5 साल से कम उम्र के बच्चों को शिकार बना रहा 'Monkey Pox', जानें स्मॉल पॉक्स से कैसे अलग है ये खतरनाक वायरस
Monkey Pox Virus: मंकीपॉक्स एक दुर्लभ संक्रमण है जो स्मॉल पॉक्स की तरह दिखता है। इस बीमारी में चेचक के लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा इस संक्रामक बीमारी में फ्लू जैसे लक्षण भी मरीज में दिखाई दे सकते
Monkey Pox Virus: कोरोना के खतरे के बीच लोगों के दिलों में दहशत पैदा करने के लिए एक और वायरस ने दस्तक दे दी है। इस वायरस का नाम है मंकीपाक्स। मंकीपॉक्स एक दुर्लभ संक्रमण है जो स्मॉल पॉक्स की तरह दिखता है। इस बीमारी में चेचक के लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा इस संक्रामक बीमारी में फ्लू जैसे लक्षण भी मरीज में दिखाई दे सकते हैं। यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने इसे एक वायरल संक्रमण बताया है, जो लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता, बल्कि यह बीमारी चूहों या बंदरों जैसे संक्रमित जीवों से मनुष्य में फैलती है। आइए जानते हैं आखिर क्या है ये मंकी पॉक्स और स्मॉल पॉक्स से कैसे अलग है ये खतरनाक वायरस।
क्या है मंकी पॉक्स?
मंकी पॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है जो स्मॉल पॉक्स (Smallpox) या छोटीमाता की तरह ही होती है। इसमें भी पीड़ित होने पर फ्लू जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। बीमारी गंभीर हो जाने पर निमोनिया के बाद जानलेवा सेप्सिस के लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं। इसके बाद लिंफ नोड्स में में सूजन आने लगती है फिर चेहरे और बॉडी पर दाने-दाने की तरह लाल रेशेज आने लगते हैं। लिनोक्स हिल हॉस्पिटल न्यूयॉर्क के डॉक्टर रॉबर्ट ग्लैटर के अनुसार मंकीपॉक्स के लिए उसी कुल का वायरस जिम्मेदार है जिस कुल का वायरस स्मॉलपॉक्स के लिए जिम्मेदार होता है।
डॉ. बीएन सिंह, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, फरीदाबाद के प्रसिद्ध चिकित्सक के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस एक डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए, जूनोटिक वायरस और परिवार पॉक्सविरिडे में जीनस ऑर्थोपॉक्सवायरस की एक प्रजाति है। यह मानव ऑर्थोपॉक्सविरस में से एक है जिसमें वेरियोला, काउपॉक्स और वैक्सीनिया वायरस शामिल हैं।
मंकीपॉक्स वायरस का खतरा तब पैदा होता है जब कोई व्यक्ति किसी संक्रमित जानवर, मानव या वायरस के संपर्क में आता है। यह वायरस किसी चोट, सांस के जरिए या फिर आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
डॉ. बीएन सिंह, कहते हैं कि इस वायरस से पीड़ित होने पर व्यक्ति को बुखार होने के लगभग दो से चार दिन बाद, चेहरे और छाती पर पपल्स और पस्ट्यूल के साथ एक जैसे दाने उभरने लगते हैं।
डॉक्टर कहते हैं कि मंकीपॉक्स वायरस चेचक से भिन्न वायरस परिवार से है। हालांकि, चिकनपॉक्स और चेचक की तरह, मंकीपॉक्स एक दाने का कारण बनता है जो गोल चेचक में बदल जाता है और जो ऊपर से पपड़ीदार होकर शरीर पर निशान बना सकता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण-
मनुष्यों में, मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान लेकिन हल्के होते हैं। मंकीपॉक्स की शुरुआत बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकावट से होती है।
चेचक और मंकीपॉक्स के लक्षणों में अतंर-
चेचक और मंकीपॉक्स के लक्षणों के बीच मुख्य अंतर यह है कि मंकीपॉक्स के कारण लिम्फ नोड्स सूज जाते हैं (लिम्फैडेनोपैथी) जबकि चेचक नहीं होता है। मंकीपॉक्स के लिए ऊष्मायन अवधि (संक्रमण से लक्षणों तक का समय) आमतौर पर 7-14 दिनों का होता है, लेकिन यह 5−21 दिनों तक हो सकता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान लेकिन हल्के होते हैं। मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षणों में फ्लू जैसे लक्षण शामिल हैं जैसे:
-बुखार।
-ठंड लगना।
-सिर दर्द।
-मांसपेशियों में दर्द।
-थकान।
-सूजी हुई लसीका ग्रंथियां।
एक से तीन दिनों के बाद, उभरे हुए धक्कों के साथ एक दाने का विकास होता है। दाने अक्सर आपके चेहरे पर शुरू होते हैं और फिर आपके हाथों की हथेलियों और आपके पैरों के तलवों सहित आपके शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। दाने सपाट, लाल धक्कों के रूप में शुरू होते हैं। जो बाद में छाले फफोले में बदलकर मवाद से भर जाते हैं। कई दिनों के बाद, ये छाले ऊपर की तरफ उठ जाते हैं।
मंकीपॉक्स संक्रमण का उपचार-
वर्तमान में, मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के लिए कोई सिद्ध, सुरक्षित उपचार नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका में एक मंकीपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित करने के प्रयोजनों के लिए, चेचक के टीके, एंटीवायरल और वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन (VIG) का उपयोग किया जा सकता है।