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बेटे क्यों करते हैं मां से सबसे ज्यादा प्यार? स्पेशल बॉन्डिंग के पीछे ये 5 वजह होती हैं जिम्मेदार

Reasons why sons are close to their moms: मां और बेटे का रिश्ता बहुत स्‍पेशल होता है, जो पूरी तरह से प्यार, समझ और आपसी भरोसे पर टिका हुआ होता है। मां बेटे की पहली टीचर ही नहीं बल्कि उसकी सबसे अच्छी दोस्त भी होती हैं। जो उनके रिश्ते को और भी ज्यादा गहरा बनाता है।

Manju Mamgain लाइव हिन्दुस्तानFri, 14 Feb 2025 09:59 AM
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बेटे क्यों करते हैं मां से सबसे ज्यादा प्यार? स्पेशल बॉन्डिंग के पीछे ये 5 वजह होती हैं जिम्मेदार

Reasons why sons are attached to their moms: पेरेंट्स के लिए उनके सभी बच्चे प्यारे होते हैं। वो अपने सभी बच्चों को बिना शर्त के बराबर प्यार और केयर देते हैं। बावजूद इसके कई बार देखा जाता है कि बेटों को अपनी मां और बेटियों को अपने पापा से ज्यादा लगाव रहता है। क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? आइए जानते हैं आखिर क्यों बेटों को अपनी मां से ज्यादा लगाव रहता है।

मां और बेटे का रिश्ता बहुत स्‍पेशल होता है, जो पूरी तरह से प्यार, समझ और आपसी भरोसे पर टिका हुआ होता है। मां बेटे की पहली टीचर ही नहीं बल्कि उसकी सबसे अच्छी दोस्त भी होती हैं। जो उनके रिश्ते को और भी ज्यादा गहरा बनाता है।

बिना शर्त वाला प्यार

एक मां अपने बेटे से बिना किसी शर्त और स्वार्थ के प्यार करती है। बेटा चाहे जैसा भी हो, लेकिन मां उसे हमेशा खुले दिल से अपनाती है। उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि बेटा उसके लिए क्या करता है क्या नहीं, वो उसके लिए हमेशा अच्छा ही सोचती है।

मां में मिलती है अच्छी दोस्त

एक बेटे के लिए उसकी मां जैसी कोई दूसरी दोस्त नहीं हो सकती है। अपने इसी विश्वास की वजह से बेटे अपनी मां से अपने दिल के हर राज बिना संकोच के शेयर कर लेते हैं। उन्हें पता होता है कि मां उन्हें जज किए बिना उनकी परेशानी को समझकर उसका हल बताएगी। बेटे को भरोसा होता है कि चाहे वह कितनी भी बड़ी मुसीबत में क्यों न फंसा हो उसकी मां उससे उसे बाहर निकाल ही लेगी।

इमोशंस शेयर करना होता है आसान

बेटे भले ही बाहर से कितने भी मजबूत क्यों ना नजर आते हों लेकिन भीतर से उतने ही भावुक होते हैं। इसके अलावा वो हर किसी के साथ अपनी फीलिंग्स शेयर करने में भी झिझक महसूस करते हैं। लेकिन बचपन से ही अपनी हर छोटी-बड़ी बात मां से शेयर करने वाले ये बेटे, मां के पास आते ही खुली किताब बन जाते हैं। इनके लिए मां की गोद में सिर रखकर अपने इमोशंस शेयर करना बेहद आसान होता है।

केयरिंग स्वभाव

मां-बेटे का रिश्ता सिर्फ खून का नहीं, बल्कि भावनाओं और अनुभवों से भी जुड़ा हुआ होता है। बचपन में मां ही बेटे की सबसे ज्यादा देखभाल करती हैं। मां की ममता के साथ मिलने वाला निश्छल प्यार और केयर, हर मां को बचपन से लेकर जवानी तक, बेटे के दिल के करीब बनाए रखता है।

मां होती है पहली-आखिरी उम्मीद

स्कूल में किसी दोस्त से झगड़ा करने से लेकर ऑफिस की टेंशन तक, बेटा बचपन से लेकर बड़े होने तक अपनी हर परेशानी का हल लेने के लिए सबसे पहले अपनी मां के पास ही जाता है। उसे मां पर पूरा विश्वास होता है कि मां न सिर्फ उसे समझेगी, बल्कि उसे सही सलाह देकर परेशानी को दूर भी कर देगी। एक बेटे के लिए उसकी मां उसकी हर परेशानी का हल होती है।

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