ADHD In Kids: बच्चे को कंसनट्रेशन की रहती है समस्या तो इन फूड्स को बंद कर दें खिलाना
ADHD In Kids: बच्चे को स्कूल में पढ़ाई के दौरान दिक्कत महसूस होती है और ध्यान नहीं लगता तो बच्चा एडीएचडी समस्या का शिकार हो सकता है। ऐसे हाइपरएक्टिव बच्चों को इन फूड्स को खिलाने से बचना चाहिए।

खानपान का सेहत और दिमाग के विकास पर गहरा असर पड़ता है। खासतौर पर बच्चों के लिए सही खानपान की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। जिससे कि वो उनके दिमाग और शऱीर दोनों का विकास ठीक से हो। ADHD यानी अटेंशन डिफिक्ट हाइपरएक्टीविटी डिसऑर्डर की समस्या कुछ बच्चो में देखी जाती है। ये एक मेटल डिसऑर्डर है जो बच्चे को पढ़ाई में मन नहीं लगने देती और किसी टास्क को पूरा करने में दिक्कत महसूस करवाती है। अगर इस समस्या का समाधान ना किया गया तो टीनएज और बड़े होते-होते ये समस्या बढ़ जाती है। रिसर्च में पता चला है कि एडीएचडी की समस्या लड़कियों से ज्यादा लड़कों को रहती है।
इन वजहों से हो सकती है अटेंशन डिफिक्ट हाइपरएक्टीविटी डिसऑर्डर की समस्या
एडीएचडी की समस्या ज्यादातर स्कूल जाने वाले बच्चों में ही पता लग पाती है। हालांकि इस डिसऑर्डर के होने की वजह से एक्सपर्ट भी अनजान है। लेकिन इसमे काफी सारे कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जैसे जींस या ब्रेन केमिकल जो दिमाग के अटेंशन वाले हिस्से को कंट्रोल करता है, वो कम एक्टिव होता है। वहीं प्रेग्नेंसी के दौरान एल्कोहल, स्मोकिंग, खराब खानपान, इंफेक्शन जैसी चीजें भी एडीएचडी के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
अटेंशन डिफिक्ट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर से बच्चों को होती हैं ये समस्याएं
एडीएचडी के शिकार बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत महसूस होती है।
वहीं उनकी सोशल लाइफ भी असर करती है।
डिसऑर्डर की वजह से बच्चे अपना स्कूल वर्क और होमवर्क ठीक तरीके से नहीं कर पाते।
कंसन्ट्रेशन की समस्या बच्चों की स्टडी में रुकावट पैदा करती है।
अगर बच्चा बहुत ज्यादा एक्टिव रहता है या फिर उसमे हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर की समस्या देखने को मिलती है तो उन्हें इस तरह के फूड्स से दूर रखना चाहिए।
बच्चों को कभी ना खिलाएं ये 5 तरह के फूड्स
-कैंडीज, सॉफ्टी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स में हाई मात्रा में शुगर होती है। जो बच्चों के एनर्जी लेवल को प्रभावित करती है। जिसकी वजह से बच्चे बहुत ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। वहीं इन सारे फूड्स से दूसरी बीमारियां डायबिटीज, मोटापा और दांत में कैविटी लगने की समस्या हो सकती है।
-मार्केट में मिलने वाले पैक्ड आलू के चिप्स में बहुत ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है। जो कि एडीएचडी की समस्या को बिल्कुल बिगाड़ देता है। ध्यान रखें कि बच्चों की डाइट में चिप्स और सोडा जैसे फूड्स बिल्कुल ना हो। ये बच्चे की मेंटल और फिजिकल सेहत के लिए नुकसानदेह है।
-फल और सब्जियों हेल्दी डाइट है। लेकिन किसी भी तरह के फ्रोजन फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स को खिलाने से बचें। कुछ फ्रोजन फूड्स में आर्टीफिशियल कलर होता है। जो कि न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम को बढ़ाता है।
-केक, पेस्ट्री जैसे फ्रोस्टिंग डेजर्ट में शुगर, आर्टीफिशियल कलर काफी ज्यादा मात्रा में होते हैं। इससे बच्चे को हाइपर एक्टीविटी और एडीएचडी के लक्षण पैदा हो सकते हैं।
-वहीं कुछ बच्चों को दूध, चॉकलेट, दही और डेयरी प्रोडक्ट की वजह से भी इस तरह की समस्या देखने को मिलती है।
इसलिए बच्चों को फल-सब्जियां, बींस, दालें, फिश जैसे फूड्स को ही खिलाना चाहिए।
