
बच्चों के सामने भूलकर भी ना करें इन 5 बातों का जिक्र, मेंटल इमोशनल हेल्थ पर पड़ेगा बुरा असर
संक्षेप: बच्चों का आत्मविश्वास और मेंटल-इमोशनल ग्रोथ अच्छी बनाए रखने के लिए आइए जानते हैं आखिर कौन सी वो 5 बातें है, जिन्हें पेरेंट्स को बच्चों के सामने करने से बचना चाहिए।
बच्चो को अच्छी परवरिश देने के लिए पेरेंट्स अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करते हैं। बावजूद इसके जाने-अनजाने कई बार माता-पिता से कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जो ना सिर्फ उनके मानसिक विकास बल्कि इमोशनल ग्रोथ पर भी बुरा असर डालने लगती हैं। नतीजा, बच्चों का आत्मविश्वास कम होने लगता है और वो कक्षा में अपने साथी बच्चों से हर काम में पीछे रह जाते हैं। बच्चों का आत्मविश्वास और मेंटल-इमोशनल ग्रोथ अच्छी बनाए रखने के लिए आइए जानते हैं आखिर कौन सी वो 5 बातें है, जिन्हें पेरेंट्स को बच्चों के सामने करने से बचना चाहिए।

भूलकर भी पेरेंट्स को बच्चों के सामने ये 5 बातें नहीं करनी चाहिए
पैसों से जुड़ी चिंताएं
बच्चों के सामने पेरेंट्स को कभी भी भविष्य की चिंताओं, कर्ज, ऑफिस की टेंशन या किसी भी तरह की वित्तीय समस्या पर चर्चा नहीं करनी चाहिए। बच्चों के सामने ऐसा करने से उनके कोमल मन में डर पैदा हो सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पेरेंट्स को हमेशा पैसों और खर्च से जुड़े विषयों पर अकेले बैठकर ही बात करनी चाहिए।
झगड़ा या तलाक की प्लानिंग
माता-पिता के बीच होने वाले झगड़े या तलाक की चर्चा बच्चों में असुरक्षा की भावना भरकर उन्हें उस स्थिति के लिए जिम्मेदार तक महसूस करवा सकती है। माता-पिता को चाहिए कि अपने स्वस्थ मतभेदों को सम्मान के साथ पेश करें।
बच्चों के सामने ना करें किसी की बुराई
माता-पिता को समझना चाहिए कि रिश्तेदारों, केयर टेकर या फिर अजनबियों की बुराई बच्चों के सामने करने से आप उसे भी अनजाने में यही करने की ट्यूशन दे रहे होते हैं। ऐसा करने से बचें। लोगों की बुराईयां सुनकर कई बार बच्चे कंफ्यूज हो जाते हैं और उनके मन में उस व्यक्ति को लेकर संदेह पैदा होता है। जिससे उसे लोगों के साथ बॉन्ड बनाने में परेशानी होती है। इसके अलावा बच्चों में आगे चलकर लोगों की बुराई करने की आदत प़ड़ जाती है।
बच्चे के लुक्स पर कमेंट
कई बार माता-पिता मजाक में अपने बच्चों के लुक्स पर कमेंट करने लगते हैं। लेकिन पेरेंट्स को कभी भी अपने बच्चे के लुक्स पर भी कोई नेगिटिव कमेंट नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है और उसके भीतर हीन भावना पैदा होने लगती है।
जाति और धर्म से जुड़े भेदभाव
बच्चे के सामने जाति-धर्म या हिंसा से जुड़ी बातों को करने से बचें। ऐसा करने से उनकी मानसिकता पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसा करने की जगह उन्हें समानता और सौहार्द की शिक्षा दें।

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