फोटो गैलरी

Hindi News लाइफस्टाइलबदलते मौसम में होली को मजेदार बनाने के लिए ध्यान रखें ये बातें

बदलते मौसम में होली को मजेदार बनाने के लिए ध्यान रखें ये बातें

होली महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार होने के साथ ही गर्मियों की आहट भी होती है। उल्लास और उमंग से सराबोर इस रंगीले पर्व में बस कुछ घंटे ही बाकी हैं। इस मौके के लिए कौन-कौन से रंग लाने हैं, घर में क्या...

बदलते मौसम में होली को मजेदार बनाने के लिए ध्यान रखें ये बातें
हिन्दुस्तान फीचर टीम,नई दिल्लीMon, 09 Mar 2020 06:39 PM
ऐप पर पढ़ें

होली महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार होने के साथ ही गर्मियों की आहट भी होती है। उल्लास और उमंग से सराबोर इस रंगीले पर्व में बस कुछ घंटे ही बाकी हैं। इस मौके के लिए कौन-कौन से रंग लाने हैं, घर में क्या पकवान बनेंगे, ये सब आप तय कर चुके होंगे। लेकिन इस सारी गहमागहमी में कहीं आप अपनी सेहत को तो नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं? आपकी होली मस्ती से भरपूर और सुरक्षित कैसे रह सकती है, बता रही हैं स्वाति गौड़-

त्योहार पर मौज-मस्ती जरूर करनी चाहिए, लेकिन इसमें इतना संयम भी बरतना चाहिए कि सेहत को नुकसान न पहुंचे या त्योहार की खुमारी बाद में परेशानी का सबब न बने। बच्चों की परीक्षाएं भी अभी चल रही हैं, तो जाहिर तौर पर इतना ख्याल तो रखना पड़ेगा कि त्योहार का पूरा मजा लिया जाए, लेकिन नासमझी से रंग में भंग न पड़े।

सज चुका है मस्ती का रंगारंग मंच  
होली ने दस्तक दे दी है। पिचकारियां और मिठाइयां तेजी से बिक रही हैं। समय के साथ इस पर्व का कलेवर भी बदला है। पहले जहां पानी की हौदी में टेसू के फूलों से रंग बनाया जाता था और पुराने कपडे़ पहनकर उधम मचाया जाता था, मगर आज होली पार्टियों का आयोजन हो रहा है, जिसमें नए सफेद कुरते-पैजामे के साथ-साथ बसंती, नारंगी, गुलाबी रंगों वाले कपड़े खरीदे जाते हैं और होली की थीम से मैच करता स्पेशल फूड मेन्यू बनाया जाता है।

हुल्लड़ मचाने से पहले
आजकल सभी लोग सेहत को लेकर सजग रहते हैं। इस लिहाज से जरूरी है कि खानपान से लेकर रंगों के चुनाव और उनकी किस्मों का पूरा ध्यान रखा जाए। एक ओर स्कूली बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं, दूसरी ओर बुजुर्गों और बीमारों के लिए भी यह समय नाजुक होता है। इसलिए होली के जश्न में समझदारी व सतर्कता बरतने में कोई बुराई नहीं है। 
 
जब करें रंगों की खरीदारी
रंग खरीदते हुए कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। मसलन, हर्बल रंग खरीदें,ताकि  त्वचा को नुकसान न पहुंचे। पक्के और गहरे रंग खरीदने के चक्कर में लोग कैमिकलयुक्त रंग खरीदेते हैं, जिनमें कॉपर सल्फेट, लेड ऑक्साइड और एल्युमीनियम ब्रोमाएड जैसे घातक रसायन मिलाए  जाते हैं। त्वचा के संपर्क में आते ही यह एलर्जी पैदा कर सकते हैं और आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे रंग त्वचा में जलन के साथ-साथ रैशेज पैदा कर सकते हैं, जो त्वचा संबंधी रोगों में बदल सकते हैं। इसलिए सिर्फ हर्बल रंग और गुलाल खरीदें या घर पर सूखे फूलों, मेहंदी और हल्दी-कुमकुम से होली खेलें।  

