स्मार्टफोन यूज कर रहे बच्चों को हो सकता है दिमागी बीमारी का खतरा, सर्वे में हुए चौंकाने वाले खुलासे
बच्चे स्मार्टफोन का पहले से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसकी वजह से स्क्रीन टाइम ज्यादा हो गया है। स्टडी की मानें तो इससे बच्चों में दिमागी बीमारी का खतरा बढ़ रहा है। जानिए लेटेस्ट स्टडी के खुलासे-

अगर आप भी बच्चे को खाना खिलाने या फिर उसे बिजी रखने के लिए हाथों में मोबाइल पकड़ा देती हैं तो आपको थोड़ा सावधान होने की जरूरत है। बच्चों में स्मार्टफोन का बढ़ता यूज कई परेशानियों को पैदा कर सकताहै। हाल ही में हुए सर्वे के रिजल्ट जानकर आप भी चौंक जाएंगे। सर्वे की मानें तो बच्चे को जितनी जल्दी स्मार्टफोन दिया जाता है, उतना ही उसे एक यंग एडल्ट के रूप में दिमागी समस्याओं का सामना करना पड़ सकात है।
किस उम्र में मिला पहला फोन
सर्वे की मानें तो इसमें 74 प्रतिशत महिलाएं ऐसी थी, जिन्हें 6 साल उम्र में पहला स्मार्ट फोन मिला था, और उनमें मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं ज्यादा हैं। इसके अलावा 10 साल की उम्र में पहला स्मार्टफोन यूज करने वालों में मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं घटकर 61 प्रतिशत तक हो गईं। वहीं, 15 साल की उम्र में अपना पहला स्मार्टफोन यूज करने वाले युवाओ में मेंटल हेल्थ से जुड़े मामले 52 प्रतिशत थे और जिन लोगों को 18 साल की उम्र में अपना पहला स्मार्टफोन मिला, उनमें से 46 प्रतिशत मानसिक रूप से परेशान थे। रिपोर्ट की मानें तो पुरुषों में भी यही ट्रेंड था लेकिन उनमें परेशानी थोड़ी कम थी।
क्या है रिपोर्ट
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबली जारी सर्वे में ऐसा कहा गया है कि जिन बच्चों ने कम उम्र में स्मार्टफोन का यूज किया है, उनमें युवा होने पर आत्महत्या से जुड़े विचार, दूसरों के प्रति आक्रामकता की भावना, वास्तविकता और मतिभ्रम ज्यादा होने की जानकारी सामने आई है।
क्या है पेरेंट्स को सलाह
सर्वे के रिजल्ट में कहा गया है कि जितना हो सके अपने बच्चे को स्मार्टफोन देने में देरी करें। इसमें कहा गया है कि बच्चों के ऊपर उनके साथियों का दबाव ज्यादा है। ऐसे में अपने बच्चे पर पूरा ध्यन दें। इसी के साथ बच्चे की सोशल डिवलपमेंट पर ध्यान दें। ये उनकी मेंटल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है।
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