बच्चे की इन 5 हरकतों को समझती हैं नादानी तो जान लें बिगड़ गया है लाडला या लाडली 5 signs that show you over pampering your kids potentially spoil child, पेरेंटिंग टिप्स - Hindustan
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बच्चे की इन 5 हरकतों को समझती हैं नादानी तो जान लें बिगड़ गया है लाडला या लाडली

Signs that show you spoil your child: बच्चे की इन हरकतों को अगर नादानी समझकर हल्के में ले रही हैं तो जान लें कि आप अपने बच्चे को बिगाड़ रही हैं। ऐसे बच्चे फ्यूचर में किसी भी तरह की जिम्मेदारी के लिए रेडी नहीं होते और सेल्फ सेंटर्ड बन जाते हैं।

Aparajita लाइव हिन्दुस्तानWed, 19 March 2025 07:26 AM
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बच्चे की इन 5 हरकतों को समझती हैं नादानी तो जान लें बिगड़ गया है लाडला या लाडली

हर पैरेंट्स को उसका बच्चा प्यारा लगता है। तोतली जुबान से जब वो कुछ बोलता है, डिमांड करता है या फिर किसी तरह का एक्शन करता है, तो भर-भर के प्यार उस पर लुटाया जाता है। लेकिन अच्छी परवरिश के लिए केवल प्यार ही जरूरी नहीं है। उसे सोशल मैनर, सोशल स्किल सिखाना भी जरूरी है। अगर आप अपने बच्चे की इन हरकतों को नादानी समझकर अभी तक इग्नोर कर रही हैं तो संभल जाएं ये उसके बिगड़ने के लक्षण हैं। एक बार बड़े होने के साथ बच्चे की इन हरकतों को नहीं सुधारा गया तो लाइफ टाइम आदत बन जाएगा। जान लें वो कौन सी हरकते हैं जो बच्चे के पूरी तरह से बिगड़ जाने का संकेत देती हैं।

बच्चे की जिद के आगे झुक जाना

बच्चा हर छोटी से छोटी बात के लिए जिद करता है। टैंट्रम शो करता है और आप उसकी सारी जरूरी-गैरजरूरी बातों को मान जाती हैं। तो ये उसके बिगड़ने का संकेत है। ऐसे बच्चे मैनीपुलेटिव हो जाते हैं और बड़े होने के साथ उन्हें हर काम अपनी मनपसंद का चाहिए होता है। जो फ्यूचर में खतरे की घंटी है।

बेसिक लाइफ स्किल से अनजान

अगर आपका बच्चा अपने एज ग्रुप के बाकी बच्चों की तरह छोटी-मोटी स्किल्स नहीं सीख रहा। जैसे की जूते के फीते बांधना, सफाई रखना या अपने सामान, खिलौनों को ठीक से व्यवस्थित नहीं रखना। तो इसका मतलब है कि आपने उसे पूरी तरह से अपने पर डिपेंडेट बना रखा है। बच्चे को एज के हिसाब से कुछ बेसिक लाइफ स्किल की नॉलेज देना जरूरी है।

बच्चा 'ना' कहने पर एग्रेसिव हो जाता है

अगर आपके बच्चे को ना सुनने की आदत नहीं है और किसी चीज के लिए मना करते ही एग्रेसिव हो जाता है। तो इसका मतलब है कि वो बिगड़ रहा है और आपने उसे हर तरह की आजादी दे रखी है। इसीलिए बच्चे को ना सुनने की आदत नही है।

हर समय खुद को स्पेशल फील करवाना

बच्चा अगर हर वक्त खुद के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट चाहता है। वो सोचता है कि उसे हमेशा बेस्ट चीज, बेस्ट ट्रीटमेंट मिले, ये उसका अधिकार है। तो संभल जाए, इस तरह के बच्चे सेल्फ सेंटर्ड बनते हैं और दूसरों के डिस्कंफर्ट से मतलब नहीं होता।

सोशल स्किल की कमी

जिन बच्चों के पैरेंट्स उन्हें ओवर पैंपर्ड करते हैं तो ऐसे बच्चों में सोशल स्किल की कमी देखने को मिलती है। ऐसे बच्चों में धैर्य की कमी होती है और दूसरे बच्चों के साथ किसी तरह का तालमेल नहीं होता।

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