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हिंदी न्यूज़ लाइफस्टाइल हेल्थब्रेस्ट में पेन की शिकायत रहती है तो समझें किन वजहों से उठता है Breast Pain

ब्रेस्ट में पेन की शिकायत रहती है तो समझें किन वजहों से उठता है Breast Pain

Breast Pain Causes: महिलाओं को अपने जीवन में कभी ना कभी ब्रेस्ट पेन की तकलीफ होती है। जरूरी नहीं कि ब्रेस्ट में उठने वाला पेन कैंसर के लक्षण हों, कई बार इन वजहों से भी स्तनों में दर्द होता है।

ब्रेस्ट में पेन की शिकायत रहती है तो समझें किन वजहों से उठता है Breast Pain
Aparajitaलाइव हिंदुस्तान,नई दिल्लीThu, 30 Mar 2023 11:45 AM
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स्तनों में दर्द या सूजन को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। हालांकि कुछ कारण काफी सामान्य होते हैं। जिनकी वजह से महिलाओं को अपनी लाइफ में ब्रेस्ट पेन से गुजरना पड़ता है। स्तनों में दर्द के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। जो कभी नॉर्मल तो कभी चिंता का विषय भी होते हैं। हालांकि ब्रेस्ट में दर्द कैंसर का कारण कम ही होते हैं। जब तक कि ब्रेस्ट से लीकेज ना हो रही हो। ब्रेस्ट के दर्द का कनेक्शन काफी पीरियड्स से जुड़ा होता है। 15-50 साल की उम्र में कभी भी स्तनों का दर्द झेलना पड़ सकता है, जिसके ये कारण हो सकते हैं। 

हार्मोंस में चेंज
हार्मोंस में बदलाव की वजह से ब्रेस्ट में दर्द होना काफी सामान्य बात है। पीरियड शुरू होने से पहले ब्रेस्ट में दर्द होता है। जिसे साइकिलिक ब्रेस्ट पेन कहते हैं जो पीरियड शुरू होने के साथ ही चला जाता है। 

कैसे करें बचाव
साइकिलिक ब्रेस्ट पेन को कम करने के लिए अच्छे क्वालिटी की सपोर्टिव ब्रा पहननी चाहिए। जो ब्रेस्ट को सपोर्ट दें। साथ ही गर्म सेंकाई से भी साइकिलिक ब्रेस्ट पेन में आराम मिलता है। 

प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में 
प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में हार्मोंस तेजी से बदलते हैं। जिसकी वजह से ब्रेस्ट में दर्द और टेंडरनेस बनी रहती है। 

गलत ब्रा की वजह से 
कई बार ब्रेस्ट में पेन की वजह गलत टाइप की ब्रा होती है। बहुत ज्यादा टाइट और अंडरवायर ब्रा की वजह से ब्रेस्ट टिश्यूज में द्रद होने लगते हैं। कई बार साइकिलिक ब्रेस्ट पेन होने पर ब्रा की साइज छोटी और अनकंफर्टेबल हो जाती है। ऐसे में सही साइज और सपोर्ट की ब्रा को पहनना चाहिए। जिससे कि ब्रेस्ट पेन से बचा जा सके। 

गलत स्पोर्ट्स ब्रा पहनने की वजह से बहुत सारी महिलाएं एक्सरसाइज के बाद भी ब्रेस्ट में दर्द महसूस करती हैं। इसलिए स्पोर्ट्स ब्रा को भी काफी सोच समझकर चुनना चाहिए। जो पूरी तरह से शरीर को सपोर्ट करे।

ब्रेस्ट सिस्ट
हार्मोंस में उतार-चढ़ाव की वजह से फाइब्रोसिस्टिक चेंज होते हैं। ये सिस्ट नुकसानदेह नहीं होते है। लेकिन काफी अनकंफर्टेबल होते हैं। जिसकी वजह से ब्रेस्ट में भारीपन और गांठ महसूस होती है। फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट नॉन ब्रेस्ट कैंसर की कंडीशन होती है। जो कि महिलाओं में काफी कॉमन है। इसकी वजह से ब्रेस्ट में दर्द महसूस होता है। ब्रेस्ट में सिस्ट होने पर ये लक्षण भी दिख जाते हैं। 

-ब्रेस्ट में भारीपन
-ब्रेस्ट में गांठ
-सेंसिटिव निप्पल
-खुजली

ब्रेस्ट में होने वाली ये तकलीफ मेनोपॉज के साथ ही खत्म हो जाती है। 

ब्रेस्टफीडिंग मॉम के ब्रेस्ट में दर्द
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं को कई बार मासटीटिस हो जाता है। जिसमे स्तनों में सूजन की शिकायत होती है। ये समस्या ज्यादातर इंफेक्शन की वजह से होती है। जिसमे दूध की नलियों से दूध निकलना बंद हो जाता है। ऐसे में स्तनों में दर्द और कसाव महसूस होने लगता है। इस स्थिति में डॉक्टर की मदद से ब्रेस्ट से दूध को बाहर निकालने के लिए इंजेक्शन का सहारा लिया जाता है। 

ब्रेस्ट कैंसर के ये कारण
स्तनों में दर्द की वजह कई बार ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी भी होता है। जिसकी वजह से ब्रेस्ट में सुन्नता आ जाती है और ब्रेस्ट का आकार बढ़ जाता है। 

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