हिंसा के शिकार बच्चों के स्कूल छोड़ने की संभावना अधिक
हिंसा के शिकार बच्चों के अपने साथी बच्चों के मुकाबले ग्रेजूएशन करने से पहले हाई स्कूल छोड़ने की संभावना अधिक रहती है। एक अध्ययन में यह पता चला है कि बचपन में हिंसा का सामना करने वाली लड़कियों के अपने...
हिंसा के शिकार बच्चों के अपने साथी बच्चों के मुकाबले ग्रेजूएशन करने से पहले हाई स्कूल छोड़ने की संभावना अधिक रहती है। एक अध्ययन में यह पता चला है कि बचपन में हिंसा का सामना करने वाली लड़कियों के अपने साथियों की तुलना में स्कूल छोड़ने की संभावना 24 फीसदी अधिक होती है जबकि हिंसा के शिकार लड़कों के स्कूल छोड़ने की संभावना 26 फीसदी अधिक होती है। अमेरिका में पांच में से एक बच्चा ग्रेजूएशन करने से पहले ही हाई स्कूल छोड़ देता है जिससे जीवनभर पैसा कमाने की उनकी क्षमता 20 फीसदी तक कम हो जाती है। शोधकतार्ओं ने 5,370 लड़कियों और 3,522 लड़कों से बातचीत के आधार पर किए गए सर्वे के लिए पूर्व में किए गए अध्ययनों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया। अधिक सटीक आंकड़ें हासिल करने के लिए अमेरिका में जन्मे लोगों के नमूने ही एकत्रित किए गए।
अध्ययन में 8,800 से ज्यादा लोगों ने 16 साल की उम्र से पहले ही किसी तरह की हिंसा का शिकार बनने की बात कही। इनमें से 34 फीसदी महिलाएं और 29 फीसदी पुरष हैं। 21 प्रतिशत महिलाओं ने यौन शोषण का शिकार होने की बात कही जबकि छह फीसदी पुरष यौन शोषण का शिकार बनें। चूंकि ज्यादातर राज्यों में 16 की उम्र तक शिक्षा अनिवार्य है तो यह अध्ययन हिंसा का शिकार बनने वाले एक से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के स्कूल छोड़ने पर केंद्रित रहा। 16 साल की आयु से पहले किसी भी तरह की हिंसा का सामना करने वाले बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर इसी आयु के दौरान हिंसा का सामना ना करने वाले बच्चों से अधिक रहीं।