ICMR-NCDIR के अध्ययन में खुलासा, भारत में 9.3 प्रतिशत वयस्क मधुमेह से पीड़ित
मधुमेह और बिगड़े हुए ग्लूकोज का स्तर वयस्कों में अधिक पाया गया है, जबकि भारत में जागरुकता, उपचार और नियंत्रण का स्तर आज भी बेहद कम है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल सेंटर फॉर डिजीज...

मधुमेह और बिगड़े हुए ग्लूकोज का स्तर वयस्कों में अधिक पाया गया है, जबकि भारत में जागरुकता, उपचार और नियंत्रण का स्तर आज भी बेहद कम है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स (आईसीएमआर-एनसीडीआईआर) बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी।
14 मार्च को अंतरराष्ट्रीय जर्नल, फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ में एक शोध पत्र जारी किया गया, जिसमें भारत में मधुमेह से संबंधी एक व्यापक तस्वीर पेश की गई। ‘डायबिटीज केयर कैस्केड इन इंडिया’ शीर्षक नाम के इस शोध पत्र में देश में मधुमेह के प्रति लोगों की जागरुकता के संबंध में जानकारी और साक्ष्य दिए गए हैं।
सर्वे में बताया गया कि भारत में लोग मधुमेह को लेकर कितने जागरूक हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा में उपलब्ध मधुमेह की व्यापकता, रोकथाम और प्रबंधन के लिए किए गए उपाय आने वाले दिना में नाकाफी साबित होंगे।
सर्वे में ऐसे लोगों की पहचान व निगरानी करने की मांग
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के समर्थन से आईसीएमआर-एनसीडीआईआर के नेतृत्व में राष्ट्रीय एनसीडी निगरानी सर्वेक्षण ने मधुमेह देखभाल में कमियों को दूर करने के लिए साक्ष्य की जांच करने, मधुमेह से वंचित जनसंख्या समूहों की पहचान करने और निगरानी करने की मांग की। यह 2025 तक मधुमेह रोगियों की बढ़ती संख्या को रोकने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। इसके तहत 2017-18 में देश भर में 18-69 वर्ष की आयु के 9,721 वयस्कों का सर्वेक्षण किया गया था।
महिलाओं और शहरी वयस्कों में ज्यादा
सर्वेक्षण से पता चलता है कि मधुमेह महिलाओं और शहरी वयस्कों में अधिक पाया गया। सर्वे में वृद्धावस्था, मोटापा, बढ़ा हुआ रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल सभी को मधुमेह का प्रमुख कारण माना गया। सर्वेक्षण में कहा गया कि भारत में 9.3% वयस्क मधुमेह से पीड़ित पाए गए। उनमें से, 45.8% अपनी मधुमेह की स्थिति से अवगत थे, 36.1% उपचाराधीन थे और 15.7% ने अपने मधुमेह पर नियंत्रण किया था।
ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति चिंताजनक
सर्वेक्षण में बताया गया कि मधुमेह का प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों (6.9%) की तुलना में शहरी क्षेत्रों (14.3%) में दोगुना अधिक था। हालांकि, आईसीएमआर-एनसीडीआईआर के निदेशक और अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. प्रशांत माथुर ने कहा कि शहरी वयस्कों की तुलना में ग्रामीण वयस्कों में जागरुकता और उपचार के बारे में जानकारी चिंताजनक है।
सर्वे में पुरुषों (8.5%) की तुलना में महिलाओं (10.2%) में मधुमेह अधिक पाया गया, लेकिन इनमें अधिकांश महिलाएं (6.0%) ऐसी थी, जिन्हें हाल ही में मधुमेह हुआ था। इसके अलावा, बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल वाले 44.2% वयस्कों और उच्च रक्तचाप वाले 16.3% वयस्कों को भी मधुमेह था।
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