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जानें क्या होता है हाइड्रोनफ्रोसिस? बच्चों की किडनी ब्लॉक होने पर नजर आते हैं ये लक्षण

Causes Of Kidney Blockage In Fetus: शिशुओं और अजन्मे बच्चों में ब्लॉक्ड किडनी, जिसे चिकित्सकीय रूप से हाइड्रोनफ्रोसिस के रूप में जाना जाता है, एक आश्चर्यजनक रूप से सामान्य स्थिति है। इस स्थिति में बच्

जानें क्या होता है हाइड्रोनफ्रोसिस? बच्चों की किडनी ब्लॉक होने पर नजर आते हैं ये लक्षण
Manju Mamgainमंजू ममगाईं,नई दिल्लीThu, 09 Nov 2023 01:59 PM
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Causes Of Kidney Blockage In Fetus: हाइड्रोनफ्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चे के एक या दोनों गुर्दों (किडनी) में सूजन आ जाती है। गुर्दे में सूजन आने की वजह से यूरिन गुर्दे से नहीं निकल पाता और गुर्दे में ही जमा होने लग जाता है। ऐसा गुर्दे से मूत्र निकालने वाली नलियों में रुकावट या किसी शारीरिक दोष के कारण हो सकता है। जो मूत्र को ठीक से निकलने नहीं देता है। ऐसा नहीं है कि यह समस्या सिर्फ बड़ों को ही होती है, हाइड्रोनफ्रोसिस की समस्या व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती है। मेदांता अस्पताल (गुरुग्राम) में बाल रोग और बाल मूत्र रोग विशेषज्ञ,डॉ. शंदीप कुमार सिन्हा से जानते हैं आखिर क्या होता है हाइड्रोनफ्रोसिस, इसके लक्षण और बचाव के उपाय। 

डॉ. संदीप कुमार सिन्हा कहते हैं कि शिशुओं और अजन्मे बच्चों में ब्लॉक्ड किडनी, जिसे चिकित्सकीय रूप से हाइड्रोनफ्रोसिस के रूप में जाना जाता है, एक आश्चर्यजनक रूप से सामान्य स्थिति है। इस स्थिति में बच्चे की किडनी में अतिरिक्त पेशाब जमा हो जाता है। यह समस्या एक या दोनों किडनी में हो सकती है। जिसका पता आमतौर पर नियमित प्रसव पूर्व अल्ट्रासाउंड स्कैन के माध्यम से, जन्म से पहले या बच्चे के जन्म के तुरंत बाद लगाया जाता है। यह समस्या आमतौर पर यूरिनरी ट्रैक्ट की असामान्यताओं के कारण हो सकती है, जिससे पेशाब के सामान्य प्रवाह में बाधा आती है। यह रुकावट पेशाब संक्रमण से लेकर गुर्दे की क्षति तक असंख्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। इस समस्या से बचने के लिए पेरेंट्स को चाहिए कि वो अपने बच्चे के पेशाब में बदलाव, पेट दर्द या हाई ब्लड प्रेशर जैसे संकेतों पर ध्यान अवश्य दें।  

क‍िडनी में सूजन होने के लक्षण-
-पीठ या कमर के न‍िचले में अचानक से दर्द उठना
-सांस लेने में तकलीफ
-ज्‍यादा पेशाब आना 
-उल्‍टी आना
-बुखार होना

किडनी की ब्लॉकेज के लिए जिम्मेदार कारण-
शारीरिक असामान्यताएं-

यूरिनरी ट्रैक्ट में जन्मजात विकृतियां पेशाब के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित कर सकती हैं, जिससे गुर्दे में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। 

वेसिकुरेटेरल रिफ्लक्स (वीयूआर)- 
वीयूआर, एक ऐसी स्थिति है, जहां पेशाब ब्लैडर से गुर्दे तक पीछे की ओर बहता है, गुर्दे पर दबाव डाल सकता है, जिससे हाइड्रोनफ्रोसिस की समस्या पैदा हो सकती है। 

यूरेटरल में रुकावट-
यूरेटरल  में रुकावटें, जो ट्यूब पेशाब को गुर्दे से ब्लैडर तक ले जाती हैं, पेशाब प्रवाह में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप गुर्दे में सूजन हो सकती है।  

आनुवंशिक कारक-
कुछ आनुवंशिक कारण भी शिशुओं को गुर्दे की विसंगतियों के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती हैं।

खून के थक्के बनना-
गुर्दे या मूत्रवाहिनी में रक्त के थक्के बन सकते हैं।

मूत्र पथ का सिकुड़ना या सख्त होना-
यह संकुचन चोट, संक्रमण, जन्म दोष या सर्जरी के कारण हो सकता है।

ब्लॉक्ड किडनी को बिना इलाज छोड़ देने से गंभीर जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, जिनमें यूरिनरी ट्रैक में संक्रमण, किडनी की क्षति, हाई ब्लड प्रेशर और गंभीर मामलों में, किडनी फेल होना शामिल है। इसके अलावा, यह स्थिति बच्चे के समग्र विकास पर भी उल्टा प्रभाव डाल सकती है। इसलिए, इन जटिलताओं को रोकने और बच्चे के लिए स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए जल्दी पता लगाना और सही चिकित्सक इलाज जरूरी  है।   

पारंपरिक उपचार के तरीके-
शिशुओं में हाइड्रोनफ्रोसिस की समस्या दूर करने के लिए अल्ट्रासाउंड, डीटीपीए और डीएमएसए और एमआरआई जैसे न्यूक्लीयर मेडिसिन स्कैन शामिल हैं। बता दें, पारंपरिक उपचारों में दवा से लेकर सर्जिकल हस्तक्षेप तक शामिल हैं। हालांकि इसके अलावा किडनी की कार्यक्षमता का मूल्यांकनकरने के लिए एक रक्त परीक्षण हो सकता है।
-संक्रमण या मूत्र पथरी के संकेतों की जांच के लिए एक मूत्र परीक्षण किया जा सकता है।
-आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे अतिरिक्त इमेजिंग टेस्ट कराने की सलाह दे सकता है।
-एक अल्ट्रासाउंड इमेजिंग परीक्षा, जिसके दौरान आपका डॉक्टर संभावित समस्याओं की पहचान करने के लिए किडनी, मूत्राशय और अन्य मूत्र संरचनाओं को देख सकता है।
-मूत्र मार्ग का एक विशेष एक्स-रे जो किडनी, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग को रेखांकित करने के लिए एक विशेष डाई का उपयोग करता है, पेशाब से पहले और उस दौरान कि छवियों को कैप्चर करता है।
-जागरूकता, समय पर निदान और अत्याधुनिक इलाज के साथ हाइड्रोनफ्रोसिस की समस्या से निजात पाई जा सकती है। 

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