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Surajkund International Crafts Mela 2023: आज से शुरू हो रहा है सूरजकुंड मेला, जानें क्या रहने वाला है इस बार खास

36th Surajkund International Crafts Mela 2023: अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में करीब 25 साल बाद पूर्वोत्तर राज्यों के व्यंजनों को चखने को मौका मिलेगा। यहां पर फूड्स के लिए अलग से 50 स्‍टॉल लग

Surajkund International Crafts Mela 2023:  आज से शुरू हो रहा है सूरजकुंड मेला, जानें क्या रहने वाला है इस बार खास
Manju Mamgainलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 03 Feb 2023 04:32 PM

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Surajkund Crafts Mela 2023:  हर साल की तरह इस साल भी फरीदाबाद के सूरजकुंड में 36वां अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला आज से आयोजित किया जा रहा है। यह मेला 3 फरवरी से शुरु होकर 19 फरवरी तक चलेगा। यह मेला रोज सुबह 10:30 बजे शुरू होकर रात 8:30 बजे तक चलेगा। इस साल लगने वाले मेले की खासियत यह है कि इस बार 45 देशों से विदेशी आर्टिस्ट इस मेले में हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं।   

सूरजकुंड मेले की थीम-
हर साल की तरह इस साल भी मेले को सजाने के लिए उसकी एक अलग थीम रखी गई है। इस बार पूर्वोत्तर के आठ राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा को थीम स्टेट बनाया गया है। यहां की संस्कृति से लेकर खानपान तक का आनंद सूरजकुंड आकर लिया जा सकता है। 

सूरजकुंड मेले में क्या होगा खास?
अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में करीब 25 साल बाद पूर्वोत्तर राज्यों के व्यंजनों को चखने को मौका मिलेगा। यहां पर फूड्स के लिए अलग से 50 स्‍टॉल लगाई जा रही हैं। मेले में पिज्जा से लेकर और बाजरे की रोटी तक का जायका लिया जा सकते हैं। मणिपुर की चाहाओ खीर, मेघालय की फ्रूटचाट, त्रिपुरा की भंगुई बिरयानी, हरियाणा की बाजरे की रोटी और कढ़ी का स्वाद और पूर्वोत्तर राज्यों की बैंबू बिरायनी का जायका भी सूरजकुंड मेला में आकर ले सकते हैं। 

कब से हुई थी सूरजकुंड मेले की शुरुआत?
मेले की शुरुआत साल 1987 में हुई थी। जिसका उद्देश्य भारत में मौजूद अद्भुत और लुप्त हो रही कलाओं को बढ़ावा देना है। सूरजकुंड मेले में जाने के लिए टिकट लेनी होती है। इस मेले में आप 50 रुपए से लेकर 100 रुपए में भी कई सारी चीजें खरीद सकते हैं।

45 देशों के विदेशी आर्टिस्ट लेंगे हिस्सा-
इस साल सूरजकुंड मेले में 45 देशों के देशी-विदेशी कलाकार और शिल्पकार पहुंचकर अपनी परंपरा, लोककला और संस्कृति को पेश करेंगे। जिनकी संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी है। सूरजकुंड मेला भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। 

पूर्वोत्तर के 8 राज्य लेंगे हिस्सा-
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस मेले में पूर्वोत्तर के 8 राज्य हिस्सा लेने वाले हैं। इन सभी राज्यों के कलाकार इस मेले में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इसमें पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी शामिल होने वाले हैं।

हस्तकला का सामान, भोजन और लोक प्रदर्शन-
सूरजकुंड शिल्प मेले में, आपको विभिन्न क्षेत्रों, राज्यों और देशों के लोगों की विशेषज्ञ शिल्प कौशल और रचनात्मकता देखने को मिलती है। इसके अलावा, लोगों को विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न स्वादिष्ट भारतीय भोजन का स्वाद भी मिलता है। यहां कई अविश्वसनीय लोक प्रदर्शन भी हैं जो यहां देखने को मिलते हैं। 

-स्कूली बच्चों के लिए पेटिंग, पंतगबाजी, फेस पेटिंग, लोक नृत्य, फोटाग्राफी जैसी प्रतियोगिताएं होंगी

-मेला परिसर में अतिरिक्त जन सुविधाएं जैसे कि स्थायी शौचालय, पांच मोबाइल टॉयलेट वैन ई-शौचालय बनाए गए हैं

ऑनलाइन टिकट लेने पर छूट-
हरियाणा पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एमडी सिन्हा ने बताया कि बुक माई शो के माध्यम से टिकट खरीद सकते हैं। ऑनलाइन टिकट पर सप्ताहंत और छुट्टी के दिन 10 फीसदी और अन्य दिनों में 5 फीसदी छूट मिलेगी। टिकट की कीमत वीकेंड और छुट्टी के दिन 180 रुपये और सामान्य दिनों में 120 रुपये है। दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक और कॉलेज के छात्रों के लिए टिकट पर छूट रहेगी। 

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