प्रदूषण आपके पूरे शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है। इसके कुप्रभाव से बचने के लिए सरकारी प्रयास ही काफी नहीं हैं। हम खुद कितने सजग और तैयार हैं, यह भी मायने रखता है। छोटे-छोटे कदम उठाकर घर-परिवार को इसके प्रकोप से बचा सकते हैं। आज से हम विशेषज्ञों के सुझाए ऐसे ही उपाय साझा कर रहे हैं। पहली कड़ी में जानिए दिल के मरीज क्या करें...
क्यों घातक
एम्स के ह्रदय रोग विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संदीप मिश्रा के मुताबिक कई शोध में यह देखा गया है कि वायु प्रदूषण वाले इलाकों में प्रदूषण बढ़ने पर हृदयघात की संख्या बढ़ जाती है। प्रदूषित सूक्ष्म कण ,पीएम 2.5 और 2.5 माइक्रोन से भी छोटे प्रदूषित कण दिल तक रक्त पहुंचाने वाली आर्टरी की एंडोथीलियम को नुकसान पहुंचा रही है। ऐसे में हृदय रोगी गुनगुना पानी ज्यादा पीएं। समय पर दवा लें और घर पर ही व्यायाम करें।
क्या खतरा
’ हृदयघात का खतरा बढ़ जाता है।
’ दिल की नसें सूखने लगती हैं।
’ रक्त का संचार धीमा होने लगता है।
’ रक्त संचार के लिए रोगी को जोर लगाना पड़ता है।
क्या करें
’ वायु प्रदूषण से बचने के लिए एन 95 मास्क लगाएं
’ दिल के मरीज हैं तो अपने रक्तचाप पर नियंत्रण रखें
’ सर्दियों के हिसाब से एक बार डॉक्टर को जरूर दिखा लें
क्या न करें
’ प्रदूषण का स्तर अधिक हो तो सैर पर निकलने से बचना चाहिए।
’ प्रदूषित सड़कों पर निकलने से भी बचें, जरूरी न हो तो घर पर ही रहें
वायु प्रदूषण से दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। कई शोध में देखा गया है कि वायु प्रदूषित इलाकों में रहने वाले लोगों में ह्रदयघात के मामले उस समय ज्यादा बढ़ गए जब उनके क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया।
-प्रोफेसर संदीप मिश्रा, ह्रदय रोग विभाग ,एम्स
एनसीआर का हाल
15 फीसदी मरीज बढ़े
फरीदाबाद में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. उमेश कोहली बताते हैं कि जिले में करीब 20 हजार हृदय रोगी हैं। प्रदूषण के कारण जिले में करीब 15 फीसदी हृदयरोगी मरीज बढ़ जाते हैं।
ठंड में परेशानी अधिक
नोएडा स्थित मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. समीर गुप्ता बताते हैं कि नवंबर, दिसंबर और जनवरी में हृदय रोगियों की संख्या 30 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इसमें कड़ाके की ठंड भी एक पहलु है।
हार्ट अटैक के मामले बढ़े
गुरुग्राम स्थित कॉलबिंया एशिया अस्तपाल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित गुप्ता ने बताया कि खराब होती आबोहवा के कारण 20 फीसदी तक हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं।
दोगुने हुए मरीज
गाजियाबाद स्थित एमएमजी अस्तपाल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुनिल कात्याल ने बताया कि पिछले 15 दिनों में दिल के मरीजों की ओपीडी में दोगुनी हो गई है। 30 से अधिक मरीज आ रहे।