बच्चे की तोतली जुबान को ठीक करने के लिए ये उपाय आएंगे काम, घर में दें स्पीच थेरेपी
How To Treat Lisp In Kids: बच्चों की तोतली जुबान सुनने में भले अच्छी लगती हो लेकिन बड़े होने के साथ ये शर्मिंदगी का कारण बनने लगती है। इसलिए सही समय पर ही बच्चों के तोतलेपन को दूर करना जरूरी होता है।
बच्चों को अच्छी आदतें सिखाना बेहद जरूरी होता है। जिससे कि बड़े होने पर उन्हें किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। इसी में से एक है सही बोलचाल। कई बार बच्चे बचपन में जो तोतली जुबान से बोलते हैं वैसा ही बड़े होते हुए भी बोलते हैं। बच्चों की तोतली जुबान बड़े होने पर उन्हें शर्मिंदगी और मजाक का पात्र बना देती है। ऐसे में जरूरी है कि सही समय पर ही उसकी जुबान के तोतलेपन को ठीक करने का प्रयास किया जाए।
कब समझें कि बच्चा अब तोतली जुबान बोल रहा
बच्चे जब बोलना शुरू करते हैं तो उनके शब्द साफ नहीं होते। ऐसे में पहले वो बहुत सारे अक्षरों को साफ नहीं बोल पाते। आमतौर पर बच्चा जब 3 साल तक का रहता है तो उसकी जबान तोतली रहती है। लेकिन जब बच्चा 5 साल के करीब पहुंचकर भी तोतली जबान में ही बोल रहा है और शब्दों का उच्चारण साफ-समझने लायक नहीं निकल रहा तो फिर मानना पड़ेगा कि बच्चा तुतलाने लगा है।
क्यों होती है तुतलाने की समस्या
बच्चों के तुतलाने की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। जिसके बारे में पैरेंट्स को सही समय पर पता लगाना जरूरी है। जिससे कि बच्चे की मदद कर उसे ठीक से बोलना सिखाया जा सके। आमतौर पर बच्चे के तोतलेपन के ये कारण जिम्मेदार होते हैं।
-ज्यादातर बच्चों के तुतलाने की वजह शब्दों को ठीक से ना समझना और सही आवाज ना निकाल पाना होता है।
-कई बार बच्चे की जीभ में मुंह में सही जगह नहीं होती, जिसकी वजह से जुबान से साफ आवाज नहीं निकली।
-कुछ बच्चों की जीभ चिपकी हुई भी हो सकती है। जिसकी वजह से बच्चे तुतलाते हैं।
-मानसिक समस्याओं की वजह से भी कुछ बच्चे तोतली जुबान में बोलते हैं।
-बच्चों के तुतलाने की समस्या को घर में इन तरीकों से ठीक किया जा सकता है।
एक्सरसाइज करता है मदद
-बच्चे की जीभ की एक्सरसाइज उसे सही बोलने में मदद कर सकती है।
-बच्चे को जीभ बाहर निकालकर ठोढ़ी और नाक छूने की कोशिश करने को कहें।
-इसी तरह से जीभ को अंदर की तरफ मोड़ने को कहें।
-जीभ की मदद से तालू छूने को कहें।
ये कुछ एक्सरसाइज बच्चे को जीभ चलाने को प्रेरित करेंगी और वो साफ जुबान में बोल सकता है।
दें घर में स्पीच थेरेपी
आप चाहें तो उसे घर में भी स्पीच थेरेपी दे सकती हैं। इसमे उसे शब्दों के सही उच्चारण करने का तरीका सिखाएं और धीरे-धीरे बोलने के कहें। जिससे कि उसकी आवाज बिल्कुल साफ निकले और तोतलापन ना सुनाई दे।
कुछ घरेलू नुस्खे भी कर सकते हैं मदद
बच्चों के तोतलेपन को कम करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी बताए गए हैं।
-दादी-नानी का मानना है कि बच्चे तो काली मिर्च और बादाम को साथ में पीसकर खिलाने से बच्चे का तोतलापन कम हो जाता है।
-बच्चे के तोतलेपन को कम करने के लिए 5 ग्राम सौफ को एक गिलास पानी में उबालें। इस पानी के आधा हो जाने के बाद इसमे 50 ग्राम मिश्री डालें। इस मिक्सचर को एक गिलास दूध में मिलाएं और कुछ देर उबलने दें। ये दूध बच्चे को पीने के लिए दें। रोजाना इस दूध को पीने से बच्चे के तोतलेपन पर असर पड़ता है।
-बच्चे को दूध में छुहारा उबालकर रात को सोने से पहले देने से भी तोतलेपन पर असर पड़ता है।
-फिटकरी में कई सारे गुण होते हैं। बच्चे का तोतलापन ठीक करने के लिए फिटकिरी को भूनकर मुंह में कुछ मिनट रखने को बोलें। ध्यान रहे कि बच्चा फिटकरी को निगल ना जाए। इससे बच्चे के तोतलेपन पर असर पड़ेगा।
माता-पिता रखें ध्यान
-बच्चे के तोतलेपन को ठीक करने के लिए पैरेंट्स को अपने उच्चारण पर भी ध्यान देना होगा।
-बच्चे के सामने कोई भी शब्द तोतली जबान में ना बोलें। नहीं तो वो वहीं नकल करेगा।
-अगर बच्चा प्यार में बार-बार ऐसा बोलता है तो उसे हर बार टोककर सही शब्दों को बोलने के लिए कहें।
-बचपन से ही बच्चे की तोतली जबान को सुनकर खुश होने और प्रशंसा करने की बजाय सही बोलने पर ध्यान दे। इससे बच्चा बचपन से ही सही शब्दों का उच्चारण करना सीख जाएगा।
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