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Covid-19:वायरस के वार से बचाएगा विटामिन-ई, जानें किस उम्र में होती है कितनी जरूरत

कोरोना के कहर से सहमे लोगों ने रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है। कोई तुलसी, लौंग, कालीमिर्च जैसी प्राकृतिक चीजों से बना काढ़ा पी रहा है तो किसी ने जिंक और विमामिन-सी से भरपूर...

Covid-19:वायरस के वार से बचाएगा विटामिन-ई, जानें किस उम्र में होती है कितनी जरूरत
एजेंसी,वाशिंगटनSun, 16 Aug 2020 04:28 PM
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कोरोना के कहर से सहमे लोगों ने रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है। कोई तुलसी, लौंग, कालीमिर्च जैसी प्राकृतिक चीजों से बना काढ़ा पी रहा है तो किसी ने जिंक और विमामिन-सी से भरपूर फल-सब्जियों व नींबू पानी का सेवन बढ़ा दिया है। हालांकि, ‘आईयूबीएमबी लाइफ’ में छपे एक अमेरिकी अध्ययन की मानें तो वायरस से लड़ने की कोई भी कोशिश विटामिन-ई के बिना अधूरी है। ‘टी-लिम्फोसाइट’ नाम की प्रतिरोधक कोशिकाओं के उत्पादन के लिए अहम यह विटामिन ट्राउट मछली, लाल शिमला मिर्च, बादाम में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

मुख्य शोधकर्ता एलिजाबेथ सोमर के मुताबिक ‘टी-लिम्फोसाइट’ दो तरह की होती हैं। पहली, ‘रेगुलेटरी’ जो बाहरी तत्वों के शरीर में प्रवेश करने पर एंटीबॉडी का उत्पादन सुनिश्चित करती हैं। दूसरी, ‘साइटॉक्सिक’ जो बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमित कोशिकाओं से जुड़कर उनका खात्मा करती हैं। विटामिन-ई दोनों ही कोशिकाओं की बाहरी परत को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। 

यह ‘टी-लिम्फोसाइट’ को उनकी संख्या बढ़ाने में मदद करता है। प्रतिरोधक तंत्र की अन्य कोशिकाओं से सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए भी टी-कोशिकाओं को इस विटामिन की जरूरत पड़ती है। सोमर की मानें तो ढलती उम्र में मानव शरीर में टी-कोशिकाओं का उत्पादन घट जाता है। यही वजह है कि बुजुर्गों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता युवाओं की तुलना में कमजोर होती है। 

उन्होंने दावा किया कि विटामिन-ई न सिर्फ ‘टी-लिम्फोसाइट’, बल्कि एंटीबॉडी के उत्पादन और बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ाने वाली अन्य प्रतिरोधक कोशिकाओं की मजबूती के लिए भी महत्वपूर्ण है। खास बात यह है कि बुजुर्ग और अधेड़ उम्र के लोग विटामिन-ई युक्त आहार या सप्लीमेंट लेकर रोग-प्रतिरोधक तंत्र को एक बार फिर ज्यादा मात्रा में टी-कोशिकाओं के उत्पादन के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

सेहत को मिलेंगे ये फायदे-
1.बुढ़ापा दूर रहेगा-

-‘द जर्नल्स ऑफ गेरेन्टोलॉजी’ में छपे एक अमेरिकी अध्ययन की मानें तो विटामिन-ई एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। यह फ्री-रैडिकल को कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से रोकता है। इससे ढलती उम्र के जुड़ी समस्याएं दूर रहती हैं। हृदयरोग और डिमेंशिया के खतरे में भी कमी आती है।

2.आंखों के लिए फायदेमंद-
-विटामिन-ई ‘मैक्युलर डिजनरेशन’ से बचाती है। यह बीमारी मैक्युला (आंखों के पर्दे के बीच का अंडाकार भाग) को फ्री-रैडिकल से पहुंचे नुकसान से होती है। विभिन्न शोध में देखा गया है कि विटामिन-ई युक्त आहार लेने से ‘मैक्युलर डिजनरेशन’ में रोशनी जाने का जोखिम 19 फीसदी तक घट जाता है।

3.भूलने की बीमारी नहीं सताएगी-
-एकेडेमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स के मुताबिक विटामिन-ई तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं को फ्री-रैडिकल से बचाता है। इससे याददाश्त और तर्क शक्ति में गिरावट की शिकायत दूर रहती है। एक साथ कई काम निपटाने, सही-गलत में अंतर करने और त्वरित फैसले लेने की क्षमता भी बनी रहती है।

4.हार्ट अटैक, स्ट्रोक का खतरा घटेगा-
-‘जर्नल ऑफ न्यूट्रिशनल बायोकेमिस्ट्री’ में प्रकाशित एक शोध में विटामिन-ई को लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही धमनियों को चौड़ा करने में कारगर पाया गया था। इससे नसों में खून का थक्का नहीं जमता। साथ ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत के खतरे में 21 फीसदी की कमी आती है।

5.मुश्किल दिन आसान बनते हैं-
-‘जर्नल ऑफ नर्सिंग एंड मिडवाइफरी’ में छपे एक अध्ययन के अनुसार विटामिन-ई मुश्किल दिनों में होने वाले दर्द, बेचैनी, चिड़चिड़ेपन, डिप्रेशन से राहत दिलाता है। मासिक धर्म शुरू होने से दो दिन पहले से लेकर उसके तीसरे दिन तक विटामिन-ई लेने से ज्यादा रक्तस्त्राव होने की समस्या नहीं पेश आती।

किसे कितनी जरूरत-
आयु वर्ग          दैनिक आवश्यकता
-0 से 6 माह      4 मिलीग्राम
-7 से 12 माह      5 मिलीग्राम
-1 से 3 साल      6 मिलीग्राम
-4 से 8 साल      7 मिलीग्राम
-9 से 13 साल          11 मिलीग्राम
-14 साल से ऊपर    15 मिलीग्राम
-स्तनपान कराने वाली महिलाएं    19 मिलीग्राम

इनसे होगी पूरी-
प्रमुख स्रोत              मात्रा                          विटामिन-ई की उपलब्धता

-ट्राउट मछली           एक छोटा टुकड़ा        1.9 मिलीग्राम
-लाल शिमला मिर्च     मध्यम आकार            1.9 मिलीग्राम
-एवोकाडो                 समूचा फल                 2.7 मिलीग्राम
-सूरजमुखी का तेल     एक टेबलस्पून               5.6 मिलीग्राम
-बादाम                     30 ग्राम                         7.3 मिलीग्राम

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