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Hindi News लाइफस्टाइलCoronavirus : कोरोना वायरस से जुड़ी ये 14 बातें हैं झूठ, WHO ने बताया सच

Coronavirus : कोरोना वायरस से जुड़ी ये 14 बातें हैं झूठ, WHO ने बताया सच

कोरोना वायरस की दहशत आम लोगों के बीच इस कदर बढ़ती जा रही है कि कोरोना से जुड़ी कोई भी खबर देखते ही वे अपने दोस्तों या परिजन को शेयर करने लग जाते हैं। ऐसे में कोरोना की सावधानियों के बीच ऐसी कई अफवाह भी...

Coronavirus :  कोरोना वायरस से जुड़ी ये 14 बातें हैं झूठ, WHO ने बताया सच
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्ली Fri, 13 Mar 2020 11:57 AM
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कोरोना वायरस की दहशत आम लोगों के बीच इस कदर बढ़ती जा रही है कि कोरोना से जुड़ी कोई भी खबर देखते ही वे अपने दोस्तों या परिजन को शेयर करने लग जाते हैं। ऐसे में कोरोना की सावधानियों के बीच ऐसी कई अफवाह भी हैं, जो लोगों के बीच फैलती जा रही है। 
कोरोना की ऐसी ही कई गलतफहमियों को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ऐसी ही 14 बातों की लिस्ट बनाई है जो मिथक हैं, लेकिन तेजी से दुनियाभर में वायरल हो रहे हैं। आइए, जानते हैं क्या है मिथक और उनकी सच्चाई- 

 

मिथक : गर्म मौसम और नमी में नहीं फैलता कोरोना। 
सच : आम लोगों के बीच यह गलतफहमी है कि गर्म मौसम में कोरोना नहीं फैलता या नमी बनाए रखने के लिए बार-बार गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोनावायरस कहीं भी, किसी भी क्षेत्र फैल सकता है। गर्म और नम मौसम में भी। कोरोना संक्रमण का पर्यावरण या जलवायु से कोई संबंध नहीं है।


मिथक : ठंडा मौसम व बर्फ कोरोना वायरस को खत्म करता है।
सच : कई लोगों का मानना है कि टेम्परेचर कम होने पर कोरोना वायरस सर्वाइव नहीं कर पाएगा लेकिन विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार ठंडा मौसम या बर्फ नए कोरोना वायरस या किसी अन्य बीमारी के वायरस को खत्म नहीं कर सकता। बाहर का तापमान कितना भी हो, हमारा औसत बॉडी टेम्परेचर 36।5 से 37 डिग्री से। के बीच होता है।


मिथक : गर्म पानी से नहाने पर मरता है कोरोना वायरस। 
सच : आप चाहें तो गर्म पानी से नहा लें, लेकिन इससे कोरोना वायरस पर कोई असर नहीं होता। इससे वह मरता नहीं है क्योंकि बॉडी टेम्परेचर तो 36।5 से 37 डिग्री से. ही होता है। ऐसे में इस बात का कोई आधार नहीं है कि गर्म पानी से कोरोना मरता है। 

 

मिथक : मच्छर काटने से भी फैलता है कोरोना वायरस। 
सच : विश्व स्वास्थय संगठन का कहना है कि अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिससे कि इस बात की पुष्टि हो सके कि मच्छर के शरीर में यह वायरस रह सकते हैं या नहीं। बहरहाल, न्यू कोरोनावायरस एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या किसी तरह से संपर्क में आने से फैलता है।

 

 


मिथक : हैंड ड्रायर्स से मरता है कोरोना वायरस। 
सच : यह खबर वायरल हो रही है कि हाथ धोने के बाद हैंड ड्रायर्स का इस्तेमाल करने से कोरोना वायरस मर जाते हैं जबकि ऐसा नहीं है। हैंड ड्रायर्स से कोरोना वायरस नहीं मरते। 

मिथक : अल्ट्रावॉयलेट डिसइंफेक्टेंट लैंप कोरोना वायरस को खत्म करता है।
सच :अल्ट्रावॉयलेट डिसइंफेक्टेंट लैंप का कोरोना वायरस को खत्म करने में कोई योगदान नहीं है। इससे आपके हाथ या शरीर के अन्य हिस्सों की त्वचा के कीटाणु भी नहीं मरते। इसके ज्यादा इस्तेमाल से स्किन इरिटेशन की समस्या हो सकती है।


मिथक : थर्मल स्कैनर से कोरोना संक्रमण का पता चलता है।
सच : कोरोना संक्रमण की जांच के लिए जगह-जगह थर्मल स्कैनर (Thermal Scanner) का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन WHO का कहना है कि थर्मल स्कैनर बॉडी टेम्पेचर पता कर बुखार का पता लगा सकता है। लेकिन कोरोना संक्रमित व्यक्ति का पता नहीं लगा सकता। क्योंकि कई बार कोरोना संक्रमित व्यक्ति को बुखार आने में 2 से 10 दिन तक लग जाते हैं।

 

मिथक : शरीर पर एल्कोहल/क्लोरीन स्प्रे से कोरोना वायरस मरता है।
सच : शरीर पर एल्कोहल या क्लोरीन स्प्रे को सिर्फ बचाव के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन जिस व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस प्रवेश कर चुके हैं। उसे इन चीजों का इस्तेमाल करके नहीं मारा जा सकता। 

 

मिथक : पालतू जानवरों से कोरोना वायरस  फैलता है।
सच : पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैलने की अभी तक कोई घटना सामने नहीं आई है लेकिन सावधानी रखने के तौर पर आप पालतू जानवरों को छूने के बाद हाथ धोकर खाना खाएं। 

 

मिथक : निमोनिया वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाती है।
सच : यह बात पूरी तरह से झूठ है। यह वायरस बिल्कुल नया है और इसके लिए नई वैक्सीन की जरूरत है। रिसर्चर एंटी-कोविड19 वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगे हैं। डब्ल्यूएचओ उनकी कोशिशों को समर्थन दे रहा है।

 

मिथक : सैलाइन से नाक साफ करने से बचाव होता है।
सच : इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता लेकिन लगातार सैलाइन से नाक साफ करने से कोरोनावायरस से बचाव हो सकता है। सैलाइन से लगातार नाक साफ करने से लोग जुकाम से जल्दी रिकवर कर जाते हैं।

 

मिथक : लहसुन खाने से कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं।
सच : लहसुन खाना सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन कोरोना वायरस से बचाव में इसे उपयोगी नहीं माना जा सकता। 


मिथक : कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और बच्चों को है। 
सच : न्यू कोरोनावायरस (2019-nCoV) से हर आयु वर्ग के लोग संक्रमित हैं। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ बुजुर्गों और बच्चों या कम उम्र के लोगों को संक्रमित करता है। यह कहा जा सकता है कि बुजुर्गों और अस्थमा, डायबिटीज या दिल की बीमारी वाले लोगों को पर वायरस का खतरा ज्यादा है।

 

मिथक : एंटीबायोटिक्स कोरोनावायरस के इलाज में कारगर होता है। 
सच : यह बात अभी शोध का विषय है लेकिन कोरोना से निपटने के लिए अभी कोई दवाई नहीं मिल सकी है। ऐसे में यह बात सही नहीं है। 

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