World Menopause Day 2023: मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को झेलनी पड़ती हैं कई परेशानियां, राहत देंगे ये 3 योगासन
Yoga Poses For Menopause Symptoms: मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसके बाद उन्हें पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। ज्यादातर महिलाओं को मेनोपॉज 45 से 50 वर्ष की आयु के बीच शुरू

Yoga Poses For Menopause Symptoms: दुनियाभर में हर साल 18 अक्टूबर को विश्व रजोनिवृत्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ल्ड मेनोपॉज डे को मनाने के पीछे का उद्देश्य महिलाओं में मेनोपॉज से जुड़ी जागरूकता बढ़ाना और स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए उपलब्ध सहायता विकल्पों को बढ़ाना है। मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसके बाद उन्हें पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। ज्यादातर महिलाओं को मेनोपॉज 45 से 50 वर्ष की आयु के बीच शुरू हो जाता है।
मेनोपॉज के लक्षण-
मेनोपॉज की वजह से महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं। जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। बात अगर मेनोपॉज के लक्षणों की करें तो इस समस्या को झेल रही महिलाओं को मूड स्विंग, हॉट फ्लैशेज, हेयर फॉल, वेट गेन, तनाव, कमजोरी, थकान, मांसपेशियों में दर्द और वजाइनल ड्राइनेस जैसे कई लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इन सभी लक्षणों को योग की मदद से कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं, कैसे 3 असरदार योगासन करके महिलाएं मेनोपॉज के दौरान होने वाली परेशानियों में राहत पा सकती हैं।
सुखासन-
तन और मन दोनों को शांत करने वाला सुखासन मेनोपॉज की समस्याओं को भी कम करने में मदद कर सकता है। इसके नियमित अभ्यास से मूड स्विंग और तनाव को कंट्रोल किया जा सकता है। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर योग मैट बिछाकर बैठ जाएं। अब अपनी पीठ को सीधा रखते हुए अपनी आंखों को बंद कर लें। अब अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखते हुए गहरी सांस लें। थोड़ी देर इसी अवस्था में बने हुए रहकर सांस को भीतर लेते और छोड़ते जाएं। धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में लौट आएं।
ताड़ासन-
ताड़ासन करने से मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है, जिससे आपके पैर मजबूत बनने के साथ पेट और पेल्विक एरिया को भी मजबूत बनाने में मदद मिलती है। ताड़ासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े होकर अपने हाथों को शरीर के बगल में रखें। अब अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाते हुए उंगलियों को इंटरलॉक करके अपनी एड़ियों को ऊपर उठाएं। ऐसा करते समय जितना हो सके शरीर को उतना स्ट्रेच करें। 10-15 सेकेंड तक इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे अपने पैरों को नीचे लाएं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
सर्वांगासन-
सर्वांगासन करने से हार्मोनल परिवर्तन के कारण होने वाले मूड स्विंग को कम करने में मदद मिलने के साथ दिमाग शांत और तनाव दूर होता है। सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेटकर अपने पैरों को धीरे-धीरे 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं। अब अपने सिर को आगे लाते हुए ठोड़ी को सीने से सटाते हुए अपने हाथों से कमर को दोनों तरफ से सहारा देते हुए 20-30 सेकेंड तक इसी अवस्था में बने रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
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