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क्या 8 घंटे की नींद जरूरी है? खर्राटे लेना वाकई नुकसानदेह है, जानें नींद से जुड़े मिथकों की असल सच्चाई

Common Sleep Myths and Facts: कई बार लोग जाने अनजाने नींद से जुड़े फेमस मिथकों पर भी आसानी से भरोसा कर लेते हैं। लेकिन अच्छी सेहत के लिए लोगों को नींद से जुड़े इन मिथकों की सच्चाई पता होना बेहद जरूरी

Manju Mamgain मंजू ममगाईं, नई दिल्लीMon, 24 April 2023 08:10 AM
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क्या 8 घंटे की नींद जरूरी है? खर्राटे लेना वाकई नुकसानदेह है, जानें नींद से जुड़े मिथकों की असल सच्चाई

Common Sleep Myths and Facts: आपको दिन भर फ्रेश और एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए रात को अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी होता है। अच्छी तरह न सो पाने या कम सोने वाला व्यक्ति दिनभर थकान और सुस्ती महसूस करता है। जिसका बुरा असर कई बार उसकी सेहत पर भी पड़ने लगता है। हर किसी के सोने का अपना एक अलग तरीका होता है, लोग बेहतर नींद लेने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। ऐसे में कई बार वो जाने अनजाने नींद से जुड़े फेमस मिथकों पर भी आसानी से भरोसा कर लेता हैं। लेकिन अच्छी सेहत के लिए लोगों को नींद से जुड़े इन मिथकों की सच्चाई पता होना बेहद जरूरी है। जिसके लिए हमने गेटवे ऑफ हीलिंग की संस्थापक और निदेशक व साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी तुगनैत से बात की है। आइए जानते हैं क्या हैं नींद से जुड़े इन मिथकों की सच्चाई।   

मिथक 1 - व्यक्ति को रोज रात 8 घंटे की नींद लेनी जरूरी होती है।
तथ्य:
 सर्च में पाया गया है कि नींद की जरूरतें उम्र और जीवन शैली के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं। कुछ लोगों को रोज रात 7 घंटे से कम की नींद की आवश्यकता हो सकती है, जबकि कुछ को 9 घंटे से अधिक की आवश्यकता हो सकती है। अपने शरीर पर ध्यान दें और अपनी नींद से जुड़ी आदतों को समझें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपको जरूरत के अनुसार नींद मिल रही है।

मिथक 2 - खर्राटे लेना हमेशा नुकसानदेह नहीं होता है।
तथ्य: खर्राटे लेना कुछ लोगों के लिए नींद का एक सामान्य हिस्सा हो सकता है। लेकिन कई बार ये स्लीप एपनिया नामक नींद के विकार का भी संकेत हो सकता है। स्लीप एपनिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें नींद के दौरान व्यक्ति की सांस बार-बार बंध जाती है, जिससे नींद की गुणवत्ता भी खराब होती है और उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। यदि आप या आपका साथी जोर से या बार-बार खर्राटे लेते हैं, तो स्लीप एपनिया या अन्य नींद संबंधी विकारों से बचने के लिए एक्सपर्ट से संपर्क से मिलना एक अच्छा विचार है।

मिथक 3 - एक हफ्ते में एक बार नींद कर सकते हैं पूरी।
तथ्य: हफ्ते में ज्यादा नींद लेने से खोई हुई नींद की भरपाई करने में मदद मिल सकती है। लेकिन बता दें कि ये पुरानी नींद की कमी को पूरा नहीं कर सकता। हफ्ते में सोने से आपके शरीर के प्राकृतिक नींद-जागने के चक्र में रुकावट आ सकती है, जिससे रात में सोना और सुबह उठना कठिन हो जाता है। बेहतर नींद को बढ़ाने के लिए नींद का पैटर्न सही होना जरूरी है। बिस्तर पर जाने का समय एक ही समय पर जागना सबसे अच्छा है।

सलाह- बेहतर नींद लेने के लिए सही पैटर्न जानना चाहते हैं तो ऐसे में आप एक्सपर्ट से संपर्क कर सकते हैं।

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