कोरोना योद्धाओं के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग के खास मायने हैं। उनकी जरूरतों के मद्देनजर एमएनएनआईटी के वैज्ञानिक एक ऐसा सेंसरयुक्त (पाइपलेस) आला तैयार कर रहे हैं, जिसकी मदद से डॉक्टर बिना स्पर्श किए मरीज की जांच कर सकेंगे।
एमएनएनआईटी के अप्लाइड मैकेनिक्स विभाग के डॉ. आशुतोष मिश्र, सजल बाबू, डॉ. रमेश पांडेय, डॉ. अभिषेक तिवारी संस्थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी के निर्देशन और प्रो. आरपी तिवारी के तकनीकी सहयोग से यह सेंसरयुक्त आला तैयार कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि इस आला से चिकित्सक आठ मीटर की दूरी से मरीज की जांच कर सकेंगे। संस्थान के वैज्ञानिकों को पूरा भरोसा है कि कोरोना काल में यह आला काफी कारगर होगा।
शोध छात्र सजल बाबू ने बताया कि चार महीने पहले इस पर काम शुरू किया गया था। लॉकडाउन के चलते कुछ उपकरण बाहर से नहीं आ पा रहे थे। यही वजह रही कि इसे तैयार करने में कुछ ज्यादा समय लग गया। उम्मीद है सितंबर के दूसरे पखवारे तक यह उपकरण पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। बताया कि इस आले की कीमत बाजार में मौजूद आला के बराबर ही होगी।
डॉक्टरों से लिया जाएगा फीडबैक-
सजल ने बताया कि इस पर काम शुरू करने से पहले चिकित्सकों से बातचीत की गई थी। जब टेस्टिंग शुरू होगी तो उनसे एक बार फिर फीडबैक लिया जाएगा।
इस तरह करेगा काम-
सजल ने बताया कि चिकित्सक के पास पहुंचने वाले मरीज को आठ मीटर के दूरी पर बैठा कर सेंसरयुक्त आला पकड़ा दिया जाएगा। डॉक्टर शरीर के जिस अंग पर लगाने को कहेंगे मरीज को उसे वहां लगाना होगा। सेंसर ब्लूटूथ के माध्यम से डॉक्टर के मोबाइल से कनेक्ट होगा। मोबाइल या इयरफोन के जरिए चिकित्सक उसकी ध्वनि को सुन सकेंगे। बता दें कि आला का उपयोग पारंपरिक तौर पर हार्ट की गतिविधि और ब्रेदिंग साउंड से समस्या को जानने के लिए किया जाता है।
संस्थान ने अब तक बनाए नौ एंटी कोरोना उपकरण -
-सेंसरयुक्त आला
-'वाइरेलाइजर 1.0'
-'वाइरोशोल्ड'
-स्टरलाइजिंग बॉक्स
-पॉवर बेस हैंड्स फ्री वॉश बेसिन
-पेपर को सेनिटाइज स्कैनर
-वायरलेस थर्मल स्कैनर
-रोबोटिक्स आर्म
-कोविड बेड