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हवा में घुला जहर, कोहरे से ज्यादा खतरनाक प्रदूषण वाली काली धुंध

सर्दियों में कोहरा  सामान्य मौसमी प्रक्रिया है, जिससे परेशानियां तो होती हैं मगर यह उतना खतरनाक नहीं है, जितना स्मॉग। इस वक्त पूरे दिल्ली-एनसीआर पर काली धुंध छाई हुई है। कोहरा आमतौर पर अस्थमा...

हवा में घुला जहर, कोहरे से ज्यादा खतरनाक प्रदूषण वाली काली धुंध
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 04 Nov 2019 07:24 AM
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सर्दियों में कोहरा  सामान्य मौसमी प्रक्रिया है, जिससे परेशानियां तो होती हैं मगर यह उतना खतरनाक नहीं है, जितना स्मॉग। इस वक्त पूरे दिल्ली-एनसीआर पर काली धुंध छाई हुई है। कोहरा आमतौर पर अस्थमा रोगियों की परेशानी बढ़ता है मगर प्रदूषण वाली इस धुंध के जहर से कोई नहीं बच पाता। आइए जानते है कि कोहरे से कितना खतरनाक है स्मॉग ...

कोहरा-

पानी के कणों वाला बादल है कोहरा-
ठंडी नम हवा में जब जलस्त्रोतों में वाष्पीकरण होता है तो हवा में पानी की बूंदें इकट्ठी हो जाती हैं, जिसे कोहरा कहते हैं। 

बादल की तरह बनता है-
कोहरा सर्दियों में बनता है। इसका निर्माण बादल की तरह होता है। यह बादल जमीन के करीब बनता है यानि बादल का वह भाग जो ऊपरी भूमि के संपर्क में आता है,वह कोहरा होता है।

धूप निकलते ही छंटता है-
धूप आने पर कोहरा छंटने लग जाता है, क्योंकि तब हवा की नमी खत्म होती है। हवा चलने पर यह साफ हो जाता है।

परेशानियां बढ़ाता है-
कोहरे में अस्थमा के मरीजों और दूसरी बीमारियों के कारण अस्वस्थ्य लोगों को परेशानी होती है। दृश्यता कम होने से जो परेशानियां पैदा होती हैं वो अलग। 

ऐसे बनता है स्मॉग-
वातावरण में मौजूद प्रदूषित कणों को स्मॉग कहते हैं। यह शब्द बीसवीं शताब्दी में चलन में आया जो अंग्रेजी के शब्द स्मोकी फॉग (धुएं वाला कोहरा) से मिलकर बना है। वातावरण की हवा में गंध आने लगती है।

गर्मियों में भी बनता- 
कोयला जलाने, वाहन और औद्योगिक उत्सर्जन, वन और कृषि आग से पैदा होने वाले धुएं और धूल की वजह से यह पैदा होता है। स्मॉग जैसे हालात गर्मियों में भी तब बन जाते हैं, जब वायु में धूल कण और धुएं की मात्रा बहुत बढ़ जाती है।

बेहद खतरनाक-
स्मॉग में भारी मात्रा में प्रदूषण के महीन कण (एएम 2.5 और पीएम 10) शामिल होते हैं। स्मॉग फेफड़े, किडनी तक को नुकसान पहुंचाता है। यह मधुमेह, एनीमिया के रोगियों के लिए बेहद घातक है।

ट्विटर पर दिल्लीएयर इमरजेंसी ट्रेंड रहा-
गूगल के टॉप ट्रेंडर्स में सूर्योदय पांचवें नंबर पर ट्रेंड हुआ। दिल्ली-एनसीआर में रविवार को बहुत ज्यादा स्मॉग होने के कारण लोगों ने यह खोजने के लिए इंटरनेट की मदद ली कि सूरज कितने बजे उगा। वर्ल्ड वाइड टॉप ट्रेंड में दिल्लीएयर इमरजेंसी शीर्ष पर था और दूसरे नंबर पर दिल्लीपॉल्यूशन रहा। जबकि चौथे नंबर पर दिल्लीबचाओ ट्रेंड कर रहा है।   

धूप में बढ़ता-
दिन के समय प्रदूषित  कण सूरज की रोशनी से रसायनिक क्रिया करके नए प्रदूषित कण बनाते हैं, इससे स्मॉग और बढ़ता है।

स्मॉग की एक सांस में आप पी रहे हैं-
-नाइट्रोजन ऑक्साइड : ये तीव्र प्रतिक्रियाशील गैसों का समूह है, जिसमें नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड  घुली होती है।
असर : प्रतिरोधक क्षमता में कमी, त्वचा के कैंसर का खतरा
-कार्बन मोनोऑक्साइड : यह रंगहीन और गंधहीन गैस है और वाहन के ईंधन से पैदा होती है। इससे वातावरण की दृश्यता घटती है।
असर : सुनने की क्षमता में कमी, सिर व सीने में दर्द
-सल्फर डाईऑक्साइड : यह ऐसी गैस है जो पानी में घुलकर अम्ल बनाती है।
असर : सांस उखड़ना
-ओजोन : यह वातावरण में मौजूद गैसों के सूर्य से प्रतिक्रिया करने पर पैदा होती है। 
 असर : आंखों में पानी आना, खराश 

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