Covid-19:कोरोनावायरस तो सिर्फ शुरुआत है : चीनी विशेषज्ञ
चमगादड़ों में मौजूद कोरोनावायरसों पर शोध करने वाली बैट वुमेन के नाम से प्रसिद्ध प्रोफेसर शी जेंगली का कहना है कि अब तक बहुत कम प्रकार के कोरोनावायरस की खोज हुई है और सार्स-कोव-2 तो सिर्फ शुरुआत मात्र...
चमगादड़ों में मौजूद कोरोनावायरसों पर शोध करने वाली बैट वुमेन के नाम से प्रसिद्ध प्रोफेसर शी जेंगली का कहना है कि अब तक बहुत कम प्रकार के कोरोनावायरस की खोज हुई है और सार्स-कोव-2 तो सिर्फ शुरुआत मात्र है। कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी पर आरोप लग रहे हैं। अन्य देशों का मानना है कि इसी लैब में कोरोनावायरस की उत्पत्ति हुई है और लोग के बीच इसका फैलाव हुआ।
आरोपों को नकारते हुए लैब के निदेशक वांग यानयी ने कहा कि यह आरोप मनगढ़त हैं और उनके इंस्टीट्यूट ने अब तक सार्स-कोव-2 वायरस पर कोई शोध ही नहीं किया है। यह प्राकृतिक रूप से पनपा वायरस है। उन्होंने कहा, हमारे इंस्टीट्यूट को पिछले साल 30 दिसंबर को अनजान न्यूमोनिया वाले नमूने मिले थे। जब हमने नमूनों की जांच की तो नए प्रकार का कोरोनावायरस सार्स-कोव-2 पाया। इससे पहले हमें इसके बारे में काई जानकारी नहीं थी। हमने न तो इस पर पहले शोध किया था न तो इसे लैब में रखा था।
15 सालों से कोरोनावायरस पर शोध कर रही शी और उनकी टीम ने चमगादड़ों से अब तक सिर्फ तीन तरह के कोरोनावायरस अलग किए हैं। इनमें से एक सार्स वायरस के 96 फीसदी समान है तो दूसरा सार्स-कोव-2 वायरस के 79.8 फीसदी समान है।
शी ने बताया कि सार्स-कोव-2 हिमखंड के एक छोटे टुकड़े के समान है। दुनिया में कई प्रकार के चमगादड़ और जंगली जानवर हैं और उनमें कई प्रकार के वायरस हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को अभी जानवरों में मौजूद कई प्रकार के वायरसों के बारे में खोज कर उसके बारे में चेतावनी जारी करनी है ताकि इनसे बचाव के लिए दवाई बनाई जा सके।
शी ने कहा, ये वायरस प्रकृति में मौजूद होते हैं, चाहें आप स्वीकार करें या न करें। अगर हम उनपर शोध नहीं करेंगे तो एक और महामारी फैल सकती है। इसलिए उनके फैलने से पहले हम उन्हें ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि उनके पास पर्याप्त सबूत है कि सार्स-कोव-2 वायरस की उत्पत्ति वुहान के लैब में हुई है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोनावायरस की उत्पत्ति वुहान के लैब में होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।