन्हें कोविड है, और वे गंभीर बीमारी वाले लोगों में काफी अधिक आम हैं। यह ठीक से ज्ञात नहीं है कि उनका क्या प्रभाव है, लेकिन यह मान लेना उचित है कि ये समवर्ती संक्रमण गंभीर बीमारी और मृत्यु के जोखिम को बढ़ाते हैं।

महामारी के दौरान, अध्ययनों से पता चला है कि कोविड से मरने वाले लोगों का एक बड़ा हिस्सा - कुछ मामलों में, 50% - एक ही समय में बैक्टीरिया से भी संक्रमित थे। अगर किसी के मुंह की स्वच्छता खराब है, तो इससे सुपरइन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। खराब ओरल हाइजीन का मतलब है मुंह में अधिक आक्रामक बैक्टीरिया, जो सुपरइन्फेक्शन शुरू करने के लिए आसानी से सांस के जरिए श्वसनतंत्र और फेफड़ों में पहुंच सकता है।

इससे भी बड़ी बात यह है कि खराब मुख स्वास्थ्य भी कोरोनावायरस को शरीर को संक्रमित करने में मदद कर सकता है। बैक्टीरिया से एंजाइम जो मसूड़ों की बीमारी का कारण बनते हैं, मुंह और श्वसन पथ की सतह को बदल सकते हैं, जिससे अन्य रोगाणुओं - जैसे कोरोनावायरस - के लिए इन सतहों तक पहुंचना और वहां बढ़ना आसान हो जाता है।

समय बीतने के साथ यह स्पष्ट हो जाएगा कि मौखिक स्वास्थ्य कोविड के बढ़ने को कैसे प्रभावित करता है। हो सकता है कि कुछ लोगों के लिए, ये सभी तंत्र एक ही समय में चल रहे हों। लेकिन इस बीच, इस बात पर विचार करने के पर्याप्त प्रमाण हैं कि मुंह का स्वास्थ्य खराब होने पर कोविड से होने वाली जटिलताएं बढ़ जाती हैं और ऐसा विशेष रूप से उन लोगों के साथ होता है, जो पहले से ही मधुमेह, उच्च रक्तचाप या हृदय रोग जैसी स्थितियों से पीड़ित हैं।

इसलिए मुंह की साफ सफाई पर पर्याप्त ध्यान देना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। इसका मतलब है कि दिन में दो बार कम से कम दो मिनट के लिए फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करना और नियमित रूप से दंत चिकित्सक के पास जाना। 

उम्मीद है कि आप कोरोनावायरस की पकड़ में नहीं आएंगे, लेकिन अगर आपके साथ ऐसा होता है तो अच्छा मौखिक स्वास्थ्य और अपने मुंह की देखभाल करने से आप में इस बीमारी के गंभीर लक्षण विकसित होने के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है। 

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