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समय के साथ गंभीर होती जाती है क्रोनिक किडनी डिजीज,सीकेडी से राहत पाने के लिए अपनाएं ये 5 तरीकें

किडनी से संबंधित समस्याएं ना केवल व्यक्ति के रोजमर्रा के कार्य को प्रभावित कर सकती हैं बल्कि व्यक्ति की शारीरिक क्षमता पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बता दें कि किडनी का काम हमारे शरीर में...

समय के साथ गंभीर होती जाती है क्रोनिक किडनी डिजीज,सीकेडी से राहत पाने के लिए अपनाएं ये 5 तरीकें
मंजू ममगाईं,नई दिल्लीTue, 18 Jan 2022 07:19 PM
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किडनी से संबंधित समस्याएं ना केवल व्यक्ति के रोजमर्रा के कार्य को प्रभावित कर सकती हैं बल्कि व्यक्ति की शारीरिक क्षमता पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बता दें कि किडनी का काम हमारे शरीर में ब्लड को फिल्टर करना होता है। ऐसे में किडनी से जुड़ी समस्या ब्लड फिल्टर करने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। ऐसी एक समस्या है क्रोनिक किडनी डिजीज। इस डिजीज को क्रोनिक किडनी फेलियर भी कहते हैं।‌

क्या है क्रोनिक किडनी डिजीज-

जब कोई व्यक्ति क्रोनिक किडनी डिजीज से ग्रस्त होता है तो उसके शरीर में खून फिल्टर नहीं हो पाता और यह समस्या भविष्य में और गंभीर रूप ले सकती है। इसके इलाज के तौर पर डायलिसिस विकल्प मौजूद होता है। वहीं किडनी ट्रांसप्लांट के माध्यम से भी इस समस्या को दूर किया जाता है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को क्रोनिक किडनी डिजीज हो जाए तो वो इन तरीकों को अपनाकर इस समस्राया को दूर कर सकता है। हालांकि, इसके लिए पहले लक्षण और कारणों को जानना जरूरी है।

क्रोनिक किडनी डिजीज के लक्षण
जिस व्यक्ति को क्रोनिक किडनी डिजीज की समस्या होती है उसमें शरीर में खुजली होना, मांसपेशियों में ऐंठन होना, व्यक्ति की भूख में कमी, मतली की समस्या, उल्टी की समस्या, पैरों और टखनों में सूजन की समस्या, ज्यादा मात्रा में मूत्र आना या मूत्र आने में कमी हो जाना, सोने में परेशानी आदि जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं‌।

क्रोनिक किडनी डिजीज के कारण-
जब कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर यानि हाइपरटेंशन या डायबिटीज का शिकार हो जाता है तो उसे किडनी संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।‌ इससे अलग जो लोग स्मोकिंग करते हैं या जिन लोगों का वजन काफी ज्यादा है उन लोगों को भी क्रोनिक किडनी डिजीज की समस्या का जोखिम हो सकता है।

क्रोनिक किडनी डिजीज का उपचार-
क्रॉनिक किडनी डिजीज का पूरी तरीके से इलाज संभव नहीं है। लेकिन कुछ तरीकों से इस समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है। यह तरीके इस प्रकार हैं-
1 - संतुलित आहार का सेवन करने से क्रोनिक किडनी डिजीज की समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है। व्यक्ति को समस्या के दौरान कम नमक वाले आहार का सेवन करना चाहिए।
2 - यदि किसी व्यक्ति को क्रोनिक किडनी डिजीज है तो वह अल्कोहल या स्मोकिंग करने से बचे वरना इसके कारण समस्या और बढ़ सकती है।
3 - क्रोनिक किडनी डिजीज के दौरान व्यक्ति का वजन अधिक बढ़ सकता है। ऐसे में व्यक्ति किसी डायटिशियन से मिलकर अपने वजन को संतुलित रखने के लिए खास डाइट प्लान भी बनवा सकता है। 
4 - क्रोनिक किडनी डिजीज के दौरान शारीरिक गतिविधियों को एक्सपर्ट की देखरेख में जोड़ना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इससे अलग नियमित रूप से 30 मिनट तक व्यायाम करना भी एक बेहतर विकल्प है।
5 - यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो ऐसे में व्यक्ति समय-समय पर अपने ब्लड शुगर की जांच करवाते रहें। क्रोनिक किडनी डिजीज के दौरान डायबिटीज इस समस्या के जोखिम को और बढ़ा सकता है।

होम्योपैथिक उपचार है कारगर
क्रोनिक किडनी डिजीज की समस्या बेहद गंभीर और चिंताजनक होती है। ऐसे में सीकेडी से पीड़ित व्यक्ति को बिना किसी लापरवाही के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉ. पंकज अग्रवाल(Chief Consultant, Aggarwal Homoeo Clinic, Delhi and Secretary, The Progressive Homoeopathic Society) के अनुसार, किडनी की समस्या के लिए होम्योपैथिक उपचार बहुत हद तक मदद कर सकता है। होम्योपैथिक के कुछ चरणों के माध्यम से उपचार का परिणाम सकारात्मक आ सकता है। इस उपचार के जरिये आप डायलिसिस से भी बच सकते हैं। हालांकि इस समस्या को दूर करने के लिए कोई खास दवा उपलब्ध नहीं है। लेकिन रोगी की स्थिति और स्टेज के हिसाब से इलाज किया जा सकता है। ऐसे में आप अपने होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि रोगी को दी जानें वाली होम्योपैथिक दवा में अल्कोहल नहीं होता है। ऐसे में इनके सेवन से सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ सकता है।

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