दिवाली से कुछ दिनों पहले प्रदूषण की मार की वजह से दिल्ली सरकार ने पटाखे पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं, एयर क्वालिटी पर निगरानी रखने वाली केंद्र की एजेंसी ‘सफर’ का कहना है कि अगर दिल्ली में दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़े जाते हैं, तो पीएम 2.5 का स्तर बीते चार सालों में सबसे कम रहने की संभावना है। ऐसे में पटाखे पर बैन की बहस से अलग सेहत के लिहाज से देखें, तो पटाखों का असर पर्यावरण पर ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी पटाखे जलाना खतरनाक है। आइए, जान लेते हैं कि पटाखे जलाने से आपकी सेहत किस तरह से प्रभावित होती है।
सांस से जुड़ीं बीमारियां
पटाखों को बनाने में गन पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से हवा में सल्फर डाई ऑक्साइड फैलती है। जिसके कारण वायु प्रदूषण फैलता है और दमा के रोगियों के लिए जहर का काम करता है।
फेफड़ों का कैंसर
पटाखों में मौजूद पोटैशियम क्लोरेट तेज रोशनी पैदा करते हैं जिसकी वजह से हवा जहरीली हो जाती है और फेफड़ों से जुड़ी परेशानी घेर लेती है।
आंखों की समस्या
दिवाली के पटाखों से होने वाले प्रदूषण से ऐसे जहरीले कण निकलते हैं जिनकी वजह से आंखों में जलन और पानी निकलने की समस्या हो जाती है। इनसे बचने के लिए आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारते रहने चाहिए।
बहरापन
कई बार तेज धमाकों के पटाखों की वजह से कान के पर्दे तक फट जाते हैं। जिनसे बहरापन होने का खतरा रहता है।
गर्भपात का खतरा
दीवाली के समय पटाखे जलाने पर खतरनाक कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस सांस में घुलकर गर्भवती स्त्री के गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे गर्भपात तक होने का खतरा रहता है।