व्यायाम के फायदे: आपकी याददाश्त और काम करने की क्षमता को बढ़ाती है सिर्फ 30 मिनट की कसरत
आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी के चलते लोगों की जीवनशैली काफी बिगड़ गई है। इसका सीधा असर शारीरिक और मानसिक सेहत पर पड़ रहा है। याद करने की शक्ति कमजोर हो रही है। लेकिन, थोड़ी से कसरत के जरिए सेहत को दुरुस्त...
आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी के चलते लोगों की जीवनशैली काफी बिगड़ गई है। इसका सीधा असर शारीरिक और मानसिक सेहत पर पड़ रहा है। याद करने की शक्ति कमजोर हो रही है। लेकिन, थोड़ी से कसरत के जरिए सेहत को दुरुस्त किया जा सकता है। एक अध्ययन में पता चला है कि केवल 30 मिनट की कसरत से याददाश्त को तेज किया जा सकता है।
मस्तिष्क के कार्य करने की क्षमता बढ़ती है
जाहिर है कि अमूमन लोग कुछ-न-कुछ बहाना बनाकर रोजाना की कसरत को टाल देते हैं। हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि केवल 30 मिनट कसरत करने से आप अपनी याददाश्त में सुधार कर सकते हैं। इसके साथ ही मस्तिष्क के काम करने के तरीका को भी बदला जा सकता है। स्वास्थ्य अधिकारी नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह देते हैं। लगभग ढाई घंटे आसान गतिविधियों जैसे तेज चलने या बागवानी करने से वृद्ध वयस्कों का दिमाग और शरीर स्वस्थ रहता है।
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न्यू यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के शोधकर्ताओं ने व्यायाम का याददाश्त पर असर जानने के लिए 50 से 58 वर्ष की आयु के लगभग 26 वयस्कों पर शोध किया। शोध में पाया कि महज तीस मिनट का व्यायाम याददाश्त तेज करने के लिए मस्तिष्क की गतिविधि को बढ़ाता है। इससे किसी भी बात को बेहतर ढंग से याद रखने में मदद मिलती है।
उम्र बढ़ने पर कम होती है याददाश्त:
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, 60 से अधिक उम्र के 13 फीसदी लोग जब कुछ याद करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें कुछ याद ही नहीं आता। ऐसा उनके साथ कई बार हो चुका है। सेंटर के मुताबिक, लोगों में अल्जाइमर का खतरा काफी तेजी से बढ़ रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद चिंताजनक है। 60 से 70 वर्ष की उम्र के बीच सिर का अग्र भाग और हिप्पोकैम्पस (मस्तिष्क में एक छोटी और घुमावदार संरचना जो नई यादों को निर्मित करती है) सिकुड़ने लगते हैं जिससे नई यादों के बनने में मुश्किल पैदा होती है।
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- 60 से 70 वर्ष की उम्र में सिकुड़ने लगती हैं मस्तिष्क की कोशिकाएं.
- 60 से अधिक उम्र के 13 फीसदी लोग बीती बातें याद करने में असमर्थ.
शोधकर्ताओं का कहना है कि अलग-अलग समय पर अलग तरह की यादें बनती हैं। इनका अपना ही महत्व होता है। इनको हमेशा याद रखने का एक अच्छा तरीका व्यायाम है। शारीरिक गतिविधियां मस्तिष्क पर सकारात्मक असर डालती हैं। हार्वर्ड हेल्थ ब्लॉग के मुताबिक, नियमित व्यायाम से मस्तिष्क की कोशिकाओं पर सुरक्षात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे सोचने की क्षमता विकसित होती है।