Hindi Newsलाइफस्टाइल न्यूज़Covid-19:Know what special feature will be introduced in the future homes including social distancing and second exit to servants as a preventive measure covid like epidemic

Covid-19:सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए बनेंगे भविष्य में घर, नौकरों के लिए जरूरी होगा सेकेंड एग्जिट

कोरोना संकट ने भविष्य के घरों के डिजाइन पर बहस तेज कर दी है। लॉकडाउन में खाली वक्त का वेबिनॉर के जरिए इस्तेमाल कर रहे आर्किटेक्ट गंभीरता से इस पर सोच रहे हैं। गोरखपुर के आर्किटेक्ट लगातार देश-विदेश...

Manju Mamgain अजय श्रीवास्तव, गोरखपुरMon, 11 May 2020 06:26 PM
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कोरोना संकट ने भविष्य के घरों के डिजाइन पर बहस तेज कर दी है। लॉकडाउन में खाली वक्त का वेबिनॉर के जरिए इस्तेमाल कर रहे आर्किटेक्ट गंभीरता से इस पर सोच रहे हैं। गोरखपुर के आर्किटेक्ट लगातार देश-विदेश की डिजाइन वेबिनॉर में हिस्सा ले रहे हैं। उनका कहना है कि भविष्य के घरों में बड़ा बदलाव आना तय है। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग बड़ी चुनौती है। संभवत: भविष्य के फ्लैटों के प्रवेशद्वार आमने-सामने नहीं होंगे। कम से कम दो एंट्री गेट होंगे। जिनमें बाहर ही वॉश बेसिन होगा।

सोशल डिस्टेंसिंग पर फोकस
पिछले एक महीने से देश-दुनिया के नामी आर्किटेक्ट वेबिनॉर कर रहे हैं। ऐसे वेबिनॉर में सक्रिय शहर के आर्किटेक्ट आशीष श्रीवास्तव ने कहा-अब तक भूकंप रोधी, अग्निरोधी भवन हमारी जरूरत थे। अब सोशल डिस्टेंसिंग केन्द्रीय बिंदु हो गया है। घर के नजरिए से देखें तो यूरोप, खाड़ी और एशियाई देशों की स्थितियां अलग हैं और जरूरतें भी। हर घर में खुली जगह, धूप और हवा का इंतजाम पहली शर्त है। कोरोना के बाद घर हों या फ्लैट, घनी बसावट से तौबा करनी होगी। 

बेसिक डिजाइन में बदलाव की जरूरत
आशीष कहते हैं कि अब पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है कि घर में प्रवेश के लिए दो द्वार अनिवार्य हों। घरेलू नौकरों के लिए ऐसे किचन डिजाइन हों, जिसमें वह बिना घर में प्रवेश किए अपना काम कर चले जाएं। आर्किटेक्ट अनुपम अग्रवाल ने कहा- अब लोगों को ओपेन एरिया पर कब्जे की सोच छोड़नी होगी। मानचित्र में हवा और धूप के लिए पर्याप्त जगह छोड़ी जाती है, लेकिन लोग ओपेन एरिया पर निर्माण करा लेते हैं। जिंदगी की जंग जीतनी है तो ओपेन एरिया के साथ बालकनी की भी जगह छोड़नी होगी। सेंट्रल एसी का मोह छोड़ना होगा। घरों में प्रवेश के समय ही वॉशबेसिन, कपड़े और जूते उतारने की जगह छोड़ी जाए। पानी के लिए फुट बटन हो, ताकि वायरस घर के अंदर न पहुंचे। 

सेटेलाइट टाउनशिप का देख रहे भविष्य
तीन वेबिनार में शामिल हो चुके आर्किटेक्ट संतोष शाही बताते हैं कि अपार्टमेंट में फ्लैट आपस में चिपके होते हैं। इसमें बदलाव करनास होगा। अब सेटेलाइट टाउनशिप की संभावनाएं देखी जा रही हैं। जिससे गांव और शहर के बीच बैलेंस भी बनेगा। इसके साथ ही टैरेस फार्मिंग और वर्टिकल बागवानी भी समय की मांग है। सोसाइटियों में जीरो वेस्ट मैनेजमेंट पर जोर है। इसके साथ ही फ्लैट के बीच दूरी बढ़ाने पर भी चर्चा हो रही है।

नोट-
नेशनल बिल्डिंग कोड के मुताबिक 24 मीटर की सड़क पर 330 फ्लैट वाले अपार्टमेंट बन सकते हैं। बदली परिस्थितियों में शहर के 20 से 30 किमी के दायरे में सेटेलाइट टाउनशिप पर बहस हो रही है। जहां फ्लैट के बीच दूरी भले ही कम हो, वहां स्कूल, अस्पताल, मल्टीप्लेक्स आदि की सुविधा होनी चाहिए।
अशीष श्रीवास्तव, आर्किटेक्ट

ऐसे होंगे भविष्य के घर-
-फ्लैटों में आमने-सामने नहीं होंगे एंट्री गेट ।
-हर फ्लैट में कम से कम दो एंट्री गेट होंगे।
-घर के अनुचरों के लिए केवल एक एंट्री ।
-हर एंट्री गेट पर वॉशबेसिन जरूर होगा।
-पानी के लिए हाथ का प्रयोग नहीं, फुटबटन होंगे।
-एंट्री प्वाइंट पर ही डोरबैक, जहां कपड़े उतारे जा सकें।
-टैरेस फॉर्मिंग और वर्टिकल बागवानी का इंतजाम।
-एंट्री प्वाइंट पर ही डोरबैक, जहां कपड़े उतारे जा सकें।

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