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ऑफिस का शोर-शराबा बना सकता है आपको हृदय रोगी,जानें कैसे

लाखों लोग अपने कार्यस्थलों पर ज्यादा शोर-शराबे का सामना करते हैं। एक हालिया शोध के अनुसार कार्यस्थल पर ज्यादा शोर होने से न सिर्फ सुनने की क्षमता पर असर पड़ता है बल्कि दिल संबंधी बीमारियों का खतरा भी...

ऑफिस का शोर-शराबा बना सकता है आपको हृदय रोगी,जानें कैसे
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 07 Nov 2019 07:38 AM
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लाखों लोग अपने कार्यस्थलों पर ज्यादा शोर-शराबे का सामना करते हैं। एक हालिया शोध के अनुसार कार्यस्थल पर ज्यादा शोर होने से न सिर्फ सुनने की क्षमता पर असर पड़ता है बल्कि दिल संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल व प्रीवेंशन के शोध में यह खुलासा हुआ है।

कई तरह की समस्याएं होती हैं- अब तक कार्यस्थलों पर शोर-शराबे के कारण सुनने की क्षमता में कमी आने की बात ही सभी को पता थी। हर साल ऐसी परिस्थितियों में काम करने के कारण लोगों को हो रही स्वास्थ्य समस्याओं पर 17 अरब रुपए खर्च हो रहे हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ऑक्युपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि कार्यस्थल पर ज्यादा शोर-शराबे का संबंध उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रोल से है। शोधकर्ता डॉक्टर जॉन ने कहा, कार्यस्थलों पर होने वाले शोर-शराबे के कारण न सिर्फ सुनने की क्षमता में कमी आती है बल्कि इससे रक्तचाप, कोलेस्ट्रोल और दिल के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

बढ़ रही दिल की बीमारियां- ट्रस्टेड सोर्स फॉर हार्ट डिजीज के अनुसार दिल की बीमारियों के लिए उच्च कोलेस्ट्रोल, उच्च रक्तचाप और हाइपरटेंशन सबसे बड़े कारण हैं। संस्थान के अनुसार हर साल लगभग छह लाख 10 हजार लोगों की दिल संबंधी बीमारियों के कारण मौत हो जाती है।

कार्यस्थलों को शांत बनाने की जरूरत-

शोधकर्ता मास्टरसन ने कहा, बड़ी संख्या में कर्मचारी सुनने में तकलीफ, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रोल की समस्या से पीड़ित थे। शोर के कारण दिल संबंधी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ रहा है। कार्यस्थलों में होने वाले शोर को कम करने और उन्हें शांत बनाने की जरूरत है ताकि कई लोगों को इन बीमारियों से बचाया जा सके।

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