कोरोनाकाल में दुनियाभर के लोग उच्च स्तर का तनाव झेल रहे हैं। अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में कोविड-19 और मानसिक बीमारियों के बीच कहीं ज्यादा गहरा रिश्ता दर्ज किया गया है।
शोधकर्ताओं ने 6.9 करोड़ अमेरिकियों की मानसिक सेहत बयां करने वाले अध्ययन का विश्लेषण किया। इनमें से 62 हजार लोग कोरोना वायरस का शिकार हो चुके थे। पता चला कि हर पांच में से एक संक्रमित को सार्स-कोव-2 वायरस की जद में आने के 90 दिनों के भीतर बेचैनी, डिप्रेशन, अनिद्रा सहित अन्य मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
मुख्य शोधकर्ता माइकल ब्लूमफील्ड के मुताबिक कोरोना वायरस ने दुनियाभर में दहशत का माहौल पैदा कर रखा है। संक्रमितों के लिए यह दहशत ज्यादा घातक साबित होती है, क्योंकि उनके तंत्रिका तंत्र को वायरस का भी हमला झेलना पड़ता है।
ब्लूमफील्ड ने बताया कि सिरदर्द, आंखों के सामने धुंधलापन छाने और भ्रम होने जैसे मानसिक विकार के मामले तो ज्यादा आम हैं। हर दस में से आठ संक्रमितों को इनसे गुजरना पड़ता है।