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सक्सेस मंत्र: सफल होना है तो महात्मा गांधी की तरह करें समय की कद्र

महात्मा गांधी की सोमवार को 148वीं जयंती है। वे अपने पूरी जीवन में सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चले और अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। महात्मा गांधी न सिर्फ अहिंसा के समर्थक थे, बल्कि वे समय...

सक्सेस मंत्र: सफल होना है तो महात्मा गांधी की तरह करें समय की कद्र
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तानSun, 01 Oct 2017 05:11 PM
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महात्मा गांधी की सोमवार को 148वीं जयंती है। वे अपने पूरी जीवन में सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चले और अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। महात्मा गांधी न सिर्फ अहिंसा के समर्थक थे, बल्कि वे समय के पाबंद भी थे। महात्मा गांधी रोजाना सभी कार्य समय पर करते थे।

एक समय की बात है। गांधी जी साबरमती आश्रम के प्रवास पर थे। वे एक दिन आश्रम में प्रार्थना की तैयारी कर रहे थे, इसी दौरान गांववाले बापू के पास आए। वे कहने लगे कि बापू कल हमारे यहां सभी हो रही है। कृपया आप समय निकाल कर सभी में भाषण देने जरूर आएं। गांधी जी को गांव के मुखिया ने सभा का समय चार बजे बताया और कहा कि वे गांधी जी को गाड़ी से लेने आएंगे।

अगले दिन महात्मा गांधी ने गांव के मुखिया का इंतजार पौने चार बजे तक किया। इसके बाद वे खुद सभास्थल पर पहुंच गए। तभी मुखिया गाड़ी से बापू को लेने के लिए पहुंचा लेकिन गांधी जी को वहां न पाकर वापस मायूस होकर गांव लौट आया। 

मुखिया ने आते ही देखा कि गांधी जी गांव में सभा को संबोधित कर रहे हैं। भाषण पूरा करने के बाद मुखिया ने गांधी जी से कहा कि मैं आपको लेने के लिए गांव गया था लेकिन थोड़ा देरी से पहुंचा। आप नहीं दिखे। गांधी जी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि मैंने आपका काफी देर तक इंतजार किया लेकिन जब नहीं आए तो मैं खुद ही साइकिल से गांव आ गया। समय बहुत मूल्यवान है, इसलिए समय की कद्र करनी चाहिए।

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