अगर घर में हो कोई बीमार  
दिवाली पर जहां प्रदूषण की वजह से लोगों का सांस लेना दूभर होता है, वहीं होली पर बदलता मौसम और हवा में उड़ता गुलाल पहले से ही बीमार लोगों की परेशानी को बढ़ा देता है। होली वसंत ऋतु का त्योहार है। इस मौसम में तेज हवाएं चलती हैं, जो अपने साथ परागकणों को उड़ाकर इधर से उधर ले जाती हैं। ये परागकण सांस के जरिये संवेदनशील लोगों की नाक में प्रवेश करते हैं तो एलर्जी का कारण बन जाते हैं। ठीक इसी प्रकार इन दिनों हवा में उड़ते रंग और गुलाल के महीन कण भी सांस संबंधी रोगों के ट्रिगर का काम करते हैं, जिससे परेशानी बढ़ जाती है। इस समय सतर्कता न बरतें तो डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के मरीजों की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए यदि घर में कोई बीमार है तो नीचे दी गई सावधानियों का पालन करें।

बेदम न हो पाएं सांसें  
रंग और गुलाल महीन कणों से बने होते हैं और जरा सी हवा चलने पर वातावरण में घुल-मिल जाते हैं। ये महीन कण सांस के साथ शरीर के अंदर जाते हैं तो दमा और अस्थमा पेशेंट्स की समस्या बढ़ा देते  हैं। इसलिए होली से पहले ये उपाय करें :

होली के दिनों में भीड़भाड़ वाले इलाकों में न जाएं।

  • घर से बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क लगाकर निकलें, ताकि रंग और गुलाल के बारीक कण नाक के जरिये फेफड़ों में प्रवेश न कर पाएं।
  • होली के कुछ दिन पहले से गुनगुना पानी पीना शुरू करें। अगले कुछ दिन तक ये आदतें जारी रखें।  
  • नियमित रूप से भाप लें, इससे श्वास नलिका खुली रहेगी और सांस लेने में परेशानी नहीं होगी।
  • पानी में यूकिलिप्टस के पत्ते डाल कर भाप लें।
  • दवा, नेबुलाइजर और इनहेलर्स वक्त पर लें।
  • खट्टे, ठंडे और तले भोजन से परहेज रखें।
  • पानी में न भीगें, हल्के या पारदर्शी कपड़े न पहनें।
  • गले में खराश महसूस हो तो गुनगुने पानी में शहद डाल कर पीने से आराम मिलेगा।

दिल की सेहत बनी रहे

  • दिल के मरीज अधिक भागदौड़ से बचें। उत्साह में आकर कोई ऐसा काम न करें, जिससे सांस फूले या धड़कन तेज हो।
  • पकवानों और मिठाइयों का लुत्फ जरूर उठाएं, लेकिन सोच-समझ कर।
  • गुलाबजामुन, गुजिया, कचौड़ी, पकौड़ों जैसे गरिष्ठ व्यंजनों का कम प्रयोग करें।
  • पूड़ी और पकौड़े जैसे पकवान खाने की बजाय फ्रूट चाट, भेल-पूरी और पेठे जैसी चीजों का स्वाद लें।
  • दिन में पकवान ज्यादा खाए हों तो रात में दाल-चावल या वेजिटेबल पुलाव खाएं।
  • थकान महसूस हो तो आराम करें।

शुगर रहेगी नियंत्रण में

  • त्योहारके बहाने अनाप-शनाप न खाएं।
  • तले व्यंजनों के बजाय भुने व्यंजन खाएं।
  • गुलाब जामुन और लड्डू की  बजाय स्पंजी रसगुल्ले का रस निचोड़ कर खाएं।
  • ताजे फलों का सेवन करें।
  • कोला और डिब्बाबंद जूस की जगह घर पर बना नींबू पानी या कांजी पिएं।
  • आंखों की चमक न होगी कम
  • होली खेलते समय कॉन्टेक्ट लेंस न लगाएं, कॉर्निया को नुकसान हो सकता है।
  • होली खेलते समय सनग्लास पहनने से रंगों को आंखों में जाने से रोका जा सकता है।
  • दुर्घटनावश आंख में रंग चला जाए तो उसे हाथ से न रगड़ें,साफ पानी से छपके मारें।
  • आंख लाल होने या जलन बनी रहने पर फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

त्वचा भी रहेगी दमकती

  • होली सूखे रंगों से खेलें, ताकि उन्हें आसानी से साफ किया जा सके।  
  • रंग खेलने से पहले शरीर पर तेल लगाएं। तेल हमारे शरीर पर एक सुरक्षात्मक कवच का काम करता है।
  • चेहरे पर विंटर क्रीम लगाएं।
  • सिर में भी नारियल तेल लगाकर चोटी बना लें।
  • बेसन के उबटन और दही से रंग साफ होता है।

हमारे विशेषज्ञ :  डॉ. मंजीथा नाथ दास, इंटर्नल मेडिसिन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम,
अवनी कौल, न्यूट्रिशनिस्ट एवं वेलनेस कोच, संस्थापक न्यूट्री एक्टिवेनिया

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें