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Hindi News लाइफस्टाइलApril Fool's Day 2020 : इस बार ‘अप्रैल फूल’ पर ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, सोशल मीडिया पर इन कामों से बचें 

April Fool's Day 2020 : इस बार ‘अप्रैल फूल’ पर ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, सोशल मीडिया पर इन कामों से बचें 

कोरोना वायरस के खतरे के बीच इस अभी तक पड़ने वाले त्योहार फीके से बीत रहे हैं लेकिन फिर लॉकडाउन होने पर भी एक उम्मीद कायम है कि कोरोना के खतरे से देश को बाहर करने के लिए फिलहाल बाहरी दुनिया से कटकर ऐसे...

April Fool's Day 2020 : इस बार ‘अप्रैल फूल’ पर ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, सोशल मीडिया पर इन कामों से बचें 
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्लीTue, 31 Mar 2020 10:41 PM
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कोरोना वायरस के खतरे के बीच इस अभी तक पड़ने वाले त्योहार फीके से बीत रहे हैं लेकिन फिर लॉकडाउन होने पर भी एक उम्मीद कायम है कि कोरोना के खतरे से देश को बाहर करने के लिए फिलहाल बाहरी दुनिया से कटकर ऐसे दिनों को बिताना ही होगा। उम्मीद पर दुनिया कायम है, ऐसे में कहा जा सकता है कि आने वाला समय जरूर खुशियों से भरा होगा। बहरहल, हर साल की तरह 1 अप्रैल को ‘अप्रैल फूल’ का दिन है। इस दिन अपने दोस्तों को झूठी बातें बोलकर हंसने-गुदगुदाने का दिन है लेकिन इस साल वक्त की नजाकत को समझते हुए हमें इस दिन को सेलिब्रेट करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।  

क्यों मनाया जाता है ‘अप्रैल फूल’
अप्रैल फूल को लेकर कई कहानियां में कहा जाता है कि अप्रैल फूल्स डे (मूर्ख दिवस) की शुरुआत फ्रांस में 1582 में उस वक्त हुई, जब पोप चार्ल्स IX ने पुराने कैलेंडर की जगह नया रोमन कैलेंडर शुरू किया था। बताया जाता है कि इस दौरान कुछ लोग पुरानी तारीख पर ही नया साल मनाते रहे और उन्हें ही अप्रैल फूल्स कहा गया था। हालांकि कई जगह इसकी शुरुआत 1392 भी बताई जाती है, लेकिन इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं।जानकर हैरानी होगी कि फ्रांस, इटली, बेल्जि्यम में काग़ज़ की मछली बनाकर लोगों के पीछे चिपका दी जाती है और मज़ाक बनाया जाता है। वहीं स्पेनिश बोलने वाले देशों में 28 दिसंबर को अप्रैल फूल मनाया जाता है, जिसे डे ऑफ होली इनोसेंट्स भी कहा जाता है। इसी तरह से ईरानी फारसी नए साल के 13वें दिन एक-दूसरे पर तंज कसते हैं, यह एक या दो अप्रैल का दिन होता है। 

इन बातों का रखें ध्यान 
कोरोना की महामारी के बीच पुलिस ने लोगों से अपील की है कि कोरोना को लेकर किसी तरह का मजाक ना करें, वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर इस दौरान किसी तरह की अफवाह फैलाने पर IPC की धारा 188 के तहत एक्शन लिया जाएगा और इसी के साथ 6 महिने की जेल भी हो सकती है। 
वहीं, महाराष्ट्र में औरंगाबाद पुलिस ने लोगों को ‘अप्रैल फूल डे’ पर सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर अफवाह फैलाने या किसी तरह की शरारत (प्रैंक) करने के खिलाफ आगाह किया है। पुलिस ने ऐसा करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही है।
- सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर ऐसा कोई मीम या जोक न डालें, जिससे कि इस बीमारी की चपेट में आए लोगों का हौंसला टूटे या उनकी भावनाएं आहत हो। 
-दोस्तों के साथ किसी भी तरह का मजाक करने से बचें। खासतौर पर कोरोना वायरसे जुड़ा कोई प्रैंक न करें। 
-सोशल मीडिया पर किसी तरह की फेक न्यूज या वीडियो पोस्ट या शेयर करने से बचें। 
 

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