चेतावनी : कोरोना से ठीक होकर घिर सकते हैं कई दूसरी बीमारियों से, बचने के लिए बरतें ये सावधानियां Covid-19 Warning: people cured from coronavirus can become the victim of many other diseases take these precautions to stay safe and healthy, लाइफस्टाइल - Hindustan
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चेतावनी : कोरोना से ठीक होकर घिर सकते हैं कई दूसरी बीमारियों से, बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि लोग कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई दूसरी बीमारियों से घिर सकते हैं। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना से ठीक हुए रोगियों में महीनों तक...

Manju Mamgain एजेंसी, लंदनWed, 21 Oct 2020 01:18 PM
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चेतावनी : कोरोना से ठीक होकर घिर सकते हैं कई दूसरी बीमारियों से, बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि लोग कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई दूसरी बीमारियों से घिर सकते हैं। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना से ठीक हुए रोगियों में महीनों तक कुछ लक्षण रहते हैं।

कोरोना संक्रमण शरीर के चार अंगों फेफड़ों, हृदय, किडनी और लीवर आदि को कमजोर कर देता है। इसलिए कोविड से उबरने के बाद भी विशेष सावधानी बरतना जरूरी है, अन्यथा वे अन्य बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। 

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन में एक छोटा अध्ययन किया था। अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, कोरोना महामारी के आधे से अधिक रोगियों ने अपने प्रारंभिक संक्रमण के बाद दो से तीन महीने तक सांस की तकलीफ, थकान, चिंता और अवसाद जैसे लक्षणों का अनुभव किया है।

शोध में 58 रोगियों में कोविड-19 के दीर्घकालिक प्रभाव को देखा गया, जो महामारी की बीमारी से ग्रस्त हुए थे। इसमें पाया गया कि कुछ रोगियों में संक्रमित होने से लगातार बुखार के कारण शरीर के अंगों में कुछ महीनों तक समस्या बनी रहती है। हालांकि, इस अध्ययन को अन्य वैज्ञानिकों द्वारा समीक्षा के पहले ही मेड-आरएक्सआईवी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया गया था। 

अध्ययन के निष्कर्षों में ये परेशानियां मिलीं : 
- 64% रोगियों को लगातार सांस की तकलीफ हुई 
- 55% रोगियों ने थकान रहने का अनुभव किया 

एमआरआई स्कैन में अंगों में असामान्यता दिखीं : 
मरीज    समस्या

- 60%    फेफड़ों
- 29%    किडनी 
- 26%    हृदय
- 10%    लीवर

​​देखभाल के एक एकीकृत मॉडल की जरूरत : डॉ. बेट्टी
अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले ऑक्सफोर्ड के रेडक्लिफ विभाग के एक डॉक्टर बेट्टी रमन ने कहा, ये निष्कर्ष कोविड-19 के साथ जुड़ी शारीरिक प्रक्रियाओं का पता लगाने और हमारे रोगियों के लिए नैदानिक ​​देखभाल के एक एकीकृत मॉडल को विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। डॉ. बेट्टी रमन ने कहा यह लंबे समय तक बुखार और वायरस अंगों पर पड़े प्रभाव के बीच एक संभावित जुड़ाव का संकेत देते हैं। 

एनआईएचआर की रिपोर्ट में ‘लॉन्ग कोविड’ का जिक्र :
पिछले सप्ताह प्रकाशित ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च (एनआईएचआर) की एक प्रारंभिक रिपोर्ट में पता चला है कि कोविड-19 के संक्रमण के बाद चल रही बीमारी, जिसे कभी-कभी ‘लॉन्ग कोविड’ कहा जाता है, इसमें शरीर और मस्तिष्क के सभी हिस्सों को प्रभावित करने वाले लक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल हो सकती है। 

ठीक हो चुके मरीजों के लिए दिशा-निर्देश : 
डब्ल्यूएचओ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के लिए स्वास्थ्य संबंधी सावधानी रखने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इनके अनुसार, व्यक्तिगत स्तर पर मास्क लगाना, शारीरिक दूरी का पालन, गर्म पानी पीने, योग-प्राणायाम जैसी हल्के व्यायाम की सलाह दी गई है। पर्याप्त नींद लेने के साथ ही इम्युनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवा ले सकते हैं। 

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