फोटो गैलरी

Hindi News लाइफस्टाइलCovid-19:लॉकडाउन की वजह से रोजगार को लेकर हैं हताश, मनोचिकित्सक की सलाह दूर करेगी तनाव

Covid-19:लॉकडाउन की वजह से रोजगार को लेकर हैं हताश, मनोचिकित्सक की सलाह दूर करेगी तनाव

कोरोना वायरस ने लोगों के मन में खलबली मचाई हुई है। कुछ को निराशा व उदासी ने घेरा हुआ है, तो कुछ को भविष्य की चिंता सता रही है। यहां विशेषज्ञ बता रहे हैं कुछ उपाय, जो मन का संतुलन बनाए रखने में मदद कर...

Covid-19:लॉकडाउन की वजह से रोजगार को लेकर हैं हताश, मनोचिकित्सक की सलाह दूर करेगी तनाव
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 22 Apr 2020 08:03 AM
ऐप पर पढ़ें

कोरोना वायरस ने लोगों के मन में खलबली मचाई हुई है। कुछ को निराशा व उदासी ने घेरा हुआ है, तो कुछ को भविष्य की चिंता सता रही है। यहां विशेषज्ञ बता रहे हैं कुछ उपाय, जो मन का संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकते हैं-

मैं एक कपड़ा व्यवसायी हूं। लॉकडाउन के चलते मेरा पूरा काम ठप हो गया है। भविष्य की चिंता को लेकर काफी समय से मेरे मन में आत्महत्या के विचार आ रहे हैं। मुझे क्या करना चाहिए?

लॉकडाउन की वजह से बहुत सारे उद्योग-धंधे बंद हैं। इसकी मार छोटे और मध्यम व्यवसायियों पर ज्यादा पड़ी है। परिवार की जिम्मेदारियां वहन न कर पाने का खयाल उन्हें खाए जा रहा है। कुछ मामलों में तो समस्या बेहद गंभीर हो चुकी है। ऐसे में क्या हो सकता है, वाजिब समाधान बता रहे हैं दिल्ली स्थित इहबास के मनोचिकित्सक एवं निदेशकडॉ. निमेश जी देसाई

1-आपने इतनी बड़ी बात सार्वजनिक रूप से सामने रखी, यह बहुत हिम्मत का काम है। इससे पता लगता है कि आप अंदर से हिम्मती इनसान हैं। आजकल अर्थव्यवस्था की हालत देखते हुए इस तरह के विचार बहुत सारे लोगों के मन में आ सकते हैं।
 
2-थोड़ी बहुत चिंता-तनाव का अनुभव सभी कर रहे हैं, लेकिन आत्महत्या का विचार आना एक गंभीर समस्या है, जो चिंताजनक भी है। आपकी बातों से लग रहा है कि आप डिप्रेशन की गिरफ्त में हैं। डिप्रेशन के जटिल हो जाने की स्थिति में ही व्यक्ति को आत्महत्या के खयाल आते हैं या वह आत्महत्या की कोशिशें करता है।
 
3-अपनी मानसिक हालत को एक आपात स्थिति समझ कर तुरंत शहर के किसी सरकारी या निजी अस्पताल के मनोचिकित्सक की सलाह लें। आपकी मदद और इलाज दोनों संभव हैं। अगर संभव हो तो आप अस्पताल जा भी सकते हैं।

4-निराश बिलकुल न हों, लेकिन इस स्थिति को हलके में भी न लें। जितनी जल्दी हो सके, डॉक्टर की मदद लें। यह जरूरी है। बहुत सारे मानसिक चिकित्सा अस्पताल इस वक्त टेली काउंसलिंग भी कर रहे हैं। उनके नंबरों का पता लगाकर भी आप संपर्क कर सकते हैं।

5-तनावग्रस्त लोगों के लिए जिस तरह के सामान्य समाधान लागू हो सकते हैं, वे आपकी स्थिति में लागू नहीं होते। बेहतर होगा कि आप स्थिति की गंभीरता को समझें। और हां, ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह के बगैर कोई दवा न लें।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें