World Hypertension Day 2023: हाई बीपी बन सकता है जान के लिए बड़ा खतरा, हार्ट-किडनी हो सकते हैं खराब
World Hypertension Day 2023: चिंता की बात यह है कि दुनियाभर में हृदय रोग और असमय मौतों के प्रमुख कारणों में से एक हाई बीपी है। यह क्रोनिक मेडिकल कंडीशन है जिसके चलते रक्त धमनियों में खून का दबाव काफ

World Hypertension Day 2023: दुनियाभर में हर साल 17 मई को 'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' के रूप में मनाया जाता है। यह खास दिन 'साइलेंट किलर' नाम से फेमस उच्च रक्तचाप रोग के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्धेश्य से मनाया जाता है। बता दें, असामान्य और असंतुलित जीवनशैली उच्च रक्तचाप के जोखिम को बढ़ाती है। चिंता की बात यह है कि दुनियाभर में हृदय रोग और असमय मौतों के प्रमुख कारणों में से एक हाई बीपी है। यह क्रोनिक मेडिकल कंडीशन है जिसके चलते रक्त धमनियों में खून का दबाव काफी बढ़ जाता है। जिसकी वजह से जिगर, गुर्दों, मस्तिष्क, हृदय और आंखों को काफी गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि फोर्टिस अस्पताल (शालीमार बाग) के डायरेक्टर एंड एचओडी कार्डियोलॉजी डॉ नित्यानंद त्रिपाठी का कहना है कि हाइपरटेंशन की वजह से इन अंगों पर होने वाला नुकसान ब्लड प्रेशर के लेवल और उसकी अवधि पर निर्भर करता है।
हाइपरटेंशन के लक्षण-
डॉ नित्यानंद त्रिपाठी बताते हैं कि शुरुआत में, हाइपरटेंशन के कोई खास लक्षण नजर नहीं आते हैं। यही वजह है कि आमतौर पर रोगी समय रहते शरीर पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक असर को पहचान नहीं पाते हैं। जिसकी वजह से धीरे-धीरे यह समस्या बढ़कर कई जटिलताओं को पैदा करने के साथ लोगों के लिए कई स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का कारण बनती है। सिर दर्द, सिर चकराना,थकान और सुस्ती, नींद न आना,दिल की धड़कन बढ़ जाना,सीने में दर्द,तेज सांसें चलना या सांस लेने में तकलीफ होना, आंखों से धुंधला दिखना जैसे कई अन्य लक्षण हैं जो ब्लड प्रेशर होने पर व्यक्ति में नजर आ सकते हैं।
हाइपरटेंशन के साइड इफेक्ट्स-
हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) का सबसे ज्यादा असर हृदय पर पड़ता है। हृदय को संकरी पड़ चुकीं धमनियों में ब्लड को पम्प करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिसके परिणामस्वरूप हृदय का आकार बढ़ जाता है, उसकी मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं और कोरोनरी आर्टरी रोग भी जकड़ लेता है।
दूसरा साइड इफेक्ट्स यह है कि हाइपरटेंशन के कारण हृदय की संरचना और उसकी कार्यप्रणाली पर भी असर पड़ता है, और यह हृदय गति को नियंत्रित करने वाले इलैक्ट्रिकल सिग्नल सिस्टम को खराब कर सकता है। ये बदलाव आगे चलकर हार्ट फेल, हार्ट अटैक और हृदय रोगों की वजह से होने वाली अचानक मौतों का भी कारण बनते हैं।
तीसरा, हाइपरटेंशन की वजह से हृदय के अलावा मस्तिष्क को भी काफी नुकसान पहुंचता है। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से मस्तिष्क की धमनियों में छोटी-मोटी टूट-फूट/कटाव होने लगता है जिसके चलते कॉग्निटिव क्षमता घटने लगती है, याददाश्त से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं और यहां तक कि स्ट्रोक का भी खतरा हो सकता है।
हाइपरटेंशन की वजह से स्ट्रोक का खतरा भी काफी बढ़ जाता है, अमेरिका में यह मृत्यु का पांचवां सबसे प्रमुख कारण है। जब हाइपरटेंशन को सही ढंग से नियंत्रित नहीं किया जाता तो यह मस्तिष्क की रक्त धमनियों को गंभीर रूप से क्षति पहुंचा सकता है, जिसके कारण रक्तप्रवाह प्रभावित होता है और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है। जिसकी वजह से कई बार व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।
चौथा, उच्च रक्तचाप के कारण गुर्दें भी प्रभावित हो सकते हैं। गुर्दे नमक और पानी के स्तर में संतुलन बनाए रखने के साथ ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करने में मददगार होते हैा। लेकिन जब ब्लड प्रेशर लगातार अधिक बना रहता है तो गुर्दों में रक्तप्रवाहित करने वाली धमनियां क्षतिग्रस्त हो सकती हैं जिसके चलते वे ठीक तरीके से फिल्टर नहीं कर पाती हैं। ऐसा होने पर क्रोनिक किडनी डिजीज, किडनी फेल होने की आशंका बढ़ जाती है और मरीज को डायलसिस या किडनी ट्रांसप्लांटेशन की जरूरत हो सकती है।
पांचवां, हाइपरटेंशन के कारण आंखों को, खासतौर से रेटिना को भी नुकसान पहुंच सकता है। रेटिना हमारी आंखों के पिछले भाग में लगा नाजुक टिश्यू होता है जो दृश्य संबंधी सूचनाएं मस्तिष्क को पहुंचाता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण रेटिना की महीन रक्तवाहिकाओं को नुकसान हो सकता है, उनमें मामूली छिद्र/रिसाव, रक्तस्राव और तरल पदार्थों का जमाव जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इस कंडीशन को हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी कहते हैं जिसके कारण मरीज की आंखों की रोशनी को नुकसान हो सकता है। यहीं तक की पूरी तरह से रोगी की आंखों की रोशनी जा सकती है और रेटिनल डिटैचमेंट भी हो सकता है।
उपाय-
सेहतमंद जीवनशैली, नियमित व्यायाम, संतुलित खुराक और वजन को नियंत्रित रखकर हाइपरटेंशन का जोखिम तथा उससे जुड़ी अन्य जटिलताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हाइपरटेंशन से प्रभावित लोगों को अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर से नियमित सलाह लेनी चाहिए। ताकि समय रहते विभिन्न अंगों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
सलाह-
कुल-मिलाकर, हाइपरटेंशन एक व्यापक असर डालने वाली मेडिकल कंडीशन है जो दुनियाभर में लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। साइलेंट किलर नाम से फेमस यह रोग अनगिनत स्वास्थ्य परेशानियां, और हृदय, मस्तिष्क, गुर्दों तथा आंखों को क्षति पहुंचा सकता है। हाइपरटेंशन का जितनी जल्दी पता लगाकर इलाज करवाया जाए, उतना ही अन्य अंगों को नुकसान और अन्य कई गंभीर तथा जीवनघाती कंडीशंस से प्रभावित होने से बचाया जा सकता है।
