पितृ पक्ष में भूलकर भी ना करें इन 5 चीजों का दान, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती?
पितृ पक्ष के दौरान मांगलिक कार्यों के साथ कुछ चीजों को दान देने की मनाही होती है। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष पड़ते हैं। इस दौरान लोग अपने पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करके उनके मोक्ष की कामना करते हैं। बता दें, इस साल 17 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है, जो 2 अक्टूबर, सर्वपितृ अमावस्या के दिन समाप्त होंगे। पितृ पक्ष के दौरान मांगलिक कार्यों के साथ कुछ चीजों को दान देने की मनाही होती है। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। आइए जानते हैं पितृपक्ष के दौरान किन चीजों का दान करने से बचना चाहिए।
श्राद्ध में ना करें इन चीजों का दान
लोहे के बर्तन
पितृ पक्ष में पीतल, सोने और चांदी के बर्तनों का दान करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान कभी भी लोहे से बने बर्तनों का दान नहीं करना चाहिए।
चमड़े की चीजों का दान
पितृ पक्ष में चमड़े से बनी चीजों का इस्तेमाल करने की मनाही होती है। माना जाता है कि श्राद्ध में चमड़े का प्रयोग बहुत अशुभ होता है।
पुराने कपड़े
पितृ पक्ष में पुराने कपड़े भी दान में नहीं देने चाहिए। श्राद्ध में पितरों को तर्पण देने और उनका पिंडदान करने के बाद ब्राह्मणों को हमेशा नए वस्त्र ही दान करने चाहिए।
तेल
पितृ पक्ष के दौरान व्यक्ति को किसी भी तरह का तेल खासतौर पर सरसों का तेल दान में नहीं देना चाहिए।
बचा हुआ खाना
श्राद्ध पक्ष में पितरों को गलती से भी झूठा या बचा हुआ खाना अर्पित नहीं करना चाहिए। पितरों के प्रसाद के लिए हमेशा फ्रेश भोजन ही बनाएं।
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