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नहलाने से पहले या बाद में कब करनी चाहिए शिशु की मालिश? ये है बेबी केयर से जुड़े इन मिथकों की सच्चाई

Myths about Massaging Newborns: त्वचा पर लगाया गया मॉइस्चराइजर स्किन से रूखेपन को खत्म करके जलन से बचाव और अच्छे बैक्टीरिया के विकास में मदद करता है। लेकिन एक अच्छे मॉइस्चराइजर को लेकर कई ऐसे मिथक हैं

नहलाने से पहले या बाद में कब करनी चाहिए शिशु की मालिश? ये है बेबी केयर से जुड़े इन मिथकों की सच्चाई
Manju Mamgainलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 26 May 2023 12:22 PM
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Best Moisturisers For Baby Skin: बच्चों की त्वचा बेहद नाजुक और लगातार विकसित होने वाली होती है। यही वजह है कि उनके लिए कोई भी स्किन केयर प्रोडक्ट्स चुनते समय माता-पिता हर चीज का खास ख्याल रखते हैं। बच्चे के पैदा होते ही सबसे पहले उसकी त्वचा के लिए सुरक्षित साबुन और मॉइस्चराइजर की तलाश शुरू हो जाती है। त्वचा पर लगाया गया मॉइस्चराइजर स्किन से रूखेपन को खत्म करके जलन से बचाव और अच्छे बैक्टीरिया के विकास में मदद करता है। लेकिन एक अच्छे मॉइस्चराइजर को लेकर कई ऐसे मिथक हैं जिनके बारे में हर माता-पिता को जरूर पता होना चाहिए। आइए जानते हैं उनके बारे में-    

बच्चों के मॉइस्चराइजर से जुड़े कुछ मिथक और उनकी सच्चाई-

शिशु की त्वचा को हमेशा मॉइस्चराइज करने की जरूरत होती है-
आईएपी दिशानिर्देश अनुसार, भले ही शिशु की त्वचा में रूखेपन का कोई लक्षण नजर न आ रहा हो बावजूद इसके वो हमेशा क्लीनिकली सूखी हुई रहती है। इसलिए शिशु की त्वचा पर मॉइश्चराइजर लगाना जरूरी होता है।

तेल मालिश करने के बाद शिशु को मॉइश्चराइजर लगाना जरूरी नहीं-
आईएपी दिशानिर्देशों के अनुसार, तेल मालिश के कई फायदे होते हैं। यही वजह हे कि सूरजमुखी का तेल, नारियल का तेल या खनिज तेल के उपयोग की सिफारिश की जाती है। हालांकि बात जब ऑयल मसाज की होती है तो इसे करने से बच्चे की बॉडी में ब्लड फ्लो अच्छा बना रहने के साथ त्वचा को भी लाभ मिलता है। आमतौर पर बच्चे की तेल मालिश करने के बाद उसे नहलाने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं, बच्चे को नहलाने के बाद उनकी त्वचा की नमी कम हो सकती है। ऐसे में स्किन केयर नियम कहते हैं कि शिशु को नहलाने के ठीक बाद मॉइस्चराइज किया जाना चाहिए। ताकि उनकी त्वचा नमी को अच्छी तरह लॉक करके हाइड्रेट बनी रह सके। 

क्या बच्चे को करनी चाहिए जैतून और सरसों का तेल से मालिश-
अक्सर माता-पिता बच्चे की मालिश करने के लिए कई तरह के तेल का उपयोग करते हैं। लेकिन दादी-नानी के जमाने से चली आ रही इस प्रथा के विपरीत आईएपी दिशानिर्देश बच्चे की मालिश के लिए खासतौर पर जैतून और सरसों के तेल को उपयोग करने के लिए मना करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये दोनों ही तेल शिशुओं के लिए मॉइस्चराइजर के विकल्प के रूप में नहीं माने जाते। इन तेलों की प्रकृति को देखते हुए, वे शिशु की त्वचा में जलन, चकत्ते और एलर्जी का कारण बन सकते हैं।

मॉइस्चराइजिंग की जरूरत सिर्फ सर्दियों में पड़ती है-
इस मिथक को सच मानने वाले कई माता-पिता अक्सर बाद में बच्चे को चकत्ते, मुंहासे, खुजली और एलर्जी जैसी समस्या होने की शिकायत करते हैं। गर्मियों में बच्चे की त्वचा को मॉइस्चराइज रखने के लिए आप लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये नॉन ग्रीसी लोशन त्वचा में आसानी से अवशोषित होकर त्वचा को नमी प्रदान करते हैं

मॉइस्चराइजिंग विकल्प-
दूध प्रोटीन, विटामिन ई, विटामिन बी 5, एलो जैसी प्राकृतिक चीजें च्वचा को मॉइस्चराइज और सॉफ्ट बनाए रखने के साथ उन्हें हेल्दी रखने में भी मदद करती हैं। हालांकि शिशु की स्किन पर इन चीजों को लगाने से पहले पैच टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, आप बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह लेकर भी इस बात का पता लगा सकते हैं कि क्या ये सभी चीजें आपके बच्चे की नाजुक स्किन के लिए सेफ हैं।

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