पूजा के बाद बची हुई बातियों को भूलकर भी ना फेंके, इन तरीकों से कर लें इस्तेमाल
What to do with left bati after puja: घर के मंदिर में रोज दिया जलाते हैं तो अक्सर दीपदान में बाती जलने के बाद भी बची रह जाती है। इन बची हुई बातियों को कूड़ेदान में फेंकने की बजाय कई तरह से काम में लिया जा सकता है। जिससे घर की निगेटिविटी भी दूर हो जाएगी।

हिंदू धर्म में पूजा के वक्त मंदिर में दीपक जलाने का नियम है। ये निमय सदियों से चलता आ रहा है। घर हो या मंदिर रूई से बाती बनाकर उसे घी या तिल के तेल में डुबोकर जलाते हैं। रोजाना दीया जलाने के बाद राख और बाती बच जाती है। इन राख और बातियों को कभी भी कूड़ेदान में नहीं फेंकना चाहिए। ऐसा करना धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गलत है। दीपदान में बची हुई जितनी भी बातियां और राख हैं उन्हें सुरक्षित रखकर इस तरह इस्तेमाल में लाया जा सकता है। ये ना केवल घर की निगेटिविटी दूर करेंगी बल्कि सही तरीके से इस्तेमाल में आ जाएंगी।
राख बनाकर रख लें
पूजा के बाद बची हुई रूई की बाती को एक जगह इकट्ठा करके रख लें। जब ये बाती ढेर सारी हो जाए तो इन्हें जला दें और राख को किसी डिब्बी में बंद करके रख लें। नजर से बचाने के लिए बच्चों को इस राख का टीका लगाएं।
घर की निगेटिविटी करें दूर
पूजा की बची हुई बाती को कपूर के साथ मिलाकर घर के उस कोने में जला दें, जहां से मंदिर नहीं नजर आता है। इससे घर में मौजूद किसी भी निगेटिविटी को खत्म किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि ये बची हुई बातियां बाथरूम में रखकर ना जलाएं।
बनाएं रूम फ्रेशनर
पूजा की बातियां मंत्रों से अभिमंत्रित होती हैं। इन बातियों को घर में जलाने से निगेटिविटी दूर होती है और साथ ही बैक्टीरिया भी दूर होते हैं। बची हुई बातियों को कपूर, लौंग और लोहबान के साथ मिलाकर जलाने से घर में मौजूद बैक्टीरिया भी खत्म होंगे।
पौधों में डाल दें
अगर इन पूजा की बातियों को इस्तेमाल में नहीं लाना चाहते हैं तो बस एक साथ जलाकर किसी गमले की मिट्टी में डाल दें।
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