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जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस कहीं बन न जाए पेट में अल्सर का कारण, जानें होम्योपैथिक ट्रीटमेंट कैसे है मददगार

ऑफिस में टारगेट मीट करने की टेंशन या घर पर काम करने वाली बाई की आए दिन की छुट्टी, अगर आप भी इन छोटी-छोटी बातों का स्ट्रेस लेते हैं तो सतर्क हो जाएं। आपकी ये आदत आपको बीमार बना सकती है। जी हां, जरूरत...

जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस कहीं बन न जाए पेट में अल्सर का कारण, जानें होम्योपैथिक ट्रीटमेंट कैसे है मददगार
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 08 Mar 2022 11:20 AM

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ऑफिस में टारगेट मीट करने की टेंशन या घर पर काम करने वाली बाई की आए दिन की छुट्टी, अगर आप भी इन छोटी-छोटी बातों का स्ट्रेस लेते हैं तो सतर्क हो जाएं। आपकी ये आदत आपको बीमार बना सकती है। जी हां, जरूरत से ज्यादा तनाव आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो जरूरत से ज्यादा तनाव लेने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से व्यक्ति अन्य बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाता है।

इतना ही नहीं तनाव रक्तचाप, थकान और मानसिक स्वास्थ्य जैसे चिंता और अवसाद को भी बढ़ाकर हृदय रोग के साथ अल्सर जैसी गंभीर समस्याओं का जोखिम बढ़ा देता है। बहुत कम ही लोग इस बात को जानते होंगे कि किसी व्यक्ति के पेट और छोटी आंत में स्ट्रेस के कारण अल्सर तक बन सकता है।

अल्सर के लक्षण-
अल्सर के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग दिखाई देते हैं और कई बार दिखाई नहीं भी देते हैं। पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, सूजन, भूख में कमी, पेट में जलन, मतली, उल्टी आदि इन लक्षणों में शामिल हैं। हालांकि, इस समस्या का हल होम्योपैथिक ट्रीटमेंट से दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं अग्रवाल होम्यो क्लीनिक दिल्ली के होम्योपैथिक एक्सपर्ट पंकज अग्रवाल से कि कैसे स्ट्रेस की वजह से होने वाले अल्सर के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट मददगार हो सकता है-

होम्योपैथिक दवाई हैं मददगार-
रॉबिनिया 6C, Natrum Phos 6X ये दवाई होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के दौरान मरीज को दी जाती है। जब किसी व्यक्ति को पेप्टिक अल्सर के साथ-साथ ज्यादा एसिडिटी हो जाती है तब Robinia 6C मेडिसन हो जाती है। जबकि एसिडिटी, खट्टी डकार और उल्टी के साथ पेप्टिक अल्सर हो जाए तब Natrum Phos 6X दवाई दी जाती है। इससे अलग कुछ और दवाई जैसे क्‍लब मॉस (lycopodium), ग्रेफाइट्स (Graphites), बिस्‍मथम (bismuthum), नाइट्रेट ऑफ यूरेनियम (Nitrate of uranium), फॉस्‍फोरस (Phosphorus) आदि भी दी जा सकती हैं। हालांकि इन दवाओं को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है। 

जानें होम्योपैथिक सुझाव-
- शारीरिक गतिविधि को दिनचर्या में जोड़ने से न केवल स्ट्रेस को दूर किया जा सकता है बल्कि नियमित व्यायाम प्राकृतिक एंडोर्फिन (हार्मोन) को रिलीज करने में भी मदद करता है जो तनाव को कम कर सकता है।
- शारीरिक गतिविधियों के साथ-साथ पैदल चलना, सुबह शाम वॉक करना आदि को भी अपनी दिनचर्या में जोड़ें।
- तनाव को दूर रखने के लिए पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है। डॉक्टर्स का कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम 8 से 9 घंटे की नींद लेना जरूरी है। 
- मेडिटेशन को भी अपनी दिनचर्या में जोड़ें। इससे न केवल स्ट्रेस को दूर किया जा सकता है बल्कि उलझन, बेचैनी आदि मानसिक समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।
- व्यक्ति को संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। इससे अलग अल्सर होने पर मसालेदार खाना, चटनी, चॉकलेट, प्‍याज आदि न खाएं। इससे अलग ओवरईटिंग, चीनी, नमक, कैफीनयुक्त चीजों को खाने से बचें। 
- अल्सर होने पर आप किसी होम्योपैथिक चिकित्सक की मदद भी ले सकते हैं। 
नोट - जब भी किसी व्यक्ति को स्ट्रेस के कारण पेट में अल्सर की समस्या होती है तो ऐसे में होम्योपैथिक इलाज सुरक्षित है। बेहतर परिणाम पाना चाहते हैं तो होम्योपैथिक चिकित्सक सलाह जरूर लें।

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