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जीने की राह: अपने को जानना है तो घूमने जरूर जाएं

तिरुअनंतपुरम के सागर किनारे बहुत देर से वह टहल रहे थे। कभी लहरों का पीछा करते तो कभी उससे बच निकलने को होड़ लगाते। बच्चों की तरह कहकहे लगा रहे थे वह। उनकी तरफ सबकी नजर इसलिए भी लगी हुई थी कि वह...

जीने की राह: अपने को जानना है तो घूमने जरूर जाएं
जयंती रंगनाथनMon, 16 Jul 2018 12:44 PM
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तिरुअनंतपुरम के सागर किनारे बहुत देर से वह टहल रहे थे। कभी लहरों का पीछा करते तो कभी उससे बच निकलने को होड़ लगाते। बच्चों की तरह कहकहे लगा रहे थे वह। उनकी तरफ सबकी नजर इसलिए भी लगी हुई थी कि वह अच्छे-खासे बूढ़े थे। सफेद चेहरे पर झुर्रियां, चलने में तकलीफ, सिर पर चंद बाल, अकड़े हुए हाथ और पैर।

वह कैलिफोर्निया से आए थे, अपना इलाज करवाने। उन्होंने बताया कि पिछले कुछसमय से उन्हें चर्म रोग है और यहां आने से पहले वह आत्महत्या का मन बना चुके थे। यहां आने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि जिंदगी कितनी कीमती और खूबसूरत है। अरसे बाद उन्होंने अपने साथ समय बिताया था, बिना यह परवाह किए कि लोग क्या कहेंगे। लेखक और साइकोलॉजिस्ट डॉ. डेनिस टेलर कहते हैं,‘अपने काम से अवकाश ले कर छुट्टियों पर जाने का बहुुत गूढ़ अर्थहै। मैं अपने अधिकांश मरीजों को सलाह देता हूं कि वे दवाई लेने के बजाय घूमने जाएं। किसी ऐसी जगह पर, जहां आप पहले कभी न गए हों। आप एक सैलानी की तरह मत घूमिए, बल्कि अपने आपको तलाश कीजिए। वहां के लोगों के बीच उनकी तरह से जिएं। आपका पचास प्रतिशत अवसाद वैसे ही कम हो जाएगा।' .

अपने घर से बाहर निकल कर घूमने-फिरने के कई फायदे हैं। पिछले दिनों एक्सपेडिया ने ब्रिटेन में रहने वाले लगभग 31 लाख लोगों पर एक अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला कि इनमें से 81 प्रतिशत लोग छुट्टियां बिताने के बाद पहले से कहीं ज्यादा स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस कर रहे थे। डेली मेल में छपी इस खबर के मुताबिक 42 प्रतिशत लोगों ने कहा कि छुट्टियां बनाने के बाद अब वे काम पर लौटने को आतुर हैं। 39 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्हें अपने अंदर झांकने और जीने का एक बार फिर मौका मिल गया। नए लोगों से मिलना, रूटीन से अलग हट कर काम करना, नए किस्म के व्यंजन चखना, नई-नई जगह देखना दिमाग और शरीर पर कई अलग स्तरों पर काम करता है। इस अध्ययन से जुड़ीं साइकोलॉजिस्ट डॉ. लिंडा पापडोपोलस कहती हैं,‘जब हम रूटीन से हट कर कोईकाम करते हैं, ऐसा कोई काम, जिसमें हमें आनंद आता है तो मस्तिष्क सेरोटोनिन हार्मोन का निर्माण करता है। इसका हमारे शरीर पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शरीर में लचीलापन बढ़ता है, रक्त प्रवाह बढ़ता है और इससे मूड सुधरने लगता है। इसी वजह से आमतौर पर सभी छुट्टियों के दौरान सहज और आशावादी रहते हैं।'.

काम से दूर कुछ दिन का अवकाश आपको काम पर वापस जुटने का हौसला भी देता है और ऊर्जा भी। तन और मन की कई बीमारियां भी दूर हो जाती हैं।

छुट्टियों में जेब की चिंता न करें 
- दुनिया भर में लगभग 28 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं, जो छुट्टी लेकर बाहर घूमने जाने को फिजूल खर्च मानते हैं।
- नई जगह पर घूमने जाने का सबसे अधिक फायदा है तनाव से मुक्ति। आप रोजमर्रा की खबरों और झंझटों से दूर रहते हैं। कहीं पहुंचने की जल्दी नहीं रहती। आप प्रकृति की लय *के साथ जीते हैं। शरीर के *लिए यह आनंद की अवस्था होती है।
- जिन लोगों को नींद न आने, हर समय तनाव या सिरदर्द आदि की दिक्कत रहती है, उन्हें काफी राहत मिलती है।
- आपके लिए नए अनुभवों के द्वार खुलते हैं। दोस्तों और परिवार के और करीब आते हैं। आपका हाजमा और वजन दोनों काबू में रहते हैं। चेहरे पर अलग ही कांति आ जाती है।

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