Parents Guide: बच्चे को कुछ भी सिखाते वक्त इन 5 बातों को याद रखें, आसानी से सिखेगा सारी बातें
Parents Guide: छोटे बच्चों का दिमागी विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान उन्हें जो कुछ भी सिखाया जाए तो हमेशा याद रहता है। अगर पैरेंट्स होकर आप उसे कुछ सिखा रहे हैं तो इन 4 बातों का जरूर ध्यान रखें।

बच्चे के दिमाग का 90 प्रतिशत विकास 5 साल की उम्र तक हो जाता है। इन सालों में बच्चे तेजी से बातें सीखते और समझते हैं। लेकिन कई बार पैरेंट्स बच्चों को कुछ भी सिखाने के लिए इतना ज्यादा आतुर रहते हैं बच्चे के ना सीखने पर उन्हें मारने, डांटने या फिर दूसरों से उनकी तुलना करने लगते हैं। जिसकी वजह से बच्चे के अंदर आत्मविश्वास की कमी पैदा होने लगती है और आसानी से सीख जाने वाली बातें भी वो बमुश्किल ही सीख पाता है। किसी भी नई चीज को बच्चे को सिखाते वक्त पैरेंट्स को हमेशा इन 4 बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसा करने से बच्चे सारी बातें फटाफट और आसानी से सीख सकते हैं।
बच्चे पर विश्वास करें और रिस्पेक्ट करें
बच्चे को जब भी कुछ सिखाने की कोशिश करें। फिर वो चाहे पढ़ना हो लिखना हो, पॉटी ट्रेनिंग हो या फिर कोई नई स्किल। अपने धैर्य को ना खोएं और बच्चे के ऊपर विश्वास करें। उसे मोटिवेट करें कि वो सीख सकता है। इसे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है और वो ज्यादा से ज्यादा कोशिश करता है चीजों को सीखने के लिए।
बच्चे की सुनें
सिखाने के प्रोसेस में बच्चे की बातों को भी ध्यान देकर सुनें। बच्चे को उसमे इंटरेस्ट नहीं है या फिर उसे सीखने में मुश्किल आ रही। पैरेंट्स का ये जानना भी जरूरी है।
पॉजिटिव रहें
बच्चे को नई चीज सिखाते वक्त पूरी तरह से पॉजिटिव रहें। बच्चा एक बार में ही सारे बाते नहीं सीख सकता। बच्चे के लिए चीयरलीडर बनें और हर छोटी अचीवमेंट पर उसे प्रोत्साहित करें। इससे बच्चे सीखने में तेजी दिखाते हैं।
बच्चा जब मना करें तो जबरदस्ती ना सिखाएं
छोटे बच्चे बहुत कम देर के लिए किसी एक चीज को करते हैं। ऐसे में उन्हें जबरदस्ती कुछ सिखाना उस चीज में बच्चों का इंटरेस्ट खत्म कर सकता है। इसलिए जब बच्चा स्टाप कहे तो रुक जाएं और कुछ समय बाद फिर से कोशिश करें सिखाने की।
छोटे बच्चे का टेस्ट ना लें
बच्चे ने क्या सीखा, कितना सीखा, इस बारे में टेस्ट ना करें। टेस्ट करने से बच्चे स्ट्रेस महसूस करते हैं। बच्चों को केवल सीखने दें। बच्चा अगर सीखने में फन महसूस करता है तो उसे नई चीजें सिखाएं। लेकिन उसका टेस्ट ना लें।
