पेरू के अमेजन के माध्यम से कोविड-19 महामारी तेजी से फैल रही है। संक्रमण से मुकाबले के लिए यहां के स्वदेशी शिपिबो समुदाय ने अपने पूर्वजों के चिकित्सा उपायों को अपनाने का फैसला किया है।
अस्पताल बहुत दूर हैं, डॉक्टरों और बेडों की कमी अलग समस्या है। इसके बावजूद जो लोग जा भी सकते हैं वो जाने से डर रहे हैं। उन्हें यह डर है कि अस्पताल में पैर रखते ही मृत्यु हो जाएगी। ऐसे में लोग संक्रमण से मुकाबले के लिए उपचार का पुराना तरीका अपना रहे हैं।
पेशे से शिक्षक मेरि फसाबी ने जड़ी-बूटियों को इकट्ठा किया, उन्हें उबलते पानी में डाला और अपने प्रियजनों को उसकी भाप में सांस लेने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने प्याज और अदरक के सिरप भी बनाए। मेरि का कहना है कि हमें इन पौधों के बारे में जानकारी थी, लेकिन हमें नहीं पता था कि क्या वे वास्तव में कोरोना के इलाज में मदद करेंगे।
महामारी के साथ हम नई चीजों की खोज कर रहे हैं। इस महामारी ने कई स्वदेशी समूहों को अपने स्वयं के उपाय खोजने के लिए मजबूर किया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल में दशकों से अंडर-इन्वेस्टमेंट, आधुनिक चिकित्सा के बाद भी कई गंभीर वायरस के मामलों के इलाज के लिए लोग ऑक्सीजन थेरेपी जैसे मानक उपचार नहीं करा रहे हैं। कुछ समुदायों में तैनात सरकारी रैपिड रिस्पांस टीमों ने एंटीबॉडी परीक्षण के माध्यम से संक्रमण दर को 80 फीसदी तक पाया है